WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

लेंस क्या है और लेंस के प्रकार , what is lens and types of lens in hindi , उत्तल लेंस , अवतल लेन्स

प्रकाशिक सधन माध्यम:
ऐसा माध्यम जिसके अपवर्तनांक का मान ज्यादा होता है प्रकाशिक सघन माध्यम कहलाता है। यह प्रकाशिक रूप से सघन होता है।
प्रकाशिक विरल माध्यम : 
ऐसा माध्यम जिसके अपवर्तनांक का मान कम होता है प्रकाशिक विरल माध्यम कहलाता है। यह प्रकाशिक रूप से विरल होता है। जैसे की किरोसिन तेल का अपवर्तनांक 1.44 है तथा बर्फ का अपवर्तनांक 1.31 है। इसी प्रकार से किरोसिन तेल बर्फ की तुलना में सघन माध्यम होता है तथा बर्फ किरोसिन तेल की तुलना में विरल माध्यम होता है।
विभिन्न माध्यम में प्रकाश की गति: 
प्रकाश की गति निर्वात में 3×108 m/s होती है जो की सबसे ज्यादा होती है। प्रकाश की गति सघन माध्यम में कम होती है तथा विरल माध्यम में ज्यादा होती है। इसी वजह से सघन माध्यम में प्रकाश की गति कम होने पर इसका अपवर्तनांक बढता जाता है तथा विरल माध्यम में प्रकाश की गति ज्यादा होने पर इसका अपवर्तनांक घटता जाता है।
उदाहरण: क्राउन ग्लास का अपवर्तनांक 1.52 तथा संगलित क्वार्ज का 1.46 होता है। इसी वजह से प्रकाश की गति संगलित क्वार्ज की तुलना में क्राउन ग्लास में कम होती है।
सधन माध्यम में प्रकाश की गति कम होती है, इसी कारण से जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है तो वह अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है। जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो प्रकाश की किरणें अभिलम्ब से दूर मुड़ जाती है क्योकि विरल माध्यम में प्रकाश की गति ज्यादा होती है।
प्रकाश का अपवर्तन विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की गति के बढ़ने या कम होने के कारण ही होता है।
लेंस (Lens)
कोई पार्दर्शी माध्यम जो की दो पृष्ठों के घिरने से बना होता है जिसके एक या दोनों पृष्ठ गोलीय होते है लेंस कहलाता है। लेंस का कम से कम एक पृष्ठ गोलीय होता है।
लेंस के प्रकार: लेंस को दो भाग में बाँटा गया है
1. उत्तल लेंस
2. अवतल लेंस
1.उत्तल लेंस 
ऐसा लेंस जिसके दोनों गोलीय पृष्ठ जो की बाहर की ओर उभरे होते है उत्तल लेंस (Convex lens) कहलाता हैं। उत्तल लेंस को डबल उत्तल लेंस भी कहते हैं।
एक उत्तल लेंस किनारों की अपेक्षा मध्य भाग में मोटा होता है। उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस भी कहते हैं क्योकि उत्तल लेंस प्रकाश की किरणों को अभिसरित करता है।
2.अवतल लेंस 
ऐसा लेंस जिसके दोनों गोलीय पृष्ठ जो की अन्दर की ओर वक्रित होते है अवतल लेंस कहलाता हैं। अवतल लेंस को डबल अवतल लेंस भी कहते हैं। एक अवतल लेंस बीच की अपेक्षा किनारे से मोटा होता है।
अवतल लेंस को अपसारी लेंस भी कहा जाता है क्योकि यह प्रकाश की किरणों को अपसरित करता है।
गोलीय लेंस से संबधित महत्वपूर्ण पद
वक्रता केन्द्र :
एक गोलीय लेंस जो की दो गोले के सतह के जुड़ने से बनता है, एक गोलीय लेंस जिन दो गोले से बना होता है के केन्द्र को उस गोलीय लेंस का वक्रता केन्द्र कहते है। चूँकि एक गोलीय लेंस दो गोलों के भागों को मिलने से बनता है, अत: एक लेंस के दो वक्रता केन्द्र होते है। एक गोलीय लेंस के वक्रता केन्द्रों को क्रमश: C1 तथा C2 से निरूपित किया जाता है।
प्रकाशिक केन्द्र :
लेंस का केन्द्रीय बिन्दु उस लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है। प्रकाशिक केन्द्र को प्राय: O अक्षर से निरूपित किया जाता है।
मुख्य अक्ष :
एक गोलीय लेंस जो की दो गोलों से मिलकर बना होता है उन दो गोलों के वक्रता केन्द्रों से गुजरने वाली सीधी काल्पनिक रेखा को लेंस का मुख्य अक्ष कहते है।
मुख्य फोकस:
अनंत से आने वाली प्रकाश की किरणें, जो कि मुख्य अक्ष के समानांतर होती हैं, उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात जिस बिन्दु पर अभिसरित होती है या अवतल लेंस के जिस बिन्दु से अपसरित होती है, उस बिन्दु को लेंस का मुख्य फोकस कहते हैं।
किसी भी लेंस के दो मुख्य फोकस होते है, जो कि लेंस के दोनों तरफ होता है।लेंस के मुख्य फोकस को अक्षर F1 तथा F2 से निरूपित किया जाता है।
फोकस दूरी (f):
लेंस के मुख्य फोकस तथा प्रकाशिक केन्द्र के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। फोकस दूरी को अक्षर f से निरूपित किया जाता है।
वक्रता केन्द्र तथा प्रकाशिक केन्द्र के बीच की दूरी का आधा फोकल दूरी के बराबर होता है।
C=2f
गोलीय लेंस से अपवर्तन
मुख्य अक्ष के समानांतर आने वाली प्रकाश की किरणों का उत्तल लेंस से अपवर्तन
प्रकाश की किरणें जो की मुख्य अक्ष के समानांतर आती है उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात उसके मुख्य फोकस से गुजरती है।
मुख्य अक्ष के समानांतर आने वाली प्रकाश की किरणों का अवतल लेंस  से अपवर्तन
प्रकाश की किरणें जो की मुख्य अक्ष के समानांतर आती है और अवतल लेंस से अपवर्तन के पश्चात उसके मुख्य फोकस से गुजरती हुई प्रतीत होती है।
इसी प्रकार से उत्तल लेंस और अवतल लेंस से अपवर्तन के बाद यह मुख्य फोकस से गुजरती हुई प्रतीत होती है।