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ताप की परिभाषा क्या है , उदाहरण , तापमान किसे कहते है (temperature definition in hindi meaning)

(temperature definition in hindi meaning) ताप की परिभाषा क्या है , उदाहरण , तापमान किसे कहते है मापन की इकाई क्या होती है ? किसमें मापा जाता है ? : ताप का मतलब होता है कोई भी वस्तु कितनी ठंडी या गर्म है इसका मापन करना , अर्थात कोई वस्तु अधिक गर्म है तो हम कहते है कि इसका ताप अधिक है और कोई वस्तु ठंडी है तो कहते है की वस्तु का ताप कम है।

ताप का मापन थर्मामीटर या कैलोरीमीटर द्वारा किया जाता है , अत: ताप मापन का मतलब है कि हम उस सिस्टम की आंतरिक ऊर्जा का मापन कर रहे है।

जैसा की हम पढ़ चुके है कि ऊष्मा का प्रवाह उच्च ताप से निम्न ताप की वस्तु की ओर होता है , और यह ऊष्मा का प्रवाह तब तक होता रहता है जब तक की दोनों वस्तुएं साम्य ताप में न आ जाए अर्थात दोनों वस्तुओं का ताप समान न हो जाए।

अत: हम कह सकते है कि “ताप किसी भी वस्तु का वह गुण है जो यह बताता है कि दी गयी वस्तु किसी अन्य वस्तु की तुलना में तापीय साम्य में है या नहीं। ”

अर्थात ताप का मापन किसी अन्य वस्तु की तुलना में किया जाता है कि दी गयी वस्तु उस वस्तु से अधिक गर्म है तो कहते है कि दी गयी वस्तु का तापमान अधिक है और यदि दी गयी वस्तु तुलना वाली वस्तु से ठंडी है तो कहा जाता है कि दी गयी वस्तु का तापमान कम है।

ताप एक मूल राशि होती है और ताप का SI मात्रक केल्विन होता है जिसे K द्वारा व्यक्त किया जाता है तथा यह एक अदिश राशि भी है।

ताप एक भौतिक राशी होती है और इसका सीधा सम्बन्ध कणों की गतिज ऊर्जा से होता है जैसे यदि दो पानी के गिलास है एक गिलास दुसरे की तुलना में अधिक गर्म है तो इसका अभिप्राय है कि गर्म गिलास के पानी के अणुओं में अधिक गतिज उर्जा है अर्थात यदि वस्तु अन्य वस्तु की तुलना में गर्म है तो इसका तात्पर्य है कि गर्म वस्तु में गतिज ऊर्जा का मान ठंडी की तुलना में अधिक है और इसी अधिक गतिज ऊर्जा के कारण है यह वस्तु गर्म महसूस हो रही है।

ताप (temperature) : सामान्य भाषा में ताप किसी वस्तु की गर्माहट या ठण्डेपन की माप है। ऊष्मा का प्रवाह हमेशा उच्च ताप की वस्तु से निम्न ताप की वस्तु की ओर होता है।

परिभाषा : ताप किसी वस्तु का वह गुण है जो बताता है कि दी गयी वस्तु किसी अन्य वस्तु के सापेक्ष तापीय साम्य (thermal equilibrium) में है या नहीं।

ताप एक मूल राशि है , ताप का SI मात्रक केल्विन होता है , केल्विन को K द्वारा व्यक्त किया जाता है। ताप एक अदिश राशि है।

ताप मापन के पैमाने (types of temperature measuring scales)

तापमापन के लिए सेल्सियस (C) , फारेनहाइट (F) , केल्विन (K) , रियूमर (R) और रैंकाइन (Ra) आदि उपयोग में लाये जाने वाले पैमाने है। सभी तापमापन पैमाने बनाने के लिए दो नियत बिंदु लिए जाते है –

प्रथम नियत बिंदु जल का हिमांक बिंदु है , जिसे न्यूनतम नियत बिंदु या LFP भी कहते है।

दूसरा नियत बिंदु जल का क्वथन बिन्दु होता है , इसे उच्चतम नियत बिंदु या UFP भी कहते है।

विभिन्न प्रकार के तापमापन पैमाने

पैमाने का नाम प्रति डिग्री संकेत न्यूनतम नियत बिंदु उच्चतम नियत बिंदु पैमाने पर कुल भागो की संख्या
सेल्सियस 0C 00 C 1000 C 100
फारेनहाइट 0F 320 F 2120 F 180
रिम्युमर 0R 00 R 800 R 80
रेंकाइन Ra 460 Ra 672 Ra 212
केल्विन K 273.15 K 373.15 K 100

किसी भी तापक्रम पैमाने पर मापे गए ताप को किसी दुसरे पैमाने पर मापे गए ताप में निम्न सम्बन्ध द्वारा बदला जा सकता है –

(किसी भी स्केल का पाठ्यांक – न्यूनतम नियत बिंदु)/(उच्चतम नियत बिंदु – न्यूनतम नियत बिंदु) = सभी पैमानों के लिए नियत

अत: सभी तापक्रम निम्न सम्बन्ध द्वारा आपस में सम्बंधित है –

(C – 0)/100 = (F-32)/(212 – 32) = (K – 273.15)/(373.15 – 273.15) = (R-0)/(80-0) = (Ra-460)/(672-460)

अथवा

C/5 = F-32/9 = K-273/5 = R/4 = Ra-460/10.6

सामान्यतया जब हम किसी ज्ञात पैमाने से किसी अन्य अज्ञात पैमाने पर जाते है तब निम्नलिखित समीकरण सूत्र प्राप्त होती है –

(ज्ञात पैमाने पर ताप) – (ज्ञात पैमाने के लिए LFP)/(UFP – LFP)अज्ञात = (अज्ञात पैमाने पर ताप) – (अज्ञात पैमाने के लिए LFP)/(UFP – LFP) अज्ञात

तापमान की परिभाषा : तापमान को वस्तु के गर्म अथवा ठण्डा की कोटि के रूप में परिभाषित करते है .ऊष्मा ऊर्जा अधिक तापमान वाली वस्तु से कम तापमान वाली की ओर चलती है , जब तक कि तापमान समान न हो जाए। इस स्थिति में वस्तुएं तापीय साम्यावस्था में कहलाती है।
तापमान का मापन : ऊष्मागतिकी की वह शाखा जिसमें तापमान के मापन का अध्ययन करते है तापमिति कहलाती है। किसी वस्तु का तापमान मापने के लिए तापमापी उपयोग में लिया जाता है। पदार्थ जैसे द्रव एवं गैस जो तापमापी में काम आता है , तापमापीय पदार्थ कहलाता है।
विभिन्न तापमान के पैमाने : तापमापी को निम्नलिखित पैमानों के अशांकित किया जाता है –

  1. सेंटीग्रेड अथवा सेल्सियस पैमाना
  2. फारेनहाइट पैमाना
  3. रुमर पैमाना
  4. केल्विन पैमाना
विभिन्न तापमान पैमाने की तुलना :

विभिन्न तापीय पैमानों के मध्य सम्बन्ध निम्नलिखित है –
(K-273)/100
= C/100 = (F-32)/180 = R/80

एक पैमाने से दुसरे पैमाने में परिवर्तन का सामान्य सूत्र निम्नलिखित है –
एक पैमाने (s1) का ताप
– (
s1) पर निम्न स्थिर बिंदु /(s1) पर उच्च स्थिर बिंदु – (s1) पर निम्न स्थिर बिंदु = अन्य पैमाने (s2) पर ताप – (s2)
पर निम्न स्थिर बिंदु / (s2) पर उच्च स्थिर बिंदु – (s2) पर
निम्न स्थिर बिंदु

तापमापी

तापमापी , तापमान मापने के उपयोग में आने वाला यंत्र है। सभी तापमापी , ताप परिवर्तन के साथ तापमापी पदार्थ का गुण परिवर्तित होता है , के सिद्धांत पर कार्य करते है।
अच्छे तापमापी पदार्थ में आवश्यक गुण :
  1. चिपकने का गुण न हो (आसंजक बल अनुपस्थित होना चाहिए)
  2. कम गलनांक (कमरे के ताप की तुलना में)
  3. उच्च क्वथनांक
  4. आयतन प्रसार गुणांक अधिक होना चाहिए।
  5. ऊष्मा धारिता कम होनी चाहिए।
  6. चालकता अधिक होनी चाहिए।
पारे में उपरोक्त सभी गुण पाए जाते है यही कारण है कि तापमापी में पारे पदार्थ का उपयोग अधिक किया जाता है।
तापमापी के प्रकार
1. कांच में पारा : -39 से 450 डिग्री सेल्सियस
गुण : केशिका नली में पारे स्तम्भ की लम्बाई।
गुण : तेज और सरल (प्रत्यक्ष मापन) , रखने में आसानी होती है।
दोष : टूटने वाला , छोटा आकार एवं सिमित परास होती है।
विशिष्ट प्रयोग : प्रत्येक प्रयोगशाला प्रयोग में जहाँ अधिक शुद्धता आवश्यक नहीं है। स्थिर आयतन गैस तापमापी में अधिक शुद्धता तक अंशाकित कर सकते है।
2. स्थिर आयतन गैस तापमापी : 270 से 1500 डिग्री सेल्सियस
गुण : स्थिर आयतन पर नियत द्रव्यमान की गैस का दाब।
लाभ : बहुत शुद्ध , अधिक सुग्राही , अधिक परास और इस तापमापी को बनाने में आसानी रहती है।
दोष : बल्ब का आयतन अधिक होना , प्रयोग में सुस्त एवं असुविधाजनक होना।
विशिष्ट प्रयोग : अन्य सभी के अंशाकन के लिए मानक। परास के आधार पर He , H2
और N2 का प्रयोग। आदर्श गैस पैमाने तक संशोधित किया जा सकता है। -183 डिग्री सेल्सियस ताप तक मानक प्रयोग।
3. प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी : -180 से 1150 डिग्री सेल्सियस
गुण : प्लेटिनम कुंडली का विद्युत प्रतिरोध।
लाभ : शुद्ध , अधिक परास होती है।
दोष : परिवर्ती तापक्रम के लिए अनुपयुक्त (अर्थात परिवर्तन के लिए सुस्त)
विशिष्ट प्रयोग : अल्प स्थिर तापान्तर के लिए सबसे अच्छा तापमापी। 183 डिग्री सेल्सियस से 630 डिग्री सेल्सियस के मध्य मानक मापन।
4. तपयुग्म : -250 डिग्री सेल्सियस से 1150 डिग्री सेल्सियस
गुण : असमान धातुओं की संधि पर तापान्तर के कारण उत्पन्न विद्युत वाहक बल।
लाभ : अल्प उपमीय धारिता के कारण अधिक संवेदनशील , अधिक परास , दूरस्थ स्थानों के मापन में प्रयोग (लम्बे तार लगाकर)
दोष : चलित कुण्डली वोल्टमीटर से विद्युत वाहक बल मापने पर शुद्धता समाप्त होती है (क्यों तेज परिवर्तन के कारण विभवमापी अनुपयुक्त)
विशिष्ट प्रयोग : अल्प स्थिर तापान्तर के लिए सबसे अच्छा तापमापी होता है , गैल्वेनोमीटर के अंशाकन के बाद प्रत्यक्ष मापन , 630 से 1063 डिग्री सेल्सियस के मध्य मानक मापन।
5. विकिरण तापमापी : 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के लिए।
तापीय मापन के गुण : गर्म वस्तु द्वारा उत्सर्जित विकिरण के रंग।
लाभ : ताप मापन के दौरान सम्पर्क नहीं होता है।
दोष : जटिल , प्रत्यक्ष पाठ्यांक नहीं (प्रशिक्षित प्रेक्षक जरुरी)
विशिष्ट प्रयोग : केवल उच्च ताप के लिए तापमापी , 1063 डिग्री सेल्सियस के ऊपर मानक मापन के लिए उपयोगी है।