भारत में परिवहन प्रणाली pdf download भारत में परिवहन क्षेत्र के नाम क्या क्या हैं transport systems in india in hindi
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भारत में परिवहन
सड़क परिवहन
ऽ भारत का सड़क नेटवर्क (लगभग 41 लाख किमी) विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। भारतीय सड़क परिवहन को तीन वर्गों में बांटा गया है।
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग
(ii) राज्यों के राजमार्ग
(iii) प्रमुख जिला एवं ग्रामीण सड़कें
ऽ राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) देश की सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। यह मुख्यतः एनएचएआई द्वारा फेज-1 से VII के अंतर्गत कार्यान्वित होती है।
ऽ स्वर्णिम चतुर्भुज में सड़कों की 5846 किमी लंबाई शामिल है और यह प्रमुख शहरों-दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ती है। (एनएचडीवी फेज-I के अंतर्गत) चेन्नई से कोलकाता का हिस्सा सबसे बड़ा (1684 किमी) है।
ऽ उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडर की लंबाई 7142 किमी है।
ऽ यह उत्तर में श्रीनगर और दक्षिण में कन्याकुमारी को जोड़ता है और पूर्व में सिलचर को पश्चिम में पोरबंदर से जोड़ता है। (एनएचडीपी फेज-I)
ऽ आजादी से पहले ग्रैंड ट्रंक रोड कोलकाता से पेशावर के बीच थी। लेकिन बंटवारे के बाद यह अमृतसर को कोलकाता से जोड़ती है। एनएच-1 और एनएच-2 को मिलाकर ग्रैंड ट्रंक रोड बनती है।
ऽ महाराष्ट्र में सड़कों की लंबाई सर्वाधिक है जबकि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई सर्वाधिक (7818 किमी) है।।
राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेस वे 70,934 किमी
राज्य राजमार्ग/एक्सप्रेस वे 1,54,522 किमी
अन्य उच्च पथ/एक्सप्रेस वे 3,88,4136 किमी
ऽ सड़क परिवहन कुल परिवहन का लगभग 80ः है।
ऽ जवाहर सुरंग एनएच 1A में स्थित है जो जालंधर को उरि से जम्मू व श्रीनगर होते हुए जोड़ती है। भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 47। है।
ऽ विश्व की सबसे ऊंची सड़क मनाली-लेह राजमार्ग है।
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
ऽ राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 70934 किलोमीटर है। यह देश के सड़कों की कुल लंबाई का मात्र 1.7% है किन्तु यह 40% सड़क यातायात वहन करती है।
ऽ राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, प्रबंधन व रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। इसका नियंत्रण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।
ऽ देश में कुल 77 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जिनकी संख्या 1 से 56 है।
प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग
NH1 दिल्ली-अमृतसर
NH2 दिल्ली-कोलकाता
NH3 आगरा-मुंबई
NH4 थाणे-चेन्नई
NH5 बाहरागोरा-चेन्नई (पूर्वी तट)
NH6 धुले-कोलकाता
NH7 वाराणसी-कन्याकुमारी (देश का सबसे लंबा राजमार्ग)
NH8 दिल्ली-मुंबई
NH15 पठानकोट-समख्याली (भारत-पाक सीमा)
NH17 पनवेल-इडापल्ली (पश्चिमी तट)
NH28 दिल्ली-लखनऊ
रेल परिवहन
ऽ भारत की रेल प्रणाली एशिया की दूसरी सबसे बड़ी (चीन के बाद) व विश्व की चैथी सबसे बड़ी (अमेरिका, रूस व चीन के बाद) प्रणाली है।
ऽ भारत में पहली रेलगाड़ी लार्ड डलहौजी द्वारा 1853 ई. में मुंबई से थाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी पर चलायी गयी थी।
ऽ 1924-25 में रेल बजट को आम बजट से अलग कर दिया गया ।
ऽ भारतीय रेल बोर्ड की स्थापना 1905 में हुई।
ऽ वर्तमान में भारतीय रेल के पास 1,13,617 किमी रेल लाइन है।
ऽ भारतीय रेल का 43% रेल मार्ग विद्युतीकृत है।
ऽ रेल जोनों की संख्या 17 है। उत्तर जोन सबसे बड़ा है। 2011 के आरंभ में कलकत्ता मेट्रो को 17वां जोन घोषित किया गया था।
रेलवे जोन
रेलवे नेटवर्क को 16 जोन में बांटा गया है। ये जोन निम्नलिखित हैं:
रेलवे जोन मुख्यालय
मध्य रेलवे मुंबई बीटी (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल)
पूर्वी रेलवे कोलकाता
उत्तर रेलवे नई दिल्ली
पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर
उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे मालेगांव (गुवाहाटी)
दक्षिण रेलवे चेन्नई
दक्षिण मध्य रेलवे सिकंदराबाद
दक्षिण पूर्व रेलवे कोलकाता
पश्चिम रेलवे चर्च गेट, मुंबई
पूर्वी-मध्य रेलवे हाजीपुर
पूर्वी तटवर्ती रेलवे भुवनेश्वर
उत्तर-मध्य रेलवे इलाहाबाद
उत्तर-पश्चिम रेलवे जयपुर
दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर
दक्षिण-पश्चिम रेलवे हुबली
पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर
ऽ सबसे पुराना भापचालित इंजन फेरीक्वीन अभी भी चलाया जाता है।
ऽ दूरी और समय की दृष्टि से सबसे बड़ी: विवेक एक्सप्रेस (डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक), 4278 किमी. की यात्रा लगभग 82 घंटे में पूरी करती है।
नोट: इस रेलगाड़ी का नाम प्रसिद्ध भारतीय संत स्वामी विवेकानंद के नाम पर विवेक एक्सप्रेस रखा गया।
ऽ भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस (फरीदाबाद-आगरा खण्ड पर 140 किमी/घंटा)
ऽ राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ‘पैलेस ऑन व्हील‘ रेलगाड़ी भाप इंजन के साथ चलाई जाती है।
ऽ विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म गोरखपुर का प्लेटफॉर्म है।
ऽ लगातार सर्वाधिक समय तक चलने वाली रेलगाड़ी: त्रिवेंद्रम राजधानी (वड़ोदरा से कोटा, 328 मील 6.5 घंटे में)
ऽ विश्व में सबसे बड़े रूट (9.438 किमी. लंबी) पर चलने वाली रेलगाड़ी रुस की ट्रांस-साइबेरियन रेलगाड़ी है। यह मॉस्को से व्लादिवोस्तोक जाती है।
ऽ कोंकण रेलवे को जोन का प्रशासनिक दर्जा प्राप्त है लेकिन परिचालन उद्देश्य से इसे सामान्यतः जोन नहीं माना जाता है।
ऽ कोंकण रेलवे भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई और मंगलोर के बीच की कड़ी है। यह 760 किमी लंबी रेल लाइन महाराष्ट्र, गोवा व कर्नाटक को जोड़ती है।
ऽ भारत की पहली विद्युतचालित रेलगाड़ी ‘दक्कन क्वीन‘ थी। इसे 1929 में बंबई और पुणे के बीच चलाया गया था।
ऽ 10.96 किमी. लंबी पीर पंजाल रेल सुरंग भारत की सबसे बड़ी और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सुरंग है। यह कालिगुण्ड और बनिहाल के बीच की दूरी कम करके 11 किमी कर देती है और बारामूला तक पहुंचा देती है। यह उत्तर रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘उदयपुर श्रीनगर-बारामुला‘ रेल संपर्क का हिस्सा है।
ऽ विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल जो कुतुब मीनार की ऊंचाई का पांच गुना होगा और एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा होगा, यह चेनाब नदी पर कश्मीर घाटी से रेल संपर्क जोड़ने के क्रम में तैयार होगा। यह चेनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई तक जाएगा। यह 73 किमी लंबा कटरा-धरम खण्ड (उदयपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल संपर्क परियोजना का हिस्सा) पर कटरा से 65 किमी. की दूरी पर होगा। अधिकांश सुरंग पश्चिमी घाट में स्थित है।
ऽ रूस के बाद भारतीय रेल दूसरी सबसे बड़ी विद्युतिकृत व्यवस्था
ऽ कोलकाता मेट्रो रेल को 1972 से 1995 तक की अवधि में बनाया गया। ये नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट के निकट दमदम से टॉलीगंज तक 16.45 किमी लंबी है।
ऽ दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड भारत सरकार व दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है। इसका निर्माण 1998 में आरंभ हुआ व प्रथम खण्ड रेल लाइन पर 2002 में (रोहिल्ला से दिलशाद गार्डन) आरंभ हुआ।
वायु परिवहन
ऽ भारत में वायु परिवहन का प्रारम्भ 1911 ई. में हुआ जब इलाहाबाद से नैनी के बीच भारत की प्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया।
ऽ भारतीय विमानन निगम (IndianAirlines Corproation), जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, देश के आन्तरिक भागों में विमान सेवा संचालन के लिए स्थापित किया गया था।
ऽ 1981 ई. में देश की घरेलू उड़ानों के लिए ‘वायुदूत‘ नामक निगम की स्थापना की गई जो उन क्षेत्रों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है जहां पर इंडियन एयरलांइस की सुविधाएं उपलबध नहीं हैं।
ऽ 1987 ई. से पवन हंस हेलिकॉप्टर्स लिमिटेड कार्यरत है। इसकी स्थापना मूलतः तेल एवं प्राकृतिक गैसे निगम (ONGC) को तेल संबंधी अन्वेषण में हेलिकॉप्टर्स सहायता उपलब्ध कराने के लिए की गई थी। पवन हंस आजकल देश के दुर्गम क्षेत्रों में नियमित विमान सेवाएं भी उपलब्ध करा रहा है।
ऽ भारत के महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे:
1. जवाहर लाल नेहरु हवाई अड्डा (सांताक्रुज हवाई अड्डा, मुंबई)
2. सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा (दमदम हवाई अड्डा, कोलकाता)।
3. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली)
4. मीनाम्बकम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (चेन्नई)
5. तिरुअनन्तपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बंगलोर)
6. राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (हैदराबाद)
7. केम्पागोड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बंगलोर)
8. अहमदाबाद अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
9. श्रीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
10. कोच्चि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जल परिवहन
जल परिवहन
सबसे सस्ता यातायात सुविधा प्रदान करता है। देश के कुल व्यापार का 95% (कुल व्यापार मूल्य का 68%) समुद्र के जरिये होता है। वर्तमान में देश में लगभग 14, 500 किलोमीटर लम्बा नौगम्य जलमार्ग है। देश की प्रमुख नदियों में 3700 किलोमीटर लम्बे मार्ग का ही उपयोग हो पा रहा है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लम्बा आन्तरिक जलमार्ग विद्यमान है।
राष्ट्रीय जलमार्ग
सरकार ने निम्नलिखित जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है:
(a) NW1 : गंगा भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली पर इलाहाबाद एवं हल्दिया के बीच (लम्बाई 1620 किलोमीटर) – 1986 में।
(b) NW2 : ब्रह्मपुत्र नदी पर सदिया एवं धुबरी के बीच (लम्बाई 891 किलोमीटर) – 1988 में
(c) NW3 : कोल्लम एवं कोट्टापुरम के बीच चंपाकरा और उद्योगमंडल नहर पर (लम्बाई 205 किलोमीटर) 1993 में।
(d) काकीनाडा-पुडुचेरी: गोदावरी व कृष्णा नदी पर (लंबाई 1028 किमी) – 2008 में।
(e) तलचेर-धामरा: ब्रह्मणी नदी पर जिओनखली-चरवतियो पूर्वी तट नहर पर, चरबतिया-धामरा: मताई नदी पर महानदी डेल्टा नदी प्रणाली के साथ (585 किमी) – 2008 में
ऽ 1986 में भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन आन्तरिक जलमार्गों के रखरखाव, विकास एवं नियमन के लिए किया गया।
ऽ भारत में 12 बड़े एवं 181 मझोले एवं छोटे बंदरगाह हैं। ये बड़े बन्दरगाह भारत के विदेशी व्यापार का 95% भाग संभालते हैं।
ऽ बड़े बन्दरगाहों का नियंत्रण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। जबकि छोटे व मंझोले बंदरगाह संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं, एवं जिनका प्रबंधन तथा प्रशासन संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।
प्रमुख बंदरगाह
1. मुंबई: मुंबई में भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। यहां एक मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया गया है।
2. न्वाहाशेवा: इसे जवाहर लाल नेहरु पत्तन के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का आधुनिकतम पत्तन है जहां अत्याधुनिक कंप्यूटर नियंत्रित तकनीकों का प्रयोग किया गया है।
3. कांडला: यह एक ज्वारीय पत्तन है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। यह बंदरगाह भूकप की पेटी में पड़ता है। यहां पर एक मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया गया है।
4. मारमुगावो, गोवा: इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। यहां से आयात की तुलना में निर्यात अधिक होता है। यह जुआरी नदी के ज्वारनदमुख पर स्थित है।
5. न्यू मंगलोर: इस बंदरगाह में कुद्रेमुख के लौह-अयस्क के निर्यात की सुविधा विशेष रूप से उपलब्ध है।
6. कोचीन: यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है। पालघाट दर्रे से होकर यह दक्षिण भारत के भीतरी भागों से जुड़ा है।
7. कोलकाता: यह बंदरगाह हुगली नदी के तट पर स्थित है। इसका समुद्र स्थित पोताश्रय डायमंड हार्बर है। कोलकाता बंदरगाह के भार को कम करने के लिए हल्दिया बंदरगाह का विकास किया गया है।
8. हल्दिया बंदरगाह हुगली नदी के ठीक मुहाने पर स्थित है।
9. चेन्नई: यह पूर्वी तट का सबसे प्राचीन बंदरगाह है। यह एक कृत्रिम बंदरगाह है। मुंबई के पश्चात् दूसरा सर्वाधिक व्यापार वाला बंदरगाह है।
10. विशाखापत्तनम: यह देश का सबसे गहरा बंदरगाह है। यहां से लौह अयस्क निर्यात के लिए बाहरी बंदरगाह बनाया गया है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। डॉलफिन नोज (क्वसचीपद छवेम) पहाड़ी से यह मानसून पवनों के झोकों से सुरक्षित रहता है। यहां से आयात की अपेक्षा निर्यात अधिक होता है।
11. पारादीप: यह एक कृत्रिम बंदरगाह है। इस बंदरगाह से ओडिशा क्षेत्र के लौह अयस्क को जापान निर्यात किया जाता है। यह निर्यात प्रधान बंदरगाह है।
12. तूतीकोरिन: यह मन्नार की खाड़ी में स्थित है। इसके तटीय भागों में मत्स्य उद्योग का विकास हुआ है। यहां का पोताश्रय प्राकृतिक है।
भारत के महत्त्वपूर्ण छोटे और मझोले बंदरगाह
राज्य/के.शा.प्र. बंदरगाह
गुजरात ओखा, द्वारका, पोरबंदर, वेरावल, भरूच, सूरत और पिपापाव
महाराष्ट्र रत्नागिरि
कर्नाटक करवार (नवी बंदरगाह)
तमिलनाडु एनॉर, महाबलीपुरम
आंध्र प्रदेश मुछलीपत्तनम
पुडुचेरी यमन (आंध्र प्रदेश क्षेत्र), करैकल (तमिलनाडु क्षेत्र), माहे (केरल क्षेत्र)
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