WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज क्या है | reverse transcriptase in hindi रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज के उपयोग (Application of Reverse Transcriptase).

reverse transcriptase in hindi रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज क्या है रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज के उपयोग (Application of Reverse Transcriptase) की परिभाषा किसे कहते है अर्थ ?

केन्द्रीय सिद्धान्त, अनुलेखन व अनुवाद
(Central Dogma, Transcription and Translation)
परिचय (Introduction)
अमीनों अम्लों के संघनित होने से प्रोटीन का निर्माण होता है। यह प्रोटीन, जीवों में उपस्थित महत्त्वपूर्ण अणु (molecules) है जो न्यूक्लिक अम्लों के समकक्ष जटिलता तथा विभिन्नता प्रदर्शित करते हैं। जन्तुओं तथा पादपों में पायी जाने वाली सभी विभिन्नताओं, उनके जीवन की आनुवंशिक सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाने की जिम्मेदारी न्यूक्लिक अम्लों के साथ-साथ प्रोटीन की भी होती है। न्यूक्लिक अम्लों में 4 अक्षरी वर्णमाला (4 letter alphabet) में जो आनुवंशिक सूचना संकेत (code) रूप में लिखी होती है, उसको एक बेहतर संतुलित व जटिल प्रक्रिया द्वारा अनुलेखन (transcription) व अनुवाद (translation) करके प्रोटीन में बदल दिया जाता हैं। 20 प्रकार के अमीनो अम्ल विभिन्न रूप से संयोजित होकर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला का निर्माण करते हैं। प्रोटीन संश्लेषण के समय विभिन्न रूप से संयोजित होकर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला का निर्माण करते हैं। प्रोटीन संश्लेषण के समय विभिन्न अमीनों अम्लों (amino acids = ।।) के अणु (molecules) एक विशिष्ट व निश्चित संख्या व क्रम (number and sequence) में व्यवस्थित रहते हैं। डीएनए का पोलीन्यूक्लिओटाइड का क्रम (arrangement) पोलीपेप्टाइड श्रृंखला (Polypeptide chain) में अमीनो अम्ल (AA) के अनुक्रम (sequence) को सुनिश्चित या निर्धारित करता है।
डीएनए अणुओं में स्थित नाइट्रोजन क्षार (nitrogenous bases) एक विशेष अनुक्रम (special sequence) में जुड़ी रहती है जिसमें प्रोटीन अणुओं के संश्लेषण के लिए संदेश (code) उपस्थित रहता है। यह त्रिक या आनुवंशिक कोड (triplet or genetic code). कहलाता है।
पॉल जैमनिक (PaulZ amecnik 1950) ने सर्वप्रथम चूहे की यकृत कोशिकाओं में कोशिका मुक्त (cell free) प्रोटीन संश्लेषण करने में सफलता प्राप्त सी भी। अपने शोध के पश्चात उन्होंने निश्चित रूप से बताया कि राइबोसोम ही प्रोटीन संश्लेषण के रशल (site) होते हैं एवं इसमें एकल सूत्री आरएनए (single stranded RNA —mRNA] TRNA तथा tRNA प्रमुख भूमिकाएँ निभाते हैं।
केन्द्रीय डोगमा का सिद्धान्त (Principle of Central Dogma)
आण्विक जीव विज्ञान में प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को फ्रांसिस वैज्ञानिक क्रिक (Crick 1958) ने आनुवंशिक सूचना अनुकरण की प्रक्रिया को इस प्रकार समझाया
डीएनए → आएनए → प्रोटीन
उन्होने बताया कि आनुवंशिक सूचना डीनएन से आरएनए तथा आरएनए से प्रोटीन तक एक दिशा में ही संचरित होती है। यह डीएनए में न्यूक्लिओटाइड के रेखीय क्रम से कोडित (encoded) होती रहती है।
डीनएन की यह आनुवंशिक सूचना प्रोटीन की भाषा में अनुदित (translate) होती है। डीएनए न्यूक्लिओटाइड द्वारा निर्मित होते हैं । यह अनुदन (translation) में आरएनए एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। यह भी न्यूक्लियोटाइड द्वारा निर्मित होते हैं। यह कम्प्यूटर में कॉपी, पेस्ट (copy, paste) के समान ही होता है। सूचना डीएनए से कॉपी होकर आरएनए पर आ जाती है। सभी न्यूक्लियोटाइड के क्षारक अनुक्रम के द्वारा ही संभव हो पाता है। तत्पश्चात् आरएनए इस सूचना को प्रोटीन पर पेस्ट (चिपका) कर देता है। डीएनए से आरएनए तक न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम तथा आरएनए से प्रोटीन तक अमीनो अम्ल अनुक्रम के रूप में सूचना संचरित होती है।
रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज (Reverse Transcriptase)
टेमिन (1970) ने आरएनए निर्भर डीनएन पॉलिमरेज (इनवर्स ट्रांसक्रिप्टेज) नामक एन्जाइम रिपोर्ट किया। यह एक सूत्री आरएनए टेम्पलेट से डीएनए का संश्लेषण कर सकता है। इसके पश्चात् बाल्टीमोर (Baltimore) ने भी इस एन्जाइम को आरएनए ट्यूमर वायरस से रिपोर्ट किया। तत्पश्चात् एक अन्य नियम टेमिनिस्म (Taminism) के नाम से जाना गया जो वास्तव में केन्द्रीय डोगमा के विपरीत था।
केन्द्रीय डोगमा रिवर्स (Central Dogma Reverse) के अनुसार यह आवश्यक नहीं है कि आनुवंशिक सूचना डीनएन से आरएनए तथा आरएनए से प्रोटीन की तरफ ही प्रेषित हो वरन् ऐसा भी हो सकता है कि आनुवंशिक सूचना आरएनए से डीएनए पर भी संचरित हो सकती है। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है।
डीनएन ट्रांसक्रिप्शन आरएनए ट्रांसलेशन प्रोटीन
इनवर्स ट्रांसक्रिप्शन
रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज के उपयोग (Application of Reverse Transcriptase).
1. यह सीडीएनए के निर्माण में महत्वपूर्ण है।
2. एमआरएनए पर कोडित जीनों को संरक्षित करने के लिए एम आरएनए अस्थिर अणु के कारण अनुपयुक्त होता है। इसकी तुलना में डीएनए अधिक स्थायी जैविक अणु है अतः एम आरएनए से रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज द्वारा कोडित जीनों का डीएनए पर स्थानान्तरण कर दिया जाता है। सामान्य डीएनए में कोडित व नॉन कोडित जीन उपस्थित रहते हैं परन्तु रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज द्वारा उत्पन्न डीएनए जो बडीएनए कहलता है में मात्र कोडित जीन ही उपस्थित होता है।
आरएनए प्रोसेसिंग (RNA Processing)
यूकेरियोटिक जीवों के गुणसूत्रों में सक्रिय एवं निष्क्रिय क्रमशः कोडिंग जीन (एक्जॉन) व नॉन नोटिंग जीन (इन्ट्रॉन) उपस्थित होते हैं जबकि एम आरएनए में मात्र सक्रिय जीन एक्जॉन ही पाये जाते हैैं। अतः इसमें अनुलेखन से पूर्व पूर्ववर्ती एमआरएनए (mRNA precursor) बनता है।
यह आरएनए पॉलिमरेज तथा डीएनए के एक सूत्रीय टेम्पलेट के द्वारा निर्मित होता है। इस पूर्ववती एम आरएनए (hmRNA) कहते हैं जो आगे वर्णित है।
हीटरोजीनस न्यूक्लियर आरएनए (hn RNA)
यह यूकेरियोटिक कोशिका के केन्द्रक में उपस्थित बड़े आकर के आरएनए अणु हैं जो पूर्व उत्छ। हैं जो असम्पादित mRNA अनुलेख (unedited mRNA transcript) होते हैं।
आरएनए प्रक्रिया (RNA processing) के अन्तर्गत hnRNA से सक्रिय mRNA निर्मित होता है। इसके लिए निम्न प्रकार्य सम्पन्न होते हैं
1. कैपिंग केप 7-MeG या m7G का जुड़ना (Capping Addition of 7-MeG or m7G)
इस प्रक्रिया को केपिंग (capping) कहते हैं जिसमें एक मिथाइलेट गुवानोसिन की केप जो 7मिथाइगुनोसिन (7-MeG or m7G) कहलाती है। यह प्राथमिक ट्रांसक्रिप्ट hnRNA के 5′ सिरे पर जुड़ जाती हैं।
केपिंग आरएनए पॉलिमरेज 11 के प्रारम्भन स्थल से हटने व स्पाइसिंग के पश्चात् तथा उत्छ। के संश्लेषण के प्रारम्भ होने के एकदम बाद सम्पन्न होती है। यह केपिंग उत्छ। पर मौजूद सूचना को न्यूक्लिएसिज से सुरक्षित रखती हैं। यह उत्छ। को राइबोजोम द्वारा चिन्हित करने में भी सहायक हैं।
2. पॉलि-Aटेल का जुड़ना रू पॉलीएडीनायलेशन (Attachement of Poly-A Tail Polyadenylation)
यह पॉलि-A टेल mRNA के 3′ सिरे पर जुड़ता है। एन्डोन्यूक्लिएज एन्जाइम को  AAUAAAA अनुक्रम से कट (cut) लगाने का सिगलन प्राप्त होता है। यह प्राथमिक ट्रांसस्क्रिप्ट पर वास्तविक स्थल से 11-30 न्यूक्लियोटाइड अपस्ट्रीम (upstream) प्राप्त हाता है। दूसरे कट लगते ही यहां पर ATP को आधार (substrate) की तरह उपयोग करते हुए एन्जाइम पॉलि (A) पॉलिमरेज इस कटे सिरे पर पॉलि । को संलग्न कर देता है। पॉलि A का mRNA पर 3श्सिरे पर जुड़ना पॉलिएडेनाइलेट (polyadenylated) कहलाता है। लगभग 70% mRNA में पॉलिएडेनाइलेट पाये जाते हैं।
3. आरएनए स्प्लाइसिंग (RNA Splicing)
इस प्रक्रिया के अन्तर्गत यूकेरियोटिक जीवों में लम्बे आकार के नॉन कोडिंग जीन इन्ट्रॉन को कट करके बचे कोडिंग व सक्रिय जीन युक्त एक्जॉन (exon) को संलग्न करके उत्छ। तैयार किया जाता है जो प्रोटीन के लिए कोड करता है।
यह प्रक्रिया सामान्यतः GU से प्रारम्भ होकर ।ळ पर समाप्त (GU-AG नियम) होती है। इस प्रक्रिया में एक छोटा न्यूक्लियर प्रोटीन कण Sn RNP भाग लेता है। .
कुछ आरएनए अणु एन्जाइम का कार्य करते हैं तथा राइबोजाइम (Ribozymes) कहलाते हैं। राइबोजाइम की खोज वैज्ञानिक थॉमस सेच (Thomas Cech, 1982) ने की थी। यह एन्जाइम आरएनए पर ही कार्य करते हैं तथा ये कट लगा कर स्प्लाइस करके hnRNA को mRNA में परिवर्तित करते हैं।
सन् 1977 में जीव वैज्ञानिकों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि यूकेरियोटिक डीएनए के जीन में डीएनए की मात्रा m-आरएनए की अपेक्षा अधिक होती है जबकि बराबर होनी चाहिए क्योंकि यह डीएनए से ही कॉपी होता है। तब यह तथ्य ज्ञात हुआ कि वास्तव में डीएनए से जो सूचना आरएनए पर कॉपी ।