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पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (Synonyms in hindi grammar) paryayvachi shabd क्या होता है ?

(Synonyms in hindi grammar) निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए ? पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (antonyms in hindi grammar) paryayvachi shabd क्या होता है ?

पर्यायवाची शब्द

इसे प्रतिशब्द भी कहते हैं। जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें हम पर्यायवाची शब्द अथवा प्रतिशब्द कहते हैं । हिन्दी में तत्सम पर्यायवाची शब्द ही अधिक पाए जाते हैं जो संस्कृत से हिन्दी में आए हैं । हिन्दी में तद्भव पर्यायवाची शब्दों का अभाव है । कुछ प्रमुख पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं-

(अ)

शब्द        पर्याय

अमृत -पीयूष, सुधा, अमी

अंग -अवयव, भाग, हिस्सा, अंश, खंड ।

अग्नि -आग, पावक, अनल, वहिन, हुताशन, कृशानु, वैश्वानर ।

अनी – सेना, फौज, चमू, कटक, दल ।

असुर – दनुज, दानव, दैत्य, राक्षस, निशिचर, निशाचर, रजनीचर ।

अरण्य – जंगल, वन, कानन, विपिन ।

अश्व – घोड़ा, वाजि, हय, घोटक, तुरग ।

अंकुर – अँखुआ, कोंपल, कल्ला, नवोद्भिद् ।

अंचल – पल्ला, पल्लू, आँचल ।

अंत – समाप्ति, अवसान, इति, उपसंहार ।

अंत – फल, अंजाम. परिणाम. नतीजा ।

अचल – पर्वत, पहाड़, गिरि, शैल, स्थावर ।

अचला – पृथ्वी, धरती, धरा, भू, इला, अवनी ।

अतिथी –   अभ्यागत, मेहमान, पाहुना ।

अधर- ओंठ, ओष्ठ, लब, रद-पट, होंठ ।

अनंग-कामदेव, मदन, मनोज, मयन, मन्मथ ।

अनल-देखिए ‘अग्नि’ ।

अनाज-अन्न, धान्य, शस्य ।

अनिल–हवा, वायु, पवन, समीर, वात, मरुत् ।

अनुकम्पा-कृपा, मेहरबानी, दया ।

अन्वेषण-अनुसन्धान, खोज, शोध, जाँच।

अपना-निज, निजी, व्यक्तिगत ।

अपर्णा -पार्वती, शिवा, उमा, भवानी, भैरवी ।

अपमान-तिरस्कार, अनादर, निरादर ।

अप्सरा-देवांगना, सुरबाला, सुरनारी, सुरकन्या, देवबाला, देवकन्या ।

अबला-नारी, गृहिणी, महिला, औरत, स्त्री ।

अभय-निर्भय, निर्भीक, निडर, साहसी ।

अभिप्राय-तात्पर्य, आशय, मंतव्य ।

अभिमान-गर्व, गौरव, नाज ।

अभिलाषा–इच्छा, कामना, मनोरथ, आकांक्षा ।

अमर-अक्षय, अनश्वर, अविनाशी, मृत्युंजय ।

अर्चना-प्रार्थना, आराधना, स्तुति, पूजा ।

अर्जुन–पार्थ, धनञ्जय, भारत, कौन्तेय ।

अवनी-देखिए ‘अचला’ ।

अवस्था-उम्र, वय, आयु ।

अश्रु-आँसू, नेत्राम्बु, चक्षुजल, नेत्रजल ।

अहि-सर्प, नाग, भुजंग, साँप, तक्षक ।

(आ)

आँख-नयन, नेत्र, लोचन, चक्षु, दृग ।

आम-आम्र, रसाल, चूत, सहकार, अमृतफल ।

आग-देखिए ‘अग्नि’ ।

आकाश-व्योम, गगन, अम्बर, नभ, आसमान, अनन्ता ।

आनन्द-्मोद, प्रमोद, आमोद, हर्ष, आह्लाद, उल्लास ।

आकांक्षा-देखिए ‘अभिलाषा’ ।

आँधी-तूफान, अंधड़, बवंडर ।

आँसू-देखिए ‘अश्रु’ ।

आखेट-मृगया, शिकार ।

आज्ञा-अनुमति, हुक्म, आदेश, कहना ।

आत्मज-बेटा, पुत्र, सुत, तनुज ।

आत्मा–सह, अंतर, अंतरात्मा, अभ्यंतर ।

आदमीकृमनुष्य, मानव, मनुज, मानुष, इन्सान ।

आदित्य-दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, रवि, सूर्य, दिनेश, भानु ।

आधुनिक-नूतन, नवीन, नया, नवल ।

आभा-चमक, कांति, दीप्ति, प्रकाश ।

आराम-विश्राम, विश्रांति, चैन, राहत ।

आर्त-दुखी, उद्वितन, खिन्न, क्षुब्ध, कातर, संतप्त, पीड़ित ।

आर्यावर्त्त-भारत, हिन्द, हिन्दुस्तान, इंडिया ।

आस्थाकृआदर, महत्व, मानं, कद्र ।

आहार-भोजन, खुराक, खाना ।

(इ–ई)

इंदिरा-कमला, रमा, लक्ष्मी, श्री, विष्णुप्रिया ।

इंदीवर-पंकज, जलज, नीरज, कमल, राजीव, उत्पल ।

इंदु-चाँद, राकेश, चन्द्रमा, सुधाकर, चन्द्र, निशाकर, हिमांशु, सुधांशु, राकापति, विधु, शशि, तारापति, मृगांक ।

इच्छा–देखिए ‘अभिलाषा’ ।

इन्द्र-देवराज, सुरपति, महेन्द्र, मेघराज, पुरन्दर, मघवा, शचीपति, जिष्णु ।

इन्द्राणी-शची, पुलोमजा, इन्द्रवधू, इन्द्रप्रिया ।

इत्यादि-आदि, वगैरह, प्रभृति ।

ईर्ष्या-डाह, जलन, मत्सर, कुढ़न ।

ईश-ईश्वर, प्रभु, परमात्मा, भगवान्, परमपिता, परमेश्वर ।

ईश्वर-देखिए ‘ईश’।

ईहा-इच्छा, आकांक्षा, एषणा, ईप्सा, चाह, कामना, स्पृहा, वांछा ।

(उ–ऊ)

उजाला-प्रकाश, ज्योति, प्रभा, आभा, रोशनी ।

उत्पल-देखें, ‘इन्दीवर’ ।

उत्पत्ति-जन्म, पैदाइश, उद्भव ।

उत्सव-पर्व, आयोजन, समारोह, त्यौहार ।

उत्साह-हौसला, उमंग, जोश ।

उदधि-सागर, समुद्र, सिन्यु, जलधि, पयोधि, नदीश ।

उद्यान-उपवन, बाग, बगीचा ।

ऊँचा-उच्च, उत्तुंग, शीर्षस्थ, उन्नत ।

(ऋ-ए-ऐ-ओ-औ)

ऋषि- मनीषी, मुनि, साधु, महात्मा ।

एषणा-देखें- ‘इच्छा’ ।

ऐश्वर्य-वैभव, संपन्नता, समृद्धि ।

ओंठ-देखें ‘अधर’ ।

औरत-स्त्री, वामा, महिला, वनिता, रमणी, अंगना ।

(क)

कमल-पद्म, अरविन्द, सरोज, जलज, कंज, सरसिज, उत्पल, वारिज, नलिन ।

कामदेव-देखें ‘अनंग’ ।

किरण-अंशु, कट, रश्मि, मयूख, मरीचि ।

कुबेर-धनद, धनाधिप, यक्षराज, किनरेश ।

कच-देखें ‘कमल’।

कंचन-स्वर्ण, कनक, हेम, सोना, हिरण्य ।

कच-कुंतल, बाल, अलक, गेसू, केश ।

कनक-देखें ‘कंचन’।

कपड़ा-पट, वस्त्र, वसन, अम्बर ।

कपाल-भाल, शीश, मस्तक, सिर।

कमला-देखें ‘इन्दिरा’।

कलाधर देखें ‘इन्दु’।

कवि-रचनाकार, रचयिता, शायर ।

कामना-देखें ‘ईहा’।

काया–देह, शरीर, गात्र, गात, तन।

काला-श्याम, कृष्ण, असित, श्यामल ।

किताब-पुस्तक, ग्रन्थ, पोथी।

किनारा-पुलिन, तट, कूल, तीर, कगार ।

कुच-स्तन, उरोज, उरसिज, चूचुक ।

कुलटा-व्यभिचारिणी, पुँश्चली, स्वैरिणी, छिनाल ।

कुसुम-फूल, पुष्प, सुमन, प्रसून ।

कृष्ण-गोपाल, गोविन्द, माधव, मुरलीधर, मोहन, मुरारि, मधुसूदन, श्याम ।

कोकिल-कोकिला, पिक, श्यामा, कोयल ।

कोप-क्रोध, अमर्ष, रोष ।

कोयल-देखें ‘कोकिल’ ।

कोष–खजाना, निधि, भंडार ।

क्रोध-कोप, रोष, प्रकोप, अमर्ष ।

क्षपा-रात्रि, रात, निशा, यामिनी, रजनी, विभावरी ।

क्षिति-पृथ्वी, मही, धरा, धरणी, धरती, भू, भूमि ।

क्षीर-दूध, पय, गोरस ।

(ख)

खंजन-सारंग, नीलकंठ, कलकंठ, खड़रिच ।

खग-पक्षी, पंछी, चिड़िया, विहंग, नभचर ।

खोज-अन्वेषण, शोध, आविष्कार, अनुसंधान ।

ख्याति-प्रसिद्धि, यश, नाम ।

(ग)

गंगा-भागीरथी, देवनदी, जाह्नवी, सुरसरिता, अलकनन्दा, देवापगा।

गगन-देखें श्आकाशश् ।

गज-हाथी, नाग, कुञ्जर, मातंग, द्विप, हस्ती, करी ।

गणेश-गजानन, गणपति, लंबोदर, विनायक, गजवदन, गणाधिप ।

गदहा-खर, गर्दभ, वैशाखनन्दन, धूसर, रासभ ।

गेहकृघर, निकेतन, भवन, सदन, आलय, गृह, धाम, मन्दिर ।

गरुड़-पक्षिराज, विष्णुवाहन, भुजंगभोजी, पनगारि ।

गाँव-ग्राम, देहात, मौजा, बस्ती ।

गाय-गौ, धेनु, सुरभि, कल्याणी ।

गोधूलिकृ सन्ध्या, सायं, शाम, दिवसावसान, दिनांत ।

(घ)

घड़ाकृघट, कलश, गगरा, कलसा ।

घन-बादल, वारिद, मेघ, वारिधर, जलघर ।

घर-देखें ‘गेह’।

(च)

चतुर-प्रवीण, निपुण, पटु, सयाना, कुशल, योग्य, दक्ष ।

चन्द्र-देखें ‘इन्दु’।

चाँदनी-चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, जुन्हाई ।

चोरकृदस्यु, रजनीचर, खनक, कुंभिल ।

चंदन-मलयज, गंधसार, गंधराज, श्रीखंड ।

चन्द्रमा-देखें ‘इन्दु’ ।

चपला-विद्युत, बिजली, तड़ित, चंचला, दामिनी ।

चरण-पग, पद, पैर, पाँव ।

चश्मा-उपनयन, उपनेत्र, सहनेत्र, ऐनक ।

(छ-ज)

छाती–सीना, उर, वक्षःस्थल, वक्ष ।

छिनाल-देखें ‘कुलटा’।

जंग-लड़ाई, संग्राम, समर, युद्ध, रण ।

जंगल-वन, विपिन, अरण्य, अटवी ।

जग-संसार, जगत, दुनिया, विश्व, भुवन ।

जल-पानी, नीर, उदक, सलिल, अम्बु, तोय, वारि ।

जलद-मेघ, बादल, वारिद, जलधर ।

(ट-ढ)

टेढ़ा-बक्र, बंक, कुटिल ।

ठग-धोखेबाज, वंचक, छली, छद्मी ।

डगर-राह, बाट, मार्ग, रास्ता, पंथ, पथ ।

डर–भय, दहशत, भीति, आतंक, त्रास ।

डाकू-दस्यु, डकैत, राहजन, लुटेर ।

ढंग-विधि, रीति, पद्धति, प्रणाली ।

(त-न)

तट-देखें ‘किनारा’।

तड़ाग-तालाब, सरोवर, सर, ताल, जलाशय ।

तन-काया, देह, शरीर, जिस्म ।

तलवार-कृपाण, खड्ग, असि, खंजर, करवाल, सिरोही ।

तारा-नक्षत्र, सितारा, तारिका, उडु, तारक ।

तारीख-तिथि, दिनांक, मिती ।

तालाब-देखें ‘तड़ाग’ ।

तिमिर-अँधेरा, तम, अंधकार, कालिमा ।

तीर-बाण, शर, शायक, विशिख ।

तोता-शुक, कीर, सुआ, सुग्गा ।

थकान-क्लांति, थकान, श्रांति, थकावट ।

दया-रहम, करुणा, कृपा, अनुकम्पा ।

दरिद्र-गरीब, निर्धन, अकिंचन ।

दर्पण-शीशा, मुकुर, आईना, आरसी ।

दारा-पत्नी, स्त्री, सहचरी, अर्धागिनी, गृहिणी ।

दास-नौकर, सेवक, अनुचर, भृत्य, परिचारक ।

दिन-वासर, दिवस, दिवा ।

दीपक-प्रदीप, दीप, दीया, संदीप ।

दुख-पीड़ा, व्यथा, कष्ट, क्लेश, वेदना, यातना, खेद, विषाद ।

दूध-दुग्ध, पय, क्षीर, गोरस, स्तन्य ।

दुर्गा-चण्डिका, कालिका, काली, शाम्भवी, महागौरी, सिंहवाहिनी ।

दृग-नेत्र, नयन, आँख, चक्षु, लोचन ।

देवता-अमर, सुर, देव, विबुध ।

धनुष-पिनाक, चाप, शरासन, कमान ।

धीर-सहनशील, सहिष्णु, तितिक्षु ।

धूर्त-दुष्ट, खल, शठ, ठग ।

नदी-सरिता, तटिनी, सलिला, स्रोतस्विनी, कल्लोलिनी ।

नभ-देखें ‘आकाश’

नयन-देखें ‘आँख’ ।

नर-पुरुष, मर्द, आदमी ।

नरक-यमपुर, यमलोक, यमालय, यमधाम ।

नाक-नासिका, घ्राणेन्द्रिय, नासा ।

नाटा-ठिगना, बौना, वामन, छोटा आदमी।

नायक-अभिनेता, सितारा, कलाकार, नेता, पात्र ।

नाविक-केवट, खेवट, मल्लाह, माझी ।

निधन-देहान्त, मृत्यु, देहावसान, देहत्याग ।

नियति-प्रारब्ध, अदृष्ट, भवितव्यता, होनी, होनहार ।

नियम-दंग, विधि, विधान, कानून ।

निर्दय-निष्ठुर, क्रूर, निर्मम, नृशंस ।

निर्धन-दरिद्र, गरीब, दीन, अकिंचन ।

निर्बल-शक्तिहीन, कमजोर, अशक्त, दुर्बल, क्षीण ।

निर्मल-अमल, विमल, स्वच्छ, अम्लान, परिष्कृत ।

(प-म)

पंख-पर, डैना, पाँख, पक्ष ।

पक्षी-विहग, विहंग, खग, चिड़िया, पखेरू ।

पति–स्वामी, भर्ता, कांत, वल्लभ ।

पत्थर-पाहन, शिला, प्रस्तर, पाषाण, उपल।

पत्नी-सहचरी, गृहिणी, घरनी, भार्या, बारा, पल्लमा ।

पथिक-बटोही, राही, पंची, बटाऊ, मुसाफिर ।

पर्वत-भूधर, पहाड़, गिरि, अचल, शैल, अद्रि ।

पवन-हवा, अनिल, वायु, समीर, बयार, वात ।

पशु-चैपाया, चतुष्पद, जानवर, मृग ।

पानी-जल, नीर, वारि, अंबु, सलिल, उदक ।

पिशाच-भूत, प्रेत, बैताल ।

पुत्र-बेटा, तनय, लड़का, सुत, आत्मज ।

पुत्री-बेटी, तनया, लड़की, सुता, दुहिता, आत्मजा ।

प्रभात-प्रातः, प्रातःकाल, बिहान, भोर, सबेरा ।

प्रिया-प्रेमिका, सजनी, प्रियतमा, प्रेयसी, दिलरुबा ।

प्रिय-प्रेमी, प्रियतम, साजन, प्यारा, स्नेही ।

प्रासाद-राजमहल, महल, सदन, भवन, हवेली ।

प्रेम-स्नेह, प्रीति, प्यार, अनुराग, ममता ।

फूल-पुष्प, प्रसून, सुमन, कुसुम, गल ।

ब्रह्मा–स्वयंभू, स्रष्टा, प्रजापति, अज, विधाता, विधि, चतुरानन ।

ब्राह्मण-द्विज, विप्र, भूदेव, ज्येष्ठ वर्ण ।

भास्कर-रवि, सूर्य, दिवाकर, दिनकर, दिनेश, भानु ।

मछली-मत्स्य, मीन, सफरी, झख ।

मधुकर-भौरा, अमर, भृग, षट्पद, मधुप, अलि ।

महादेव-शंभु, शिव, शंकर, पशुपति, चन्द्रशेखर, त्रिलोचन, नीलकंठ, गिरीश ।

महेन्द्र-इन्द्र, सुरेश, देवराज, देवेन्द्र ।

मोक्ष-मुक्ति, निर्वाण, परमपद, कैवल्य मोर-मयूर, केहा, शिखी, सर्पभक्षी, शिवसुतवाहन ।

(य-ह)

यम-कीनाश, श्राद्धदेव, धर्मराज, यमराज, सूर्यपुत्र, यमुनाभ्राता ।

यश-कीर्ति, ख्याति, प्रसिद्धि, नाम ।

रजनी-रात, निशि, रात्रि, विभावरी ।

राजा-भूप, नृपति, नरपति, नरेश, नृप ।

राजीव-कमल, पंकज, नीरज, जलज, सरसिज, सरोज ।

रात-देखें ‘रजनी’ ।

रात्रि-देखें ‘रजनी’ ।

रुद्र-महादेव, शंकर, शंभु, कैलासपति, त्रिलोचन, महेश, शिव ।

लक्ष्मी-कमला , रमा, इन्दिरा, श्री।

वर्षा-वृष्टि, वारिस, बरसात, पावस, मेह ।

वसंत-मधुऋतु, मधुमास, ऋतुराज, कामसखा ।

वायु-देखें ‘पवन’।

विधु-देखें ‘इंदु’ ।

विमाता–सौतेली माँ, दुमाता, उपमाता ।

विषकृजहर, गरल, हलाहल, कालकूट ।

विष्णु-गोविन्द, केशव, श्रीपति, जनार्दन, चक्रपाणि, मुकुन्द, नारायण ।

वीरकृयोद्धा, सूरमा, शूर, बहादुर, पराक्रमी ।

वृक्ष-तरु, पेड़, पादप, विटप, द्रुम ।

शंकर-देखें ‘रुद्र’ ।

शत्रु-रिपु, दुश्मन, अरि शराब-सुरा, मद्य, मदिरा, हाला ।

शिखी-देखें ‘मोर’ ।

शिव-देखें ‘रुद्र’।

श्रम-परिश्रम, उद्योग, उद्यम, मेहनत ।

संत-संन्यासी, साधु, फकीर, सज्जन ।

संसार-जरा, जगत, विश्व, घरा, पृथ्वी ।

सखा-मित्र, दोस्त, साथी, इष्ट ।

सदन-घर, निकेतन, गृह, भवन ।

समुद्र-जलधि, सागर, सिन्धु, पयोधि, रत्नाकर, अर्णव, वारिधि ।

सरस्वती-शारदा, वीणापाणि, भारती, ब्राह्मी, वागीशा, महाश्वेता ।

सरोवर-तालाब, सर, तड़ाग, झील ।

सिंह-मृगराज, मृगपति, मृगेन्द्र, व्याघ्र, केसरी, नाहर, शेर ।

सुधा-देखें ‘अमृत’ ।

सुरेन्द्र-देखें ‘इन्द्र’ ।

सूर्य-देखें ‘भास्कर’।

सेवक-अनुचर, दास, भृत्य, नौकर ।

सोना-कनक, सुवर्ण, कंचन, हेम ।

स्त्री-महिला, नारी, औरत, रमणी, कामिनी, वनिता, अंगना ।

स्मर-कामदेव, शिवरिपु, रतिप्रिय, रतिपति, कामचर, मदन ।

स्वर्ग-देवलोक, नाक, घौ, दिव।

हरि-विष्णु, केशव, धनंजय, मुकुन्द, गोविन्द ।

हस्ती-हाथी, गज, गजराज, कुंजर, मतंग ।

हिरन-कुरंग, मृग, सारंग, सुरभी ।