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source in hindi , definition , स्रोत किसे कहते हैं परिभाषा क्या है , प्रकार , वोल्टता , धारा स्रोत अंतर

पढ़िए source in hindi , definition , स्रोत किसे कहते हैं परिभाषा क्या है , प्रकार , वोल्टता , धारा स्रोत अंतर ?

स्रोत (source) : वह उपकरण जिसका प्रयोग विद्युत परिपथ को शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है उसे शक्ति स्रोत कहते हैं | अर्थात विद्युत परिपथ में शक्ति उपलब्ध इसी के माध्यम से होती है |

विद्युत परिपथ में दो प्रकार के शक्ति स्रोत प्रयोग में लिए जाते है –

  • वोल्टता स्रोत (वोल्टेज source)
  • धारा स्रोत (current source)

ये दोनों प्रकार के स्रोत वास्तविक (real) अथवा आदर्श (ideal) हो सकते है |

आदर्श रूप : वह उपकरण जिसमें शक्ति का हास न हो अर्थात जितना इनपुट उतना ही आउटपुट प्राप्त होता है |

वास्तविक रूप : यह स्रोत का व्यावहारिक रूप है क्योंकि कोई भी स्रोत आदर्श नहीं हो सकता है उसमें ऊर्जा या शक्ति का हास उसमें लगे विभिन्न अन्य उपकरण जैसे तार में विद्युत प्रवाह होने से शक्ति का हास होना आदि शामिल होते है |

  • वोल्टता स्रोत (voltage source) : यदि किसी वोल्टता स्रोत (जनित्र) में आंतरिक लोड (आंतरिक प्रतिबाधा , Zin) उपस्थित न हो और उसके साथ जुड़े बाह्य लोड (प्रतिबाधा) के किसी भी मान के लिए उस पर वोल्टता का मान स्थिर रहे तो उसे आदर्श वोल्टता स्रोत (ideal voltage source) कहते हैं | परन्तु व्यावहारिक रूप में प्रत्येक स्रोत (जनित्र) का आंतरिक लोड (आंतरिक प्रतिबाधा) होता है जो उसके साथ श्रेणीक्रम में आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ माना जाता है | ऐसे वोल्टता स्रोत के साथ बाह्य लोड (Z1) जोड़ने पर उस पर वोल्टता का मान बाह्य लोड के परिवर्तन से परिवर्तित होता है , अर्थात वोल्टता स्थिर नहीं रहती है , इस प्रकार के वोल्टता स्रोत को वास्तविक वोल्टता स्रोत (real voltage source) कहते हैं |
  • धारा स्रोत (current source) : वह धारा स्रोत जिसमें अनंत (infinite) प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगा हुआ माना जाता है उसे आदर्श धारा स्रोत (ideal current source) कहते हैं इस प्रकार के स्रोत से किसी बाह्य लोड के किसी भी मान के लिए इससे प्रवाहित धारा का मान स्थिर रहता है परन्तु ऐसा धारा स्रोत जिसके समान्तर क्रम में अनंत प्रतिरोध जुड़ा न होकर परिमित (finite) मान का प्रतिरोध लगा हुआ होता है उसे वास्तविक धारा स्रोत (real current source) कहते हैं | इस प्रकार के स्रोत से किसी बाह्य लोड में प्रवाहित धारा का मान बाह्य लोड के परिवर्तन से परिवर्तित होता है |

किसी भी विद्युत ऊर्जा स्रोत को वोल्टता स्रोत या धारा स्रोत के रूप में निरुपित किया जा सकता है | यदि किसी स्रोत की आंतरिक प्रतिबाधा ZS है और उसे लोड प्रतिबाधा ZL से जोड़ा जाता है तो उसे एक आदर्श वोल्टता स्रोत और श्रेणीक्रम में संयोजित आंतरिक प्रतिबाधा के संयोजन के तुल्य मान सकते है |

इसी प्रकार इस स्रोत को एक आदर्श धारा स्रोत और उसके समान्तर क्रम में लगे आंतरिक प्रतिरोध के रूप में माना जा सकता है |

उपरोक्त निरूपण में वोल्टता VS और धारा IS में निम्न संबंध पाया जाता है –

VS = ISZS