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इलेक्ट्रॉन का संक्रमण (transition of electrons in hindi)

(transition of electrons in hindi) इलेक्ट्रॉन का संक्रमण : जब कोई इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दुसरे ऊर्जा स्तर में जाता है तो इसे इलेक्ट्रॉन संक्रमण कहते है।

जब कोई इलेक्ट्रॉन निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में जाता है तो यह ऊर्जा ग्रहण करता है उसके बाद संक्रमण होता है तथा जब कोई इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा से निम्न ऊर्जा स्तर में जाता है तो इस स्थिति में इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
माना एक इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर E2 से निम्न उर्जा स्तर E1 में जाता है तो इलेक्ट्रॉन के इस संक्रमण में इलेक्ट्रॉन v आवृत्ति का फोटोन उत्सर्जित करता है जैसा चित्र में दिखाया गया है –
उत्सर्जित ऊर्जा : उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में संक्रमित होने पर उत्सर्जित ऊर्जा का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
यहाँ n2 उच्च कक्षा स्तर है और n1 निम्न कक्षा स्तर है तथा Z = परमाणु क्रमांक है।
स्पेक्ट्रमी रेखाओं की संख्या : जब कोई इलेक्ट्रॉन उच्च उर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में  जाता है तो परमाणु से फोटोन उत्सर्जित होते है जिससे विभिन्न प्रकार की आवृत्ति की तरंगे उत्सर्जित होती है , इन्हे स्पेक्ट्रमी रेखा कहते है।
माना इलेक्ट्रॉन n2 कक्षा स्तर से n1 कक्षा में संक्रमित हो रहा है तो इस स्थिति में स्पेक्ट्रमी रेखाओं की संख्या का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
NE
= (n2 – n1 + 1)(n2 – n1)/2
तरंग संख्या या तरंग दैर्ध्य :   इकाई लम्बाई में उपस्थित तरंगों की संख्या को तरंग संख्या कहते है , इसका मान ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र काम में लिया जाता है –
 यहाँ RH को रिडबर्ग नियतांक कहते है जिसका मान निम्न होता है –
परमाणु का प्रतिक्षेपण :  इलेक्ट्रॉन के संक्रमण के कारण जब किसी परमाणु से एक फोटोन उत्सर्जित होता है तब परमाणु प्रतिक्षिप्त होता है तथा इस प्रक्रिया में निकाय का रेखीय संवेग का मान संरक्षित रहता है अर्थात परमाणु का प्रतिक्षेप संवेग का मान फोटोन के संवेग के मान के बराबर होता है।