ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड का खिताब कब जीता था ? when aishwarya rai became miss world in hindi
when aishwarya rai became miss world in hindi ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड का खिताब कब जीता था ?
ऐश्वर्या राय बच्चन
वर्ष 1994 में भारत के लिए ‘मिस वर्ल्ड‘ का खिताब जीतने वाली भारत की दूसरी महिला थीं। इससे उन्हें बॉलीवुड में पाँव जमाने में सुगमता हुई, जहां उसने ‘हम दिल दे चुके सनम‘, ‘देवदास‘, ‘ताल‘, इत्यादि फिल्मों के माध्यम से अपना स्थान बनाया। ‘चोखेर बाली‘, तथा रितुपर्णा घोष की फिल्म ‘रेनकोट‘ के माध्यम से उन्हें आलोचकों की प्रशंसा भी मिली।
उन्होंने हॉलीवुड की कई फिल्मों में अभिनय किया है, तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सर्किट में अपनी पहचान बना रही हैं। वे कान फिल्म महोत्सव के निर्णायक मंडल का अंग रही हैं तथा उन्हें पद्म श्री तथा फ्रांस की सरकार से ऑर्डर ऑव आर्ट्स एंड लेटर्स सम्मान भी प्राप्त हुए हैं।
हृषिकेश मुखर्जी
अपने समय के महानतम निर्देशकों में सम्मिलित, हृषिकेश मुखर्जी को ‘हृषि दा‘ के रूप में भी जाना जाता है। उनकी ख्याति एक उत्कृष्ट और निपुण सम्पादक, लेखक और निर्माता की भी रही है। अपने जीवन काल में उन्होंने न केवल 50 फिल्मों का निर्देशन किया, बल्कि उन में से अधिकाँश को उन्होंने ही लिखा। अपने करियर का आरम्भ उन्होंने बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन‘ से की, तथा राज कपूर के द्वारा उन्हें ‘अनाड़ी‘ के निर्देशन के लिए चुना गया जो उनकी प्रथम व्यावसायिक सफलता सिद्ध हुई। उन्हें उनकी फिल्मों ‘आनंद‘, ‘अभिमान‘, ‘गोलमाल‘, ‘चुपके-चुपके‘ तथा ‘मिली‘, आदि के लिए सर्वाधिक याद किया जाता है। 70 के दशक में अधिकाँश सफल फिल्मों का लेखन, निर्देशन या निर्माण उन्होंने ही किया था। ‘अनुराधा‘ के लिए उन्हें राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। उन्हें वर्ष 1999 में दादासाहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान, तथा वर्ष 2001 में पद्म विभूषण पुरस्कार प्रदान किए गए। उनका देहांत वर्ष 2006 में हो गया।
कमाल अमरोही
सैयद आमिर हैदर कमाल भारतीय सिने-प्रेमियों के मन में ‘पाकीजा‘ के निर्देशक के रूप में अमर हैं। अमरोही अपने लेखन कौशल के लिए जाने जाते थे तथा उन्होंने हिंदी तथा उर्दू में कविताएं लिखी है। उन्हें के.आसिफ. निर्देशित महान फिल्म ‘मुगल-ए-आजम‘ का स्क्रिप्ट लिखने के लिए भी प्रसिद्धि प्राप्त हुई। फिल्म निर्माण में उनकी रुचि के लिए भी उन्हें जाना जाता था तथा वर्ष 1953 में ‘कमाल पिक्चर्स‘ की स्थापना की तथा पांच वर्ष बाद कमालिस्तान स्टूडियो भी बनाया । उन्हें सर्वश्रेष्ठ डायलग के लिए भी फिल्मफेयर पुरस्कार प्रदान किया गया।
मीरा नायर
मीरा नायर न्यूयॉर्क में बसी भारतीय मूल की फिल्मकार हैं। वे ‘मिसिसिपी मसाला‘ ‘द नेमसेक‘, इत्यादि जैसी वैश्विक अपील वाली स्वतंत्र समानान्तर फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। उन्हें आलोचकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग‘ से अचानक ख्याति प्राप्त हुई, तथा इस फिल्म के लिए उन्हें गोल्डन लायन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। उनकी एक अन्य फिल्म सलाम बॉम्बे को विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में एकेडमी अवार्ड के लिए भी नामित किया गया था। वे सलाम बालक न्यास के माध्यम से समाज सेवा कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं जो बच्चों को वेश्यावृत्ति से बचाती है। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा पद्म भूषण सम्मान भी प्राप्त हुआ।
गुरुदत्त
गुरु दत्त का पूरा नाम गुरु दत्त शिव शंकर पादुकोण था, और आरम्भ में वे एक नर्तक थे। किन्तु बॉम्बे आ कर उन्होंने सदायक निर्देशक के रूप में अपने कैरियर का आरम्भ किया। बड़े स्तर पर लोगों की स्वीकृति पाने वाली उनकी प्रथम फिल्म देव आनंद के साथ थी ‘आर पार‘। तत्पश्चात, उन्हें ‘प्यासा‘ और ‘कागज के फूल‘ के लिए ढेरों प्रशंसा मिली। उन्होंने ‘चैदहवीं का चाँद‘ और ‘साहब, बीवी और गुलाम‘ जैसे फिल्मों को अभिनीत और निर्देशित किया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा ‘साहब, बीवी और गुलाम‘ के लिए फिल्मड़ेयर पुरस्कार प्रदान किया गया।
राज कपूर
राज कपूर को शोमैन ऑफ इण्डियन सिनेमा के रूप में अधिक लोकप्रियता प्राप्त है, तथा उन्हें भारत के सर्वोत्कृष्ट अभिनेताओं में से एक माना जाता है। वह एक सुप्रसिद्ध निर्माता और निर्देशक भी थे। उन्होंने आवारा और बूट पॉलिश जैसी फिल्मों के माध्यम से नव स्वतंत्र भारत में प्रासंगिक मुद्दों पर लोगों का ध्यान खींचा। भारतीय सिनेमा को उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण तथा दादासाहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अभिनय, निर्देशन तथा निर्माण के लिए उन्हें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा नौ फिल्मफेयर पुरस्कार प्रदान किए गए थे।
अमिताभ बच्चन
वे हमारे समय के सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं, तथा 40 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्हें समाज की कुरीतियों से लड़ने वाले भाग्य के खोटे युवक की भूमिकाएं निभाने के लिए ‘एंग्री यंग मैन‘ के रूप में अपार ख्याति प्राप्त हुई। उन्होंने फिल्म निर्माण के बहुत-से क्षेत्रों, यथा गायन, लेखन तथा उनके प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति‘ के टेलिविजन प्रस्तुतकर्ता के रूप में अपने हाथ आजमाए। उन्होंने दीवार, शोले, चुपके-चुपके, नमक हराम, इत्यादि फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें ढेरों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, किन्तु पद्म श्री (1984), पदम भूषण (2001) तथा हाल ही में दिए गए पद्म विभूषण (2015) का विशेष महत्व है। उन्हें फ्रांस सरकार के द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑफ ऑनर‘ भी प्रदान किया गया।
नर्गिस दत्त
यद्यपि उनका मूल नाम फातिमा राशीद था, उन्होंने अपना नाम बदल कर निर्मला दत्त रख लिया, तो भी उनका फिल्मी नाम सदा नर्गिस ही रहा। ‘मदर इंडिया‘ में मुख्य भूमिका निभाने के पश्चात, उनका नाम अमर हो गया। इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भी नामित किया गया। इस फिल्म के लिए उन्हें आलोचकों की प्रशंसा तथा बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता मिली।
उन्होंने ‘बरसात‘, ‘आवारा‘, ‘श्री 420‘, इत्यादि फिल्मों में भी अभिनय किया। भारतीय सिनेमा को उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा कई ‘फिल्मफेयर‘ पुरस्कार प्राप्त हुए। उनके नाम पर डाक टिकट भी घरी किया गया।
शाहरुख खान
‘किंग ऑव बॉलीवुड‘ के रूप में अधिक विख्यात हैं, तथा वे एक प्रमुख भारतीय अभिनेता और निर्माता हैं। वह भारत के सर्वाधिक ख्याति प्राप्त करने वाले अभिनेताओं में से एक हैं, तथा उन्होंने प्रतिष्ठित फिल्मों, यथा ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे‘, ‘कुछ-कुछ होता है‘, ‘देवदास‘, ‘स्वदेश‘, ‘चक दे इंडिया‘, इत्यादि, में काम किया है। वे आई.पी.एल. फ्रेंचाइजी ‘कोलकाता नाइट राइडर्स‘ के साथ भी जुड़े हुए हैं। उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, यथा पद्मश्री तथा 14 फिल्मफेयर पुरस्कार। उन्हें फ्रांस सरकार की ओर से सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑव ऑनर‘ प्रदान किया जा चुका है।
शबाना आजमी
शबाना न केवल एक असाधारण अभिनेत्री हैं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं जिन्होंने फिल्मों में महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित मुद्दों पर लोगों का ध्यान खींचा है। वह प्रसिद्ध उर्दू शायर कैफी आजमी की पुत्री हैं। उन्होंने अपने अभिनय का आरम्भ ‘अंकर‘ से किया जिसका निर्माण श्याम बेनेगल ने किया था, तथा उन्हें इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्होंने व्यावसायिक हिंदी फिल्मों, यथा ‘अमर अकबर एन्थोनी‘, ‘फकीरा‘, इत्यादि तथा वैकल्पिक सिनेमा, यथा ‘गॉडमदर‘, ‘अर्थ‘, आदि में खूब नाम कमाया। ‘फायर‘ फिल्म में काम करने के कारण दीपा मेहता ने उन्हें विवाद में घसीट दिया। उन्हें कई पुरस्कार, यथा पद्म श्री, राजीव गांधी सम्मान, इत्यादि प्राप्त हुए।
मनोज ‘नाइट‘ श्यामलन यद्यपि उनका जन्म भारत में हुआ था, मनोज नेलियाटू श्यामलन संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। वे एक प्रशंसित स्क्रिप्ट लेखक तथा निर्देशक हैं। उन्हें उनके ‘डार्क कॉन्टेंट‘ के लिए जाना जाता है, तथा उन्होंने ‘प्रेइंग विथ ऐंगर‘, ‘वाइड अवेक‘ तथा ‘द सिक्स्थ सेन्स‘ नामक एक फिल्म-त्रय का निर्देशन भी किया है।
‘द सिक्स्थ सेन्स‘ उनकी सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता थी जिससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक तथा सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले के लिए ऑस्कर पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, तथा वे हॉलीवुड के सबसे जाने-माने भारतीय नाम हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics