विलेयता की परिभाषा क्या है , विलेयता किसे कहते है (solubility in hindi) , सूत्र , गुणांक solubility meaning in hindi
(solubility in hindi) विलेयता की परिभाषा क्या है , विलेयता किसे कहते है,.सूत्र , गुणांक गुणनफल क्या होता है ? solubility meaning in hindi
परिभाषा : किसी भी पदार्थ की यह एक प्रकार की रासायनिक क्षमता होती है जो यह बताती है कि किसी विलायक में कोई विलेय घुलने की कितनी क्षमता रखता है।
इसका मापन साम्यावस्था की स्थिति में विलेय पदार्थ की अधिकतम मात्रा जो विलायक में घुल जाती है उस आधार पर होता है। और जैसा कि हम जानते है कि जब कोई विलेय किसी विलायक में अधिकतम मात्रा तक घुला हुआ हो तो ऐसे विलयन को संतृप्त विलयन कहते है , इसलिए विलेयता के मापन के समय जब विलेय , विलायक में अधिकतम रूप से घुला हुआ रहता है तो इस स्थिति में प्राप्त विलयन को संतृप्त विलयन कहते है।
विलेयता को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
परिभाषा : “एक निश्चित ताप पर किसी विलायक की एक निश्चित मात्रा में घुले हुए विलेय पदार्थ की अधिकतम मात्रा को विलेय पदार्थ की विलेयता कहते है। ”
विभिन्न अवस्थाओं में कोई विलेय साम्यावस्था की विलेयता को और अधिक बढाया जाता है अर्थात कुछ अवस्थाओं में विलेयता अधिक हो जाती है या बढ़ जाती है इस स्थिति में जो परिणामी विलयन प्राप्त होता है उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते है।
अधिकतर विलेय के रूप में ठोस होता है , यह विलेय ठोस शुद्ध रूप में भी हो सकता है तथा मिश्रण के रूप में भी पाया जा सकता है।
इसके अलावा विलायक में गैस , द्रव , ठोस तीनों ही विलयशील होते है , अत: इनमें से कुछ भी विलेय के रूप में हो सकता है जो विलायक में घुला हुआ हो सकता है।
कुछ पदार्थ होते है जो विलायक में पूर्ण रूप से विलेय रहते है जैसे एथेनॉल , पानी में पूर्ण रूप से घुल जाता है , इसलिए इस प्रकार के विलेय पदार्थों की विलेयता को अन्नत विलेयता कहते है।
कुछ पदार्थ बहुत कम घुलनशील रहते है जैसे सिल्वर कोलेरोइड , पानी में बहुत कम घुलनशील रहता है इन्हें निम्न विलेयलता पदार्थ कहते है।
कभी कभी निम्न विलेय पदार्थों के लिए अविलेय पदार्थ शब्द भी काम में लिया जाता है क्यूंकि इनकी विलेयता बहुत कम होती है।
विलेयता पदार्थ (विलेय) तथा विलायक की प्रकृति , दाब तथा ताप पर निर्भर करती है , अर्थात इनका मान परिवर्तित करके विलेय पदार्थ की विलेयता को प्रभावित किया जा सकता है।
विलेयताः किसी निश्चित ताप और दाब पर 100 ग्राम विलायक में घुलने वाली विलेय की अधिकतम मात्रा को उस विलेय पदार्थ की उस विलायक में विलेयता कहते हैं।
विलयन का सांद्रण किसी विलायक या विलयन की इकाई मात्रा में उपस्थित विलेय की मात्रा को विलयन का सांद्रण कहते हैं। जिस विलयन में विलेय की पर्याप्त मात्रा घुली रहती है, उसे सांद्र विलयन कहा जाता है तथा जिस विलयन में विलेय की मात्रा घुली रहती है, उसे तनु विलयन कहा जाता है। सभी तनु विलयन असंतृप्त विलयन होते हैं, जो विलयन जितना ही अधिक तनु होता है, वह उतना ही अधिक असंतृप्त होता है।
परिक्षेपणः जब किसी पदार्थ के कण (अणु, परमाणु या आयन) दूसरे पदार्थ के कणों के इर्द-गिर्द बिखेर दिये जाते हैं, तो यह क्रिया परिक्षेपण कहलाती है। पहले पदार्थ को परिक्षेपित पदार्थ और दूसरे को परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है।
परिक्षेपण के परिणामस्वरूप दो प्रकार के पदार्थों का निर्माण होता है – (प) विषमांग पदार्थ, जैसे – निलम्बन, कोलॉइडय (पप) समांग पदार्थ, जैसे – वास्तविक विलयन।
निलम्बनः छोटे आकार के कणों वाले पदार्थ जो विलायक में अघुलनशील, परन्तु नग्न आँखों से दृश्य होते हैं, निलम्बन कहलाते हैं। जैसे – नदी का गंदा जल, वायु में धुआँ आदि।
कोलाइड्स और कोलाइडल अवस्थाः स्टार्च, गोंद, सरेस आदि पदार्थ जो अक्रिस्टलीय हैं और घुलनशील अवस्था में बिखरते नहीं हैं या जिनमें जन्तु या पादप झिल्ली को पार करने की प्रकृति कम होती है, उन्हें कोलॉइड कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं –
(1) द्रवस्नेही कोलॉइड – वे पदार्थ जैसे- गोंद, जिलेटिन, स्टार्च, रबड़ आदि जो उपयुक्त द्रव, परिक्षेपण माध्यम में सीधे मिश्रित होकर कोलाइडल सॉल बनाते हैं, द्रवस्नेही कोलॉइड कहलाते हैं।
(2) द्रव विरोधी कोलॉइड – धातुएँ और उनके सल्फाइड आदि सामान्य रूप में परिक्षेपण माध्यम से मिश्रित होकर कोलॉइडल सॉल का निर्माण नहीं करते हैं, बल्कि उनके कोलॉइडल सॉल का निर्माण केवल विशेष विधियों से होता है। इन्हें द्रव विरोधी कोलाॅइड कहते हैं।
प्रश्न 1 : HCl का दशांश तुल्यांकी भार विलयन के 500 ml में विलेय है , विलयन की नार्मलता ज्ञात कीजिये |
हल : N = (1/10) x 1000/ 500
= 1/5 N
प्रश्न 2 : ऑक्सेलिक अम्ल का 0.1 N के 250 ml विलयन बनाने के लिए इस अम्ल के कितने ग्राम घोलने पड़ेंगे |
हल : ऑक्सेलिक अम्ल (H2C2O4.2H2O) का तुल्यांक भार = 63
N = WA x 1000/ EA x V(ml)
WA = 0.1 x 63 x 250/1000 = 1.575 gm
प्रश्न 3 : 5.85 ग्राम NaCl को जल में घोलकर 200 mL विलयन प्राप्त किया | प्राप्त विलयन की मोलरता क्या होगी ?
उत्तर : मोलरता M = WA x 1000/ MA x V(sol) mL
M = 5.85 x 1000/ 58.5 x 200 = 0.5 M
प्रश्न 4 : 20.6 ग्राम NaBr को जल में घोलकर 500 ml विलयन प्राप्त किया | प्राप्त विलयन की मोलरता क्या होगी ?
उत्तर : M = WA x 1000 / MA x V(sol)mL
दिया हुआ है –
NaBr का द्रव्यमान = WA = 20.6 gm
NaBr का मोलर द्रव्यमान = 23 + 80 = 103 gm
विलयन का आयतन (V(sol)mL) = 500 ml
M = 20.6 x 1000/ 103 x 500
= 0.4 M
प्रश्न 5 : एक गैसीय मिश्रण के एक लीटर एक ग्राम H2 तथा 2.8 ग्राम N2 है | H2 और N2 के मोलर सांद्रण ज्ञात कीजिये ?
हल : H2 का द्रव्यमान = एक ग्राम
H2 के मोल = 1/2 = 0.5 मोल
मिश्रण का आयतन = एक लीटर
H2 की सान्द्रता = 0.5/1 = 0.5 मोल लीटर-1
N2 का द्रव्यमान = 2.8 ग्राम
N2 के मोल = 2.8/2.8 = 0.1 मोल
मिश्रण का आयतन = एक लीटर
N2 की सान्द्रता = 0.1/1 = 0.1 मोल लीटर-1
प्रश्न 6 : 0.1 M Na2CO3 सान्द्रता का 500 ml विलयन बनाने के लिए जल में कितने ग्राम निर्जल Na2CO3 घोलना पड़ेगा |
उत्तर : दिया हुआ है –
विलयन की मोलरता = 0.1 M
विलयन का आयतन = 500 mL
निर्जल Na2CO3 का मोलर द्रव्यमान = 2 x 23 + 12 + 3 x 16 = 106
M = WA x 1000/ MA x V(sol) ml
WA = 5.3 gm
प्रश्न 7 : जल का आपेक्षिक घनत्व 1 मानते हुए शुद्ध जल में H2O की मोलरता ज्ञात कीजिये |
हल : शुद्ध जल का घनत्व = 1 gm mL-1
अत: 1000 mL जल का द्रव्यमान = 1000 ग्राम
1000 mL जल में जल के मोल = 1000/18 = 55.5
अर्थात जल की मोलरता = 55.5 मोल प्रति लीटर
प्रश्न 8 : एक लवण का अणुभार 60 है | इस लवण के 9 ग्राम को जल में घोलकर 250 ग्राम विलयन प्राप्त किया गया | इस विलयन की मोललता ज्ञात कीजिये |
हल : लवण का द्रव्यमान = 9 gm (WA)
विलयन का द्रव्यमान = 250 gm
विलायक का द्रव्यमान = 250 – 9 = 241 gm (WB)
लवण का मोलर द्रव्यमान = 60 (MA)
M = WA x 1000/ MA x WB(gm)
M = 9 x 1000/ 60 x 241 = 0.62 m
प्रश्न 9 : किसी विलायक के 100 ग्राम में NaCl के 1/10 मोल विलेय है | विलयन की मोललता ज्ञात कीजिये ?
हल : विलायक का द्रव्यमान = 100 gm = 0.1 Kg
विलेय (NaCl) के मोल = 1/10
मोललता = विलेय के मोल/विलायक का द्रव्यमान
= 1/10 x 1/0.1
= 1 m
प्रश्न 10 : 25 ग्राम शर्करा को 75 ग्राम जल में घोला गया तो शर्करा का द्रव्यमान प्रतिशत ज्ञात कीजिये |
हल : शर्करा का द्रव्यमान = 25 gm
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 75 gm
विलयन का कुल द्रव्यमान = 25 + 75 = 100 gm
% w/w = विलेय का द्रव्यमान x 100 / विलयन का कुल द्रव्यमान
= 25 x 100/100
= 25%
प्रश्न 11 : 25 ग्राम शर्करा को 100 ग्राम जल में घोला गया तो शर्करा का द्रव्यमान प्रतिशत ज्ञात कीजिये |
हल : शर्करा का द्रव्यमान = 25 gm (WA)
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 100 gm (WB)
विलयन का द्रव्यमान = 100 + 25 = 125 gm
%w/w = विलेय का द्रव्यमान x 100 / विलयन का कुल द्रव्यमान
= 25 x 100/125 = 20%
प्रश्न 12 : 40 ml CH3OH , 160 ml जल में घुला हुआ है | CH3OH की आयतन प्रतिशत ज्ञात कीजिये ?
हल : CH3OH का आयतन = 40 मिली
जल (विलायक) का आयतन = 160 ml
विलयन का कुल आयतन = 40 + 160 = 200 mL
CH3OH का %v/v = CH3OH का आयतन x 100/ कुल आयतन
= 40 x 100/200
= 20%
प्रश्न 13 : 40 ग्राम NaCl को जल में घोलकर 100 ml विलयन बनाया गया , द्रव्यमान/आयतन प्रतिशत ज्ञात कीजिये |
हल : NaCl का द्रव्यमान (WA) = 40 gm
विलयन का आयतन V(sol) ml = 100 ml
द्रव्यमान आयतन प्रतिशत = विलेय का द्रव्यमान x 100 / विलयन का आयतन
% w/v = 40 x 100 / 100 = 40%
प्रश्न 14 : प्रोपिओनिक अम्ल के 14.8 ग्राम जल में घुलकर 10 लीटर विलयन बनाते है , विलयन की सान्द्रता F में ज्ञात कीजिये |
हल : प्रोपिओनिक अम्ल का द्रव्यमान (WA) = 14.8 gm
विलयन का आयतन (V(sol) L) = 10 L
प्रोपिओनिक अम्ल जल में द्विलव्य बनाता है | अत:
सूत्रभार (FA) = 2 x मोलर द्रव्यमान
= 2 x 74 = 148
F = WA / FA x 1/VsolL
F = 0.01 F
प्रश्न 15 : 0.2 N Na2CO3 विलयन की मोलरता क्या होगी ?
हल : नार्मलता = मोलरता x मोलर द्रव्यमान / तुल्यांकी द्रव्यमान
0.2 = M x 106/53
M = 0.1
प्रश्न 16 : मेथेनोल के 2 m विलयन के 5 लीटर में उपस्थित मेथेनॉल के मोलों की संख्या की गणना कीजिये , यदि विलयन का घनत्व 0.981 kg L-1 है |
हल : 5 लीटर मेथेनॉल विलयन का द्रव्यमान = 4.905 kg = 4905 gm
मेथेनॉल के 2m विलयन का द्रव्यमान = 1000 g (जल) + 2 x 32 g (मेथेनॉल )
= 1064 g
इस प्रकार 1064 g विलयन में मेथेनॉल के मोल = 2
अत: 4905 g विलयन में मेथेनॉल के मोल = 2 x 4905/1064
= 9.22 मोल
प्रश्न 17 : 18 ml विलयन जिसमें 5g NaOH है , को 200 mL M/5 NaOH विलयन के साथ मिश्रित किया गया है | परिणामी विलयन की मोलरता की गणना कीजिये |
हल : प्रथम विलयन की आयतन = 100 mL = V1
प्रथम विलयन की मोलरता M1 = 5 x 1000/40 x 100 = 1.25 M
द्वितीय विलयन का आयतन V2 = 200 ml
द्वितीय विलयन की मोलरता M2 = M/5
परिणामी विलयन का आयतन V = 100 + 200 = 300 mL
परिणामी विलयन की मोलरता यदि M3 है तो
M3V = M1V1 + M2V2
M3 x 300 = 1.25 x 100 + M/5 x 200
M3 = 0.55 M
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