second anglo maratha war in hindi , द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण और परिणाम क्या थे , कब हुआ किसके मध्य हुआ
पढेंगे second anglo maratha war in hindi , द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण और परिणाम क्या थे , कब हुआ किसके मध्य हुआ ?
प्रश्न: द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध
इस समय गवर्नर जनरल लाई वेलेजली था। वेलेजली फ्रांसीसी प्रभाव को कम करने के लिए सहायक संधि की नीति के तहत सभी भारतीय राज्यों को शामिल करना चाहता था। 1800 ई. में नाना फड़नवीश की मृत्यु के बाद मराठा सरदार ने अदरदर्शिता का परिचय दिया। पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा शक्ति को पनः प्राप्त करने की लालला बढी। दौलतराव सिंधिया एवं जसवंत राव होल्कर के मध्य पूना पर अधिकार जमाने की कोशिश की गई। पेशवा ने होल्कर के भाई बीठूजी की हत्या की। जिससे नाराज होकर होल्कर ने पूना पर अधिकार कर लिया तथा अमृतराव के पुत्र विनायक राव को पेशवा घोषित किया। पेशवा बाजीराव द्वितीय ने बसीन में शरण ली तथा अंग्रेजों से सहायता मांगी। पेशवा एवं कंपनी के मध्य बसीन की संधि हुई।
प्रश्न: पेशवाओं के अधीन मराठा प्रशासन हिन्दू-मुस्लिम संस्थाओं का उत्तम सम्मिश्रण था। व्याख्या कीजिए।
उत्तर : पेशवाओं ने अपने प्रशासन में हिन्दू एवं मुस्लिम संस्थाओं का उत्तम सम्मिश्रम किया था। संगोला की संधि से वास्तविकशक्ति पेशवा के हाथ में
आ गई और वह मराठों का सर्वोच्च नेता बन बैठा। सतारा का छात्रपति केवल महलों का महापौर बनकर रह गया। राजा की झूठी सत्ता राज्य के अंत तक बनी रही। स्कॉट वारिंग ने इस संबंध में टिप्पणी की है कि ष्पेशवा द्वारा शक्ति अपहरण से न किसी को आश्चर्य हुआ व ना किसी ने इस ओर ध्यान दिया। जैसे क्रमिक रूप से बालाजी विश्वनाथ 7वां पेशवा था, व इसने इस पद को वंशानुगत बना दिया।ष्
पना में पेशवा का सचिवालय था जिसे हुजूर दफ्तर कहा जाता था। यह मराठा प्रशासन का केन्द्र था, यह एक विशाल संस्था बन गया था जिसमें अनेक विभाग तथा कार्यालय थे। दैनिक रजिस्टर को रोज करद कहा जाता था। जिसमें सभी प्रकार के करों के लेन देन का ब्यौरा रहता था। सबसे महत्वपूर्ण विभाग एलबेरीज दफ्तर तथा चातले दफ्तर होते थे। इनमें से प्रथम सभी प्रकार के लेखों से संबंध रखता था तथा पूना में स्थित था।
चातले दफ्तर सीधे फडनवीस के अधीन होता था। समस्त राज्य को सूबों में बांटा गया। सूबों को तरफ एवं परगनों में बांटा गया. जिन्हें महाल कहा गया। सूबेदार के अधीन एक मामलातदार होता था, जिस पर मंडल, जिला, सरकार इत्यादि का भार होता था। मामलातदार तथा कामविसदार दोनों ही जिले में पेशवा के प्रतिनिधि होते थे। गांव में कर निर्धारण मामलातदार करता था। देशमुख व देशपाण्डे राजस्व जिला अधिकारी होते थे, जो मामलातदार के अधीन होते थे। इनके अतिरिक्त दरखदार का पद होता था, जो वंशानुगत था, यह मामलातदार से स्वतंत्र होता था, जो देशमुख व मामलातदार पर नियत्रंण रखता था।
.प्रत्येक जिले में कारकुन होता था जो विशेष घटनाओं की सूचना केन्द्र को भेजते थे। महाल में मुख्य कार्यकर्ता हवलदार होता था तथा मजूमदार और फड़नवीस उसकी सहायता करते थे।
मराठों का नागरिक प्रशासन मौर्य प्रशासन से मिलता-जुलता था। कोतवाल नगर का मुख्य प्रशासक होता था। साथ ही वह नगर का मुख्य दण्डाधिकारी व पुलिस का मुखिया भी होता था। मराठा कानून स्मृति ग्रंथों, दाय भाग तथा मनुस्मृति पर आधारित था। ग्राम में पटेल, जिले में मामलतदार तथा सूबे में सर सूबेदार और अंत में छत्रपति न्यायिक अधिकारी थे।
प्रशासन की मुख्य इकाई ग्राम थी। मुख्य ग्राम अधिकारी पटेल होते थे। यह पद वंशानुगत होता था, क्रय-विक्रय हो सकता था। पटेल के नीचे कुलकर्णी होता था जो ग्राम भूमि का लेखा रखता था। उसके नीचे चैगुले होते थे, इनके अतिरिक्त ग्रामों में 12 बलूटे (शिल्पी) होते थे जो विभिन्न सेवा करते थे। कुछ गांवों में 12 अलूटे होते थे जो सेवक के रूप में कार्य करते थे।
प्रश्न : महाराजा रणजीत सिंह के द्वारा जो प्रशासन व्यवस्था स्थापित की गई थी वह हिन्दू और मुगल प्रशासन का समन्वय था? स्पष्ट कीजिए
उत्तर : महाराजा की केन्द्रीय सरकार खालसा सरकार कहलाती थी। उच्च पदों पर डोगरा बंधुओं व मुसलमानों को नियुक्त किया।जैसे – विदेश मंत्री
(फकीर अजीपुद्दीन), रक्षामंत्री (दिवान मोहकचंद तथा हरीसिंह नलावा) आर्थिक मंत्री (भगवान दास)। महाराजा के केन्द्रीय सरकार को प्रांतों में विभाजित किया जो सुबा कहलाते थे। सूबा प्रमुख नाजिम कहलाता था।
4 सूबे बनाएं रू 1. कश्मीर 2. मुल्तान 3. पेशावर
सबों को परगनों में विभाजित किया, जिसका अधिकारी करदार कहलाता था। परगनों को तालुका (तहसील) व मौजों (गांव) में विभाजित किया। महाराजा की न्याय प्रणाली धर्म निरपेक्ष थी। सर्वोच्च अदालत, अदालत-उल-आला थी। जिसका मुखिया महाराजा था। जसवंतराव होल्कर की सलाह से महाराजा ने सैन्य एवं राजस्व प्रशासन स्थापित किया।
सैन्य प्रशासन
महाराजा ने अपनी सेना को दो भागों में बांटा। फौज-ए-खास (नियमित सेना)। फौज-ए-बेकवायद (अनियमित सेना)। फौज-ए-खास महाराजा की आदर्श सेना थी।
घुड़सवार : घुडचढ़ावास अर्थात वे सिक्ख सैनिक जिन्हें प्रशिक्षण पंसद नहीं था
फौज-ए-खास : मिसलदार-प्रशिक्षित सैनिक, पैदल सैनिक
महाराजा ने घुड़सवार सेना का सेनापति फ्रांसीसी अलार्ड को नियुक्ति किया। जब लार्ड आकलैड़ ने महाराजा की इस सेना को देखा तो इसे सबसे सुंदर फौज माना। पैदल सेना को प्रशिक्षित करने के लिए इटालियन सेनापति वेन्तुरा को नियुक्त किया। वेन्तुरा ने सैनिकों को फ्रांसीसी भाषा एवं ड्रम की धुन के आधार पर प्रशिक्षण दिया।
तोपखाना
1810 में तोपखाना स्थापित किया। इसे दरोगा-ए-तोपची (प्रमुख) के अधीन रखा। दरोगा-ए-तोपखाना, इलाही बख्श को नियुक्त किया। तोपखाने को 4 भागों में बांटा – तोपखाना-ए-फीली (हाथी), तोपखाना-ए-अस्पी (घोड़ा), तोपखाना-ए-जम्बूरक (ऊंट) तथा तोपखाना-ए-जीसी (बैल)
तोपखाने को प्रारंभ में फ्रांसीसी जनरल कोर्ट ने तथा बाद में कर्नल गार्डनर ने संगठित किया। तत्पश्चात लहनासिंह ने इस तोपखाने को विस्तृत किया। पैदल सेना देवासिंह व श्यामसौरा के नेतृत्व में रखी गई। बाज तथा उरंगों का झण्डा जिस पर गुरू गोविंद सिंह की वाणी लिखी हुई थी, फौज-ए-खास का चिह्न बनाया। महाराजा ने 2ध्5 से 1ध्3 तक वार्षिक राजस्व वसूल किया।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics