भूकंप के प्रकार (types of earthquake) , भारत में भूकम्प (earthquake in india) , भूकंप का वितरण (distribution of earthquake)
भूकंप के प्रकार (types of earthquake)
2. स्थिति के आधार पर
3. अवकेन्द्र की गहराई के आधार पर
भूकंप का वितरण (distribution of earthquake)
1. परिप्रशांत महासागरीय पेटी : यह विश्व की सबसे प्रमुख भूकंप पेटी होती है क्योंकि विश्व के लगभग दो तिहाई (2/3 rd) या लगभग 63% भूकंप इसी पेटी क्षेत्र में आते है।
यह पेटी अभिसारी प्लेट किनारों पर स्थित है और चूँकि यह एक सक्रीय ज्वालामुखी पेटी होती है इसलिए इस पेटी क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकम्प आते है। इस पेटी क्षेत्र में विवर्तनिक , ज्वालामुखी और समस्थितिक प्रकार के भूकम्प आते है।
इस पेटी क्षेत्र में दक्षिणी अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग के भूकम्प शामिल है और इसके साथ ही जापान और फिलीपींस के भूकम्प भी इसी पेटी क्षेत्र से सम्बन्धित है।
2. मध्य महाद्वीपीय पेटी : यह पेटी महाद्वीपीय प्लेटो के मध्य अभिसारी प्लेट किनारों पर स्थित होती है। इस पेटी क्षेत्र में विश्व के लगभग 21% भूकम्प आते है अत: यह दुसरे नंबर की प्रमुख पेटी है। चूँकि यहाँ अभिसारी प्लेट किनारे है और अभिसारी प्लेट किनारे होने के कारण ही यहाँ उच्च तीव्रता के भूकम्प आते है।
इस पेटी क्षेत्र में भारत , दक्षिणी यूरोप , पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में आने वाले भूकम्प सम्मिलत है।
3. मध्य महासागरीय पेटी : यह पेटी महासागरीय क्षेत्र में अपसारी प्लेट किनारों पर स्थित है। अपसारी प्लेट किनारों पर स्थित होने के कारण इस पेटी क्षेत्र में मध्यम तीव्रता के भूकम्प आते है।
यह भुकम्प महासागरीय कटक वाले क्षेत्र में आते है।
4. अन्य क्षेत्र : भूकम्प कई अन्य क्षेत्रो में आते है जैसे खनन , विस्फोट , बाँध वाले क्षेत्र , ज्वालामुखी तप्त स्थल , भ्रंश निर्माण वाले क्षेत्र , पूर्वी अफ़्रीकी भ्रंश घाटी वाले क्षेत्र में भी भूकम्प आते है।
भारत में भूकम्प (earthquake in india)
भारत में भूकम्प का मापन (earthquake measurement in india)
भारत के भूकंपीय क्षेत्र का भारत में भूकम्प का वितरण (distribution of earthquake in india)
समभूकंपीय रेखा (iso seismic line) : वह रेखा जो समान भूकंपीय तीव्रता वाले स्थानों को जोडती है उस रेखा को सम भूकंपीय रेखा कहते है।
होमो सिस्मल रेखा (homoseismal line) : वह रेखा जो उन क्षेत्रो को जोडती है जहाँ एक ही समय पर भूकम्प आते है।
भूकम्प के प्रभाव (effects of earthquake)
- पृथ्वी की आंतरिक संरचना में सहायता मिलती है।
- भूकम्प के कारण कुछ भू-भाग ऊपर की ओर उठ जाते है जिसके कारण भूमि प्राप्त होती है जैसे द्वीप।
- भूकम्प के कारण जब तटवर्ती क्षेत्र में कोई भू-भाग धंसता है तो गहरे बंदरगाह का निर्माण होता है।
- भूकम्प के कारण जान-माल की हानि होती है।
- अवसंरचनाओ का विनास होता है।
- अन्य आपदाओ को बढ़ावा मिलता है जैसे ज्वालामुखी , भूस्खलन , हिम-स्खलन , बाढ़ आदि।
- भूकम्प के कारण आर्थिक , सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से नुक्सान होता है।
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