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सदिश व अदिश राशि क्या है , परिभाषा , उदाहरण vector and scalar quantity in hindi

vector and scalar quantity in hindi  सदिश व अदिश राशि क्या है , परिभाषा , उदाहरण :  अभी तक के अध्ययन में हमने पढ़ा है की किसी भी भौतिक राशि को दर्शाने के लिए मात्रा और मात्रक की आवश्यकता होती है लेकिन किसी भी भौतिक राशि को पूर्ण रूप से दर्शाने के लिए मात्रा , मात्रक के साथ साथ इसकी दिशा का भी ज्ञान होना आवश्यक है।

उदाहरण के लिए माना एक व्यक्ति 5 किलोमीटर चलता है , यहाँ हम देख सकते है की राशि की परिमाण 5 है और मात्रक किलोमीटर है अर्थात यह दूरी है लेकिन यहाँ अस्पष्ट है की वह किस दिशा में 5 किलोमीटर चला , अगर इसकी दिशा ज्ञात हो तो हम उस व्यक्ति की वर्तमान स्थिति बता सकते है , अत: किसी भौतिक राशि के परिमाण व मात्रक के साथ साथ उसकी दिशा का भी वर्णन होना आवश्यक है।
राशियाँ दो प्रकार की हो सकती है –
1. सदिश राशियाँ
2. अदिश राशियाँ

सदिश राशियाँ (vector quantity)

वे राशियाँ जिनमे भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए परिमाण , मात्रक के साथ उसकी दिशा का भी वर्णन आवश्यक हो सदिश राशि कहलाती है।
सदिश राशियाँ सदिश संयोजन नियम की पालना करते है।
सदिश राशियों के उदाहरण – बल , विस्थापन , वेग , त्वरण आदि।
इन राशियों में यदि दिशा नहीं दी गयी हो तो ये अधूरी मानी जाती है जैसे किसी वस्तु पर 5 न्यूटन बल लग रहा है , यहाँ परिमाण व मात्रक दोनों दिए हुए है लेकिन बल किस दिशा में लग रहा है यह स्पष्ट नही है अत: इसे पूर्ण रूप से तब तक व्यक्त नहीं किया जा सकता जब तक इसमें इसकी दिशा न दी गयी हो।

अदिश राशियाँ (scalar quantities)

वे राशियाँ जिनको पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण व मात्रक की आवश्यकता होती है दिशा की नहीं।
अर्थात अदिश राशि में दिशा का वर्णन होना आवश्यक नहीं होता है।
उदाहरण : कार्य , समय आदि।
कार्य व समय दोनों अदिश राशियाँ है क्योंकि इनको व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण व मात्रक की आवश्यकता होती है , इनको व्यक्त करने के लिए दिशा का वर्णन आवश्यक नहीं होता है।
अदिश राशियों में जोड़ , घटाना , गुणा , भाग आदि सामान्य बीजगणित की तरह ही होता है।