केंकड़े और मिलीपीड क्या होते है | केकड़े का वैज्ञानिक नाम कहाँ पाए जाते है लक्षण True crabs in hindi
True crabs in hindi केंकड़े और मिलीपीड क्या होते है | केकड़े का वैज्ञानिक नाम कहाँ पाए जाते है लक्षण ?
उत्तर : केकड़ा का वैज्ञानिक नाम “Brachyura” होता है |
केंकड़े और मिलीपीड
केंकड़े
केंकड़े आर्थोपोडा के क्रस्टेशिया समूह में आते हैं। ये जलीय जन्तु हैं। राइस फील्ड कैब पेराटेलफुसा हाइड्रोड्रमस का शरीर अण्डाकार अ
और वक्षीय (theracic) हिस्से में नीचे से चिपकाध्तहदार (tucked) होता है। यह खेतों के बण्ड (मेंढों) के किनारे, सिंचाई की नहरों आदि में बने छेदों में रहता है, जहां पानी रुकता नहीं है। इन छेदों के आसपास मिट्टी के ढेर से इनके प्रवेश द्वार को सुरक्षित बनाया जाता है। एक संक्रमित खेत में एक हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 300-700 केंकड़े देखे जाते हैं। एक मादा. जन्तु अपनी थैलेनुमा पेट की परत में लगभग 200 अण्डे रख सकती है ।
क्षति का प्रकार
केंकड़े जमीन के स्तर पर छोटे पौधों (seedlings) को कुतर देते हैं और अपने भोजन के लिए इन्हें छेदों में ले जाते हैं। फसलों को नुकसान पहुंचाने के अलावा मेढ़ों में केंकड़ों द्वारा बनाए गए गढ्ढों से पानी के रिसने से नुकसान होता है ।
प्रबंधन
ऽ हाथ से बीन कर उठाना और फेंकना। खेत के पास जमीन से सटाकर 4-5 गनी बैग रखें। केंकड़ों की इनके नीचे जमा होने की आदत होती है ।
ऽ वारफेरिन (0.05 प्रतिशत) रहित विष युक्त प्रलोभ (bait) ।
ऽ खेत में पानी की पतली तह पर 0.05 प्रतिशत पैराथियॉन का छिड़काव और 3 दिन बाद पानी को निकाल देना ।
ऽ केंकड़ों के प्रभाव की गहराई को दखते हुए तालाब के बगुलों, अर्डेओला ग्रेयी और चूहों जैसे प्राकृतिक जैविक नियंत्रण को प्रोत्साहन देना ।
बोध प्रश्न 3
प) फसलों पर केंकड़ों द्वारा हुई क्षति के प्रकार का वर्णन करें।
पप) केंकड़ों के प्रबंधन के लिए उन दो रसायनों के नाम लिखिए जो स्थानिक क्षेत्रों में न्यायसंगत रूप से उपयुक्त है ।
उत्तर –
3) प) केंकड़े पौधों को जब वे भूमि स्तर पर ही होते हैं, उन्हें काट कर फेंक देते हैं और उन्हें भोजन के लिए उनके छेदों में ले जाते हैं
पप) वारफेरिन (0.025 प्रतिशत) पैराथिऑन (0.025 प्रतिशत)
.
मिलीपीड
मिलीपीड भी आर्थोपोडा के सदस्य हैं, जो रात्रिचर हैं और पत्तियों, पत्थरों, पेड़ों की छाल और लकड़ी के लठ्ठों के नीचे और मिट्टी में भी
रहते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है इनमें बहुत संख्या में पैर होते हैं।
भारत में आम तौर पर पाए जाने वाले मिलीपीड हैं महाराष्ट्र में ज्वार पर पाई जाने वाली लुलास प्रजाति और टेपियोका पर हार्परोस्ट्रेप्टस
प्रजाति। ये भरे-काले रंग के, लगभग 8.7 से.मी. लम्बाई वाले होते हैं। कुछ मिलीपीड खेत के अंदर मूंगफली की गिरी (kernel) खा कर गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
क्षति का प्रकार
व्यस्क और तरुण जन्तु नए रोपे गए पौधे की कोमल कलियों और जड़ों को खाते हैं । टेपियोका के मिलीपीड नए रोपे गए पौधों की
कोमल कलियां और जड़े खाकर उनका विकास रोक देते हैं और अधिकतर पौधा मर जाता है ।
प्रबंधन
इन जीवों को कार्बारिल 50 WP (क्लेदनीय पाउडर) 10 भाग $ गुड़ 2 भाग $ धान की भसी 18 भाग मिलाकर विषैला प्रलोभक बनाकर
नष्ट किया जा सकता है। बढ़ती हुई आबादी को हाथ से (किसी पत्थर आदि से) मारकर भी मिलीपीड की संख्या घटाने में सहायता
मिलती है ।
बोध प्रश्न 4
प) मिलीपीड द्वारा आक्रमण की जाने वाली कुछ फसलों के नाम बताएं।
पप) मिलीपीड के लिए विषैला प्रलोभक बनाने का संघटन लिखें।
उत्तर –
4) प) ज्वार और टेपियोका
पप) कार्बारिल 50 WP 10 भाग $ गुड़ 2 भाग $ चावल की भूसी 18 भाग
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