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Sepia or cuttlefish Excretory system in hindi , Nervous system सीपिया में उत्सर्जी तंत्र तंत्रिका तन्त्र क्या है

जाने Sepia or cuttlefish Excretory system in hindi , Nervous system सीपिया में उत्सर्जी तंत्र तंत्रिका तन्त्र क्या है ?

उत्सर्जी तन्त्र (Excretory system) :

सीपिया में वृक्क (kidney) या वृक्क कोष (renal sac) उत्सर्जी अंग होता है जो पतली भित्ति से निर्मित तीन प्रकोष्ठों का बना होता है। इनमें से दो अधरीय तथा एक मध्य पृष्ठीय होते हैं तथा आपस में जुड़े रहते है। इनमें से दो अधरीय प्रकोष्ठ, मलाशय के दोनों ओर स्थिति रीनल पेपिला पर उपस्थित रीनल छिद्र द्वारा बाहर खुलते हैं। जबकि तीसरा मध्य पृष्ठीय प्रकोष्ठ रीनो पेरिकार्डियल छिद्र (renopericardial aperture) द्वारा पेरिकार्डियल गुहा में खुलता है। महाशिरा के विभाजन से निर्मित क्लोम शिरा अपनी-अपनी तरफ से अधरीय प्रकोष्ठ से गुजरती है। अधरीय प्रकोष्ठ से गुजरने वाली शिरा चारों तरफ से उत्सर्जी ग्रन्थिल उपकला द्वारा ढकी रहती है। यह ग्रन्थिल उपकला रक्त में से उत्सर्जी अपशिष्ठ पदार्थों को पृथक कर देती है। मध्य पृष्ठीय प्रकोष्ठ अग्नाशयी पुटकों (pancreatic follicles) को घेरे रहता है तथा पाचक ग्रन्थि की वाहिका में खुलता है। ये अत्यधिक संवहनीय होते हैं तथा उत्सर्जन का कार्य करते हैं। वृक्क कोष (renal sac) की गुहा में भी उत्सर्जी पदार्थ जैसे गुआनिन की उपस्थिति देखी गई है जिसे ये प्रावार गुहा में मुक्त कर देते हैं।

तंत्रिका तन्त्र (Nervous system) :

सीपिया का तंत्रिका तन्त्र सुविकसित होता है तथा निम्नलिखित संरचनाओं से मिलकर बना होता है।

  1. मस्तिष्क (Brain) : मस्तिष्क चार गुच्छकों से मिलकर बनता है। ये सभी गुच्छक सिर में ग्रसिका के चारों तरफ, मुख पिण्ड के पीछे स्थित होते है। सीपिया का मस्तिष्क एक उपास्थिल कवच से ढका रहता है जिसे कपाल (skull) कहते हैं। मस्तिष्क में उपस्थित चार गुच्छकों में से एक जोड़ी प्रमस्तिष्क या अधि ग्रसिकीय गुच्छक (cerebral or supra oesophageals ganglia) परस्पर समेकित होकर एक गोल पिण्ड की संरचना करते हैं जो ग्रसिका के ऊपर स्थित होता है। पार्श्वतः इन गुच्छकों से एक जोड़ी मोटी व मजबूत दृष्टितंत्रिकाएँ (optic nerves) निकलती है जो तुरन्त ही फैल कर बड़े वृक्काकार नेत्र के दृष्टि गुच्छकों में बदल जाती है। प्रत्येक दृष्टि तंत्रिका (optic nerve) के पृष्ठ की तरफ एक छोटा घ्राण गुच्छक (olfactory ganglion) पाया जाता है। आगे की ओर मुख पिण्ड की पृष्ठ सतह पर उपस्थित प्रधान मुखीय गुच्छक (superior buccal ganglion) ग्रसीकीय संयोजनियों (oesophageal connectives) द्वारा एक जोड़ी निचले मुखीय गुच्छक (inferior buccal ganglia ) से जुड़े रहते हैं जो मुखीय पिण्ड (buccal mass) के नीचे स्थित होते हैं। एक जोड़ी मोटी परिग्रसिकीय संयोजनिया (circum ocsophageal connectives) प्रमस्तिष्क गुच्छक को शेष मस्तिष्क से जोडती है जो ग्रसिका की अधर सतह पर स्थित होता है।

ग्रसिका के नीचे उपस्थित पादिक गुच्छक पिण्ड (pedal ganglionic mass) आंशिक रूप से अग्रपालि व पश्च पालि में बंटा होता है। अग्रपालि को भुजीय गुच्छक (brachial ganglion) तथा पश्च पालि को इन्फन्डीबुलर गुच्छक (infundibular ganglion) कहते हैं। भुजीय या ब्रेकियल गुच्छक से दस भुजीय या ब्रेकियल तंत्रिकाएँ निकल कर आगे की ओर भुजाओं में जाती है। यही एक कारण है जिससे इन भुजाओं को पाद माना जाता है। ब्रेकियल गुच्छक प्रधान मुखीय गच्या से तथा प्रमस्तिष्क गुच्छ से क्रमशः मुख भुजीय (brachio buccal) संयोजनियों तथा प्रमस्तिष्क भुजीय (brachial) संयोजिनों द्वारा भी परस्पर जुड़े रहते हैं। इन्फन्डीबुलर गुच्छक कीप या फनल (funnel) को तंत्रिका आपूर्ति करता है।

एक जोड़ी पार्श्व आन्तरांग गुच्छक या प्लूरो विसरल गुच्छक (pleuro visceral) भी समेकित होकर एकल पिण्ड की संरचना करती है जो ग्रसिका के पीछे पदिक गुच्दक के सम्पर्क में रहता। है। इससे दो जोड़ी मुख्य तंत्रिकाएँ निकलती है। इनमें से एक जोड़ी आन्तरांग तंत्रिका (viscerall nerve) होती है जो विभिन्न आन्तरांगों तक तंत्रिका आपूर्ति करती है तथा ये एक आन्तरांग पाश (visceral loop) बनाती है। जिससे एक जोड़ी क्लोम तंत्रिकाएँ (branchial nerves) निकलती है। ये क्लोम तंत्रिकएँ गिल या क्लोम को जाती है तथा इन पर क्लोम गुच्छक पाया जाता है। दूसरी मुख्य । तंत्रिका प्रावार तंत्रिका होती है ये भी एक जोड़ी होती है तथा प्रावार को जाती है।

  1. तारा सदृश्य गुच्छक (Stellate ganglion) : प्रावार तंत्रिका पार्श्व आन्तराग गुच्छक से निकल कर ग्रीवा में होती हुई पीछे की ओर प्रावार भित्ति की आन्तरिक सतह की ओर जाती है। प्रावार भित्ति में यह दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है। इनमें से बाहरी शाखा निकलते ही फूल कर एक बड़े लगभग तिकोने आकार के तारे सदृश्य गुच्छक (stellate ganglion) में समाप्त होती है। यह गुच्छक इतना मोटा होता है कि प्रावार गुहा को खोलते ही बिना विच्छेदन के ही क्लोमों के सम्मुख दिखाई देता है। इससे प्रावार भित्ति के बाहरी किनारे की ओर, कई तंत्रिकाएँ निकल कर प्रावार में जाती है। आन्तरिक शाखा दो संघायियों (commissures) द्वारा तारा सदृश्य गुच्छक से जुड़ जाती है तथा पंख या फिन को तंत्रिका आपूर्ति करती है।

अनुकम्पी तंत्रिका तन्त्र (Sympathetic Nervous System) : निचले मुखीय गुच्छक (inferior buccal ganglion) से एक जोड़ी अनुकम्पी तत्रिकाएँ निकल कर ग्रसिका के सहारे-सहारे पीछे की ओर जाती है। ये तत्रिकाएँ आमाशय व सीकम के मध्य उपस्थित जठरीय गुच्छक (gastric ganglion) से मिल जाती है। जठरीय गुच्छक यकृत, आमाशय, सीकम तथा आन्त्र को तंत्रिकाएँ भेजता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न –

प्रश्न (Questions)

लघुत्तरात्मक प्रश्न

  1. सीपिया का वर्गीकरण लिखिये।
  2. सीपिया के आवास व स्वभाव का वर्णन कीजिए।
  3. सीपिया किस प्रकार अपना रंग बदलती है।
  4. सीपिया के सिर पर कितनी भुजाएँ व कितने स्पर्शक पाये जाते हैं। स्पर्शकों की विशेषता बताइये।
  5. सीपिया में उपस्थित कीप पर टिप्पणी लिखिये।
  6. सीपिया में किस प्रकार का कवच पाया जाता है ? कवच के बारे में बताइये।
  7. सीपिया में पायी जाने वाली मसि ग्रन्थि क्या काम आती है व कैसे ?
  8. सीपिया में जेट गमन की विधि समझाइये।
  9. सीपिया के नेत्रों की तुलना कशेरूकी जन्तुओं के नेत्रों से कीजिये।
  10. सीपिया में मैथुन क्रिया कैसे होती है।

दीर्घउत्तरात्मक प्रश्न

1 सीपिया की बाह्य संरचना का सचित्र वर्णन कीजिये।

  1. सीपिया की प्रावार, प्रावार गुहा, साइफन का वर्णन करते हए इनके महत्त्व पर प्रकाश डालिये। ।
  2. सीपिया के पाचन तन्त्र का वर्णन कीजिये।
  3. सीपिया के नर व मादा जनन तन्त्रों का वर्णन कीजिये।
  4. निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिये

(i) सीपिया में गमन (ii) मसिग्रन्थि (iii) श्वसन क्रिया (iv) नेत्र

  1. सीपिया के तंत्रिका तन्त्र का वर्णन कीजिये।