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तापमिति क्या है , परिभाषा , सूत्र , उदाहरण (thermometry in hindi ,meaning , definition , who invented thermometer

(thermometry in hindi) तापमिति क्या है , परिभाषा , सूत्र , उदाहरण , who invented thermometer , meaning , definition

तापमिति : भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें ताप का अध्ययन तथा इसके मापन के लिए विभिन्न प्रकार की युक्तियों का निर्माण और उन युक्तियों का उपयोग किया जाता है उस शाखा को ही तापमिति कहते है।

जब हम ताप के अध्ययन की बात करते है तो हम ताप के मापन को भी उसमे शामिल कर सकते है। ताप के मापन के लिए काम में ली जाने वाली युक्ति को तापमापी कहते है।

लेकिन इन युक्तियों के निर्माण में हम तापमापी शाखा के अंतर्गत सहायता लेते है।

ताप के मापन के लिए जो युक्तियाँ बनायीं जाती है उनमे ऐसे पदार्थ का उपयोग किया जाता है तो ताप के साथ साथ लगातार परिवर्तित होता रहे और इस परिवर्तन का मान ताप के मान पर निर्भर करे , पदार्थ में आने वाले परिवर्तन के आधार पर ताप के मान का पता लगाया जाता है। चूँकि तापमापी में ताप मापन के लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थ का गुण ताप के साथ परिवर्तित होता है , पदार्थ के इस गुण को तापमापक गुण (thermometric property) कहते है , और पदार्थ के इस गुण के कारण उसमे ताप के कारण परिवर्तन होता है और इसी के आधार पर वस्तु के ताप की गणना की जाती है। जैसे जितना अधिक ताप होता है तापमापी में भरा पारा ऊपर की ओर चढ़ता जाता है और यह पारा तापमापी में जितना अधिक चढ़ता है इसका तात्पर्य है कि ताप का मान उतना ही अधिक है।

तापमिति (thermometry in hindi) : भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमे तापमान का अध्ययन किया जाता है , तापमिति कहलाती है। ताप के मापन के लिए प्रयुक्त की जाने वाली युक्ति को तापमापी कहते है।

ताप के मापन के निर्माण के लिए पदार्थ के किसी ऐसे गुण का उपयोग किया जाता है जो ताप के साथ निरंतर परिवर्तित होता रहता है , पदार्थ का यह गुण तापमापक (thermometric property) कहलाता है।
जैसे ताप परिवर्तन के साथ पारे के स्तम्भ की ऊंचाई का परिवर्तित होना , स्थिर आयतन पर गैस के दाब में परिवर्तन होना और चालक के तार के विद्युत प्रतिरोध में परिवर्तन होना आदि।
यदि किसी पदार्थ का तापमापक गुण X हो एवं हिमांक (0 डिग्री सेल्सियस) , भाप भाप बिंदु या क्वथन बिंदु (100 डिग्री सेल्सियस) और अज्ञात ताप (t डिग्री सेल्सियस) पर इसके मान क्रमशः X0 , X100 , Xt हो तब इस स्थिति में –
(Xt – X0)/(X100 – X0) = (t – 0)/(100 – 0)
या
t = 100 x (Xt – X0)/(X100 – X0) डिग्री सेल्सियस
यह सूत्र अलग अलग तापमापक गुणों पर आधारित ताप मापियों के लिए तापमान में प्रयुक्त किया जा सकता है।
वर्तमान में इन दो स्थिर बिन्दुओं हिमांक और क्वथन बिंदु का प्रयोग न करके एक निर्देश तंत्र बिंदु का प्रयोग करते है। जो कि जल का त्रिक बिंदु 273.15 K है।
आधुनिक पद्धति में पानी के त्रिक बिंदु को तापमापी का मानक स्थिर बिंदु मानते है।
इसको T0 या Ttr के द्वारा प्रदर्शित करते है।
यदि ताप मापक गुण के मान T K पर X तथा Ttr = 273.16 K पर Xtr हो तो –
T/Ttr = X/Xtr
T = Ttr  x  (X/Xtr)
T =  273.16  x  (X/Xtr) केल्विन