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ताशकंद समझौता कब हुआ था | ताशकंद शांति समझौते की मध्यस्थता किसने की थी अध्यक्षता Tashkent Declaration in hindi

Tashkent Declaration in hindi ताशकंद समझौता कब हुआ था | ताशकंद शांति समझौते की मध्यस्थता किसने की थी अध्यक्षता ? कब हुआ था के समय सोवियत संघ का प्रतिनिधित्व कौन नेता कर रहा था ? Who propounded the Tashkent agreement in 1966 which soviet leader mediated the tashkent declaration of peace sign by india and pakistan in 1966 ?

ताशकंद समझौता कब हुआ था और क्यों किया गया था ?

उत्तर : भारत और पाकिस्तान के मध्य शांति स्थापित करने के लिए दोनों देशो के मध्य एक शांति समझौता हुआ जिसे ताशकंद समझौता कहते है। यह समझौता 10 जनवरी 1966 को किया गया और इस समझौते में भारत का प्रतिनिधित्व भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने किया था और पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री अयूब खां ने किया था।
दोनों देशो के मध्य यह शांति समझौता USSR की मध्यस्थता में किया गया था।
इस ताशकंद समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करना था इसलिए इस समझौते में दोनों देशो के द्वारा इस बात पर सहमती बनाई गयी कि दोनों ही देश एक दूसरे के प्रति शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और किसी भी झगडे को बातचीत द्वारा और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जायेगा। अर्थात दोनों देश एक दुसरे के प्रति किसी भी प्रकार की हार्ड या कठोर शक्ति का प्रयोग न करके आपस में हर विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से उसका हल निकालने के लिए मान गया।
यह समझौता ताशकंद नामक स्थान पर हुआ था जो कि सोवियत संघ (USSR) में स्थित था जो वर्तमान में उज्बेकिस्तान में स्थित है।
ताशकंद सम्मलेन का आयोजन सोवियत रूस के प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था अर्थात सोवियत रूस का प्रधानमंत्री इस समझौते या सम्मलेन का आयोजनकर्ता के रूप में कार्य कर रहा था। अर्थात सोवियत संघ ने यह समझौता करवाया था।
ताशकंद समझौते की शर्तें या प्रावधान निम्नलिखित है –
  • दोनों देश किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और उस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश करेंगे।
  • पाकिस्तान और भारत दोनों ही देशों की सेनाएँ 5 अगस्त 1965 से पहले की स्थिति में चली जाएगी अर्थात दोनों देश युद्ध में अधिग्रहित भूमि को लौटा दिया जायेगा और सेनायें युद्ध से पूर्व की स्थिति में चली जाएगी अर्थात पीछे हट जाएगी।
  •    एक दुसरे देश के द्वारा युद्ध में पकडे गए युद्ध बंदियों को रिहा किया जायेगा।
  • भविष्य के या वर्तमान में विद्यमान सभी प्रकार के विवाद UN (यूनाइटेड नेशन) की मध्यस्थता से बातचीत के द्वारा हल किये जाने पर बल दिया गया।
  • भारत और पाकिस्तान , दोनों देशो के आपसी हितों के मामलों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की शिखर वार्ताओं का आयोजन किया जायेगा या शिखर वार्ताओं को जारी रखा जायेगा।
  • भारत और पाकिस्तान , दोनों ही देश एक दुसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और आपसी मामलों में हस्तक्षेप न करने की निति पर ही दोनों देशों के सम्बन्ध आधारित होंगे।
  • दोनों देशों के मध्य राजनयिक सम्बन्धों को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा अर्थात दोनों देश पहले की भांति एक दुसरे के साथ सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करेंगे।
  • एक दुसरे के साथ व्यापारिक सम्बन्ध और संचार सम्बन्ध पुनः स्थापित किये जायेंगे तथा साथ ही सांस्कृतिक आदान प्रदान अर्थात इससे सम्बन्धित कार्यक्रम आदि पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा।
  • दोनों देश एक दुसरे के साथ प्रसार के कार्यो को बढ़ावा दिया जायेगा।