प्रोटीन का परीक्षण कैसे किया जाता है , Tests for proteins in hindi , मिलन परीक्षण (Millon’s test)
पढ़िए प्रोटीन का परीक्षण कैसे किया जाता है , Tests for proteins in hindi , मिलन परीक्षण (Millon’s test) ?
प्रोटीन के परीक्षण (Tests for proteins) :
- बाइयुरीट परीक्षण (Biuret test) :- दो अथवा अधिक पेप्टाइड ध युक्त श्रृंखलाएँ सांद्र क्षार (strong alkali) विलयन में तनु कॉपर सल्फेट के साथ नील आभायुक्त बैंगनी रंग देते हैं। यह रंग 20% एसिटिक अम्ल की बूंदें डालने पर विलुप्त हो जाता है। नीला बैंगनी रंग क्यूप्रिक आयन एवं निकटवर्ती पैप्टाइड बंधों में संबंध के कारण जटिल यौगिक निर्माण के फलस्वरूप प्राप्त होता है। परीक्षण के लिए 10% NaOH विलयन (2ml) प्रोटीन विलयन (2ml) में डाला जाता है। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसमें 1-2 बूंद CuSO4 (0.1% or 1% ) विलयन की डालते हैं।
जैन्थोप्रोटीक परीक्षण :- यह परीक्षण प्रोटीन में उपस्थित ऐरोमेटिक अमीनो अम्लों के कारण होता है। प्रोटीन में टायरोसिन, फीनाइलएलेनिन ट्रिप्टोफान अवशेष सांद्र नाइट्रिक अम्ल के साथ क्रिया नाइट्रोयौगिक (nitrocompounds) बनाते हैं जो पीले रंग के होते हैं। यह अमोनियम हाइड्रॉक्साइड डालने पर संतरी रंग के लवण में बदल जाते हैं। परीक्षण के लिए 2ml प्रोटीन विलयन में Iml सांद्र HNO3 डालकर गरम किया जाता है।
मिलन परीक्षण (Millon’s test) :- मिलन अभिकर्मक में पारे के नाइट्रेट एवं नाइट्राइट का मिश्रण ( मरक्यूरस एवं मरक्यूरिक लवण) होता है। इन्हें प्रोटीन विलयन के साथ गरम करने पर फीनोल समूह युक्त अमीनो अम्लों (टायरोसिन) से इनकी क्रिया के फलस्वरूप विलयन लाल रंग का हो जाता है। मिलन अभिकर्मक बनाने के लिए HgNO2 में नाइट्रिक अम्ल एवं अल्प (trace) मात्रा नाइट्रस अम्ल मिलाया जाता है।
नाइट्रोप्रसाइड परीक्षण (Nitroprusside test) :- प्रोटीन में उपस्थित सल्फरयुक्त अमीनो अम्लों के सल्फहाइड्रिल समूह नाइट्रोप्रसाइड के साथ क्रिया कर गहरा बैंगनी अथवा लाल रंग देते हैं। परीक्षण के लिए 2ml प्रोटीन विलयन में Imil सोडियम नाइट्रोप्रसाइड (2% solution) डालकर 40% NH4 OH की 2-3 बूंदें डाली जाती है। डाइसल्फाइड समूह यह क्रिया नहीं दर्शाते ।
प्रोटीन के मुख्य गुण (Important properties of proteins)
भौतिक गुण (Physical properties)
- अधिकांश प्रोटीन बृहत अणु (macromolecules) होते हैं इनका अणुभार कुछ हजार से लाखों तक हो सकता है। उदाहरणतः सायटोक्रोम C एवं इंसुलिन का अणुभार क्रमशः 15,600; 47,800 है वहीं कैटोलेज एवं मायोसिन का अणुभार 2,50,000 तथा 8,50,000 है।
- अधिकांश प्रोटीन बृहत आकार के कारण कोलायडी विलयन (collidal solution) बनाते हैं।
- सामान्यतः प्रोटीन स्वादहीन एवं गंधहीन होते हैं।
- स्कंदन (Coagulation) :- अधिकांश प्रोटीन उष्मा प्रदान करने पर विलयन से अलग होकर स्कंदित (coagulated) हो जाते हैं जो प्रोटीन संरचना में विकृति आने (denaturation ) के कारण होता है। इसके अतिरिक्त विकिरण (UV एवं X rays), उच्च जल स्थैतिक दाब (hydrostatic pressure), pH में परिवर्तन के कारण भी प्रोटीनी संरचना में विकृति आ जाती है। कुछ रसायन जैसे खनिज अम्ल (mineral acids), भारी धात्विक आयन (heavy metal ions) कार्बनिक पदार्थ जैसे एसीटोन, एल्कॉहल, डिटर्जेंट (detergents) सोडियम डोडीसाइल सल्फेट आदि भी प्रोटीन के स्कंदन कारण होते हैं। इस प्रक्रिया में प्राथमिक संरचना अपरिवर्तित रहती है किंतु प्रोटीन की त्रिविम संरचना के लिए उत्तरदायी विभिन्न बन्ध प्रभावित होते हैं। अतः प्रोटीन की द्वितीयक, तृतीयक एवं उच्च स्तरीय संरचना प्रभावित होती है। विकृतिकरण के फलस्वरूप विशिष्ट प्रोटीन के जैवरासायनिक (biochemical) गुण एवं जैव सक्रियता (biological activity) में कमी आ जाती है।
प्रोटीन की द्वितीयक एवं तृतीयक संरचना में परिवर्तन के फलस्वरूप अनेक गुण प्रभावित होते हैं जिनमें विलेयता, क्रिस्टलीकरण, विशिष्ट गुरुत्व (specific gravity) आदि शामिल हैं। अधिकांशतः सामान्य दशा में पुनः स्थापित हो पर भी सामान्य गुणों की प्राप्ति वापस नहीं हो पाती। कभी-कभी विकृतिकरण उत्क्रमणीय (reversible) होता है अर्थात् सामान्य दशा में लौटने पर प्रोटीन के गुण भी पुनः सामान्य हो जाते हैं।
- विलेयता (Solubility) :- अधिकांशतः प्रोटीन जल में विलेय होते हैं किन्तु विभिन्न प्रकार की प्रोटीनों की विलेयता भिन्न-भिन्न होती है। सामान्यतः छोटे आकार के प्रोटीन अणुओं की विलेयता बृहत आकारीय अणुओं की अपेक्षा अधिक होती है। गोलाकार प्रोटीन (globular proteins) अधिक वलयित (folded) होते हैं तथा रेशेदार (fibrous) प्रोटीन की अपेक्षा इनकी विलेयता अधिक होती है।
सभी प्रोटीन समविभव (isoelectric) pH पर न्यूनतम विलेय होते हैं इस pH मान पर प्रोटीन पर कुल आवेश शून्य होता है। इससे अधिक अथवा कम pH पर (तनु क्षार अथवा तनु अम्ल मिलाने पर) प्रोटीन पर क्रमशः कुल ऋणात्मक अथवा धनात्मक आवेश विकसित हो जाता है उसके कारण जल में इनकी विलेयता बढ़ जाती है।
- प्रोटीन विलयन की श्यानता (viscosity) भी प्रोटीन के प्रकार एवं pH के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। सामान्यतः रेशेदार प्रोटीन विलयनों की श्यानता गोलाकार प्रोटीन की अपेक्षा अधिक होती है। प्रोटीन विलयन की श्यानता समविभव pH पर न्यूनतम होती है।
रासायनिक गुण (Chemical properties)
- उभयधर्मी प्रकृति (Amphoteric nature) :- अमीनो अम्लों के समान प्रोटीन भी उभयधर्मी प्रकृति के होते हैं। पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला के एक छोर पर – NH, एवं दूसरे छोर पर – COOH समूह आयनीकृत हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त अमीनो अम्ल अवशेषो (amino acid residues) की पार्श्व श्रृंखलाओं में भी आयननीय (ionizable) समूह • होते हैं। प्रोटीन विलयन के pH के आधार पर इनमें से कुछ समूह धनात्मक आवेशित तथा कुछ समूह ऋणात्मक आवेशित हो जाते हैं। एक विशिष्ट pH मान पर प्रोटीन अणु में कुल धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेश बराबर होता है अतः प्रोटीन पर कुल आवेश शून्य होता है यह pH मान समविभव pH अथवा समविभव बिन्दु (isoelectric pH or isoelectric point) कहलाता है। इस pH पर वैद्युत क्षेत्र (electric field) में प्रोटीन अणु किसी भी इलैक्ट्रोड की तरफ गति नहीं करते तथा प्रोटीन अणु द्विध्रुवीय आयन ( dipolar ion) अथवा ज्विटरआयन (zwitterion) के रूप रहते हैं। द्विध्रुवीय आयन के कारण इनकी उभयधर्मी (amphoteric) प्रकृति होती है। समविभव बिन्दु से कम अथवा अधिक pH पर प्रोटीन अणु पर क्रमशः कुल धनात्मक अथवा ऋणात्मक आवेश विकसित हो जाता है। इस स्थिति विद्युत क्षेत्र में रखने पर विपरीत प्रकृति के इलैक्ट्रोड की ओर गति करते हैं।
अधिकांश प्रोटीन समविभव pH पर अवक्षेपित (precipitate) हो जाते हैं। इसी आधार पर अनेक प्रोटीनों का शुद्धिकरण किया जाता है। इसके अतिरिक्त वैद्युत कण संचलन अथवा इलैक्ट्रोफोरेसिस (electrophoresis ) द्वारा भी प्रोटीन का शुद्धिकरण किया जा सकता है। इसमें विद्युत धारा प्रवाहित करने पर विशेष pH पर प्रोटीन अणु कुल आवेश एवं आकार (size) के आधार पर एक निश्चित दिशा में गति करते हैं। विभिन्न प्रोटीन भिन्न-भिन्न आवेश (net-charge) एवं आकार के कारण जैल (gel) पर भिन्न-भिन्न दूरी तक गति कर पाते हैं एवं अलग किये जा सकते हैं।
महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions)
रिक्त स्थान भरो / सत्य या असत्य लिखो / एक शब्द दें (Fill in the Blanks / Write True or False / Give One Word)
- प्रोटीन के आधारभूत इकाई ……….होते हैं।
……………….are the basic uhits of protein.
- अमिनो अम्ल में आवश्यक रूप से……………… एवं………. समूह होते हैं।
………….. and………………groups are essentially present in amino acids.
- दो अम्लीय अमीनो अम्लों के नाम बताइये ।
Name two acidic amino acids.
- अमीनो अम्लों में – NH2 एवं – COOH समूहों की उपस्थिति के कारण होते हैं।
Amino acids are………… due to -NH2 and -COOH group in them.
5…………..पर अमीनो अम्ल पर धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेश की मात्रा बराबर होती है।
The positive and negative charges are equal in amino acids at………………….
- प्रोटीन के N छोर पर……………..समूह तथा दूसरे छोर पर…………..समूह होते हैं ?
……….. group is present at N end of protein and… at the othe end.
- अमीनो अम्लों के मध्य कौनसे बन्ध निर्माण के फलस्वरूप प्रोटीन बनते हैं ?
Which bonds are formed between amino acid during formation of proteins?
8.प्रोटीन की बीटा संरचना दो श्रृंखलाओं के मध्य हाइड्रोजन बन्ध के कारण बनती है। (सत्य / असत्य)
B-structure of protein is formed due to H-bonds between two polypeptides.
- B-प्लीट शीट संरचना में कौन से बन्ध नहीं पाये जाते हैं ? एक उदाहरण दें
Which bonds are not found in ẞ pleated sheet structure of proteins. Give an example.
- प्रोटीन शब्द का उपयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया था ?
Who used the word protein for the first time?
- अधिकांश अमीनो अम्ल विलयन में किस रूप में रहते हैं ?
In which form amino acids are generally found in solution?
- सामान्यतः अमीनो अम्ल निनहाइड्रिन अभिक्रिया में कौन से रंग का उत्पाद बनाते हैं ?
Which coloured product is formed by amino acids on reaction with ninhydrin generally?
- प्रोटीन की द्वितीयक संरचना का अध्ययन सर्वप्रथम किसने किया ?
Who studied the secondary structure of proteins ?
- गंधकयुक्त दो अमिनो अम्लों के नाम लिखिये ।
Name two sulphur containing amino acids
- अमीनो अम्ल————–की संरचनात्मक इकाई है।
Amino acid are building blocks of
उत्तर (Answers )
- अमीनो अम्ल 2. एमिनो (-NH2), कार्बोक्सिल (-COOH) समूह 3. ग्लूटेमिक अम्ल एवं एस्पार्टिक अम्ल 4. उभयधर्मी 5. समविभव बिन्दु 6. – NH,, – COOH 7. पैप्टाइड बन्ध 8. सत्य 9. अंतः अणुकी बन्ध, फाइब्राइन प्रोटीन 10. बर्जीलियस (Berselius) 11. द्वियुग्म ध्रुवीय आयन के रूप में (as zwitter ion) 12. बैंगनी 13. पॉलिंग एवं कोरे (Pauling and Correy) 14. सिस्टीन, मीथीयोनीन 15. प्रोटीन
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
- हेटेरोसाइक्लिक अमिनो अम्ल क्या होते हैं ?
What are heterocylic amino acid?
- जलविरागी समूह युक्त अमिनों अम्ल के गुण बतायें व कुछ उदाहरण दें।
Give characteristics of amino acids with hydrophobic amino acid, give a few examples.
- ऐरोमेटिक अमिनो अम्ल का उदाहरण दें।
Give an examples of aromatic amino acids.
- समविभव बिन्दु क्या होता है ?,
What is isoelectric point?
- प्रोटीन की तृतीयक संरचना में कौन-कौन से बन्ध पाये जाते हैं ?
Which bonds are found in tertiary structure of proteins ?
6.अमीनो अम्ल की फार्मेलडिहइड के साथ अभिक्रिया बताइये |
Give the reaction of aminoacids with formaldehyde.
- प्रोटीन के B संरचना का उदाहरण दें।
Give examples of ẞ structure of proteins.
- संयुग्मी प्रोटीन के कुछ उदाहरण दें।
Give examples of conjugated proteins.
- प्रोटीन की रासायनिक संरचना बताइये ।
Write the chemical structure of protein.
उत्तर (Answers )
- इन के पार्श्व R- समूह में विषमचक्री अणु होता है। वलय में कार्बन के अतिरिक्त एक परमाणु होता है।
- जल में विलेयता बहुत कम होती है तथा R-समूह में कोई आवेश नहीं होता
एलिफेटिक समूह युक्त वेलीन, आइसोल्यूसीन
एरोमेटिक समूह युक्त – ट्रिप्टोफान, फिनाइलएलेनीन
- टायरोसीन, फिनाउलएलेनीन
- यह वह pH मान है जिस पर विशिष्ट अमिनो अम्ल कुल आवेश शून्य होता है।
- H बन्ध, डाइसल्फाइड बन्ध, वैद्युत स्थैतिक आकर्षण, बैण्डर वॉल आकर्षण
- अध्याय देखें।
- फाइब्राइड (fibroid) प्रोटीन जो रेशम व मकड़ी के जाल से संबंधित है।
- अध्याय देखें
RNH2[CHCNCHCHR]n–COOH
निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
- अमिनो अम्लों के महत्व बतायें। Give importance of amino acids.
- अमिनो अम्लों का वर्गीकरण बतायें । Give classification of amino acids.
- निम्न पर टिप्पणी लिखिए ।
(i) एलिफेटिक अमिनो अम्ल
(iii) आवश्यक अमिनो अम्ल
Write short notes on the following:-
(i) Aliphatic amino acids
(iii) Essential amino acids
(ii) ध्रुवता पर आधारित अमिनो अम्ल वर्गीकरण (iv) प्रोटीन का वर्गीकरण
(ii) Aminoacid classification based on polarity (iv) Classification of proteins
- चित्रों की सहायता से प्रोटीन संरचना को समझाइये।
With the help of diagrams explain the structure of protein.
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