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विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E एवं विद्युत विभव (V) में सम्बन्ध (relation between electric field intensity and potential)

आवेशित गोलीय कोश के कारण विद्युत विभव की गणना (electric potential due to charged spherical shell) : किसी आवेशित गोलीय कोश के कारण विद्युत विभव के मान –

(i) जब बिन्दु P गोलीय कोश के बाहर हो अर्थात r > R तो –
Vp = Kq/r
(ii) जब बिन्दु P गोले के पृष्ठ पर हो अर्थात r = R हो :-
Vp = Kq/R
(iii) जब बिंदु गोले के अन्दर स्थित हो अर्थात r < R तो –
Vअन्दर  = Kq/R
विद्युत विभव का दूरी के साथ परिवर्तन का आरेख –
समावेशित अचालक गोले के कारण विद्युत विभव :
“R” त्रिज्या के किसी अचालक गोले को आवेशित करने पर q आवेश इसके सम्पूर्ण आयतन V में एक समान रूप से वितरित रहता है। अचालक गोले के कारण विद्युत विभव का मान निम्न स्थितियों पर ज्ञात करने है –
(i) जब बिंदु गोले के बाहर हो (r > R) :-
बिंदु P पर विद्युत विभव :-
V0 = – ∫ r  E.dr [समीकरण-1]
अचालक गोले के V आयतन में आवेश q के कारण r दूरी पर विद्युत क्षेत्र
E = Kq/r[समीकरण-2]
समीकरण-2 से मान समीकरण-1 में रखने पर –
Vp = +kq/r  [समीकरण-3]
(ii) जब बिन्दु गोले के पृष्ठ पर हो (r = R) तो –
समीकरण-3 में r = R रखने पर –
Vp = +kq/R  [समीकरण-4]
(iii) जब बिन्दु गोले के अन्दर स्थित हो (r < R) :-
बिंदु P पर विद्युत विभव :-
Vp = (– ∫ r  E.dr) + ((– ∫ Rr  E.dr)

चूँकि E = Kqr/R3

E का मान समीकरण में रखकर हल करने पर –
Vp = Kq/R [3/2 – r2/2R2]
यदि r लगभग 0 तो –
Vकेंद्र = Kq/R
[3/2] 
= 1.5 x पृष्ठ

विभिन्न आवेशो के कारण विद्युत विभव की गणना :-

दर्शाए गए चित्र में विभिन्न आवेश q1 , q2 , q3……..qn के कारण प्रेक्षण बिंदु P पर विद्युत विभव का मान ज्ञात करने के लिए माना विभिन्न आवेशो की बिन्दु P से दूरियाँ क्रमशः r1 , r2 , r3……..rn है।
अत: q1 आवेश के कारण प्रेक्षण बिंदु P पर विद्युत विभव :-
V1 = kq1/r1 [समीकरण-1]
qआवेश के कारण बिंदु P पर विद्युत विभव :-
V2 = kq2/r[समीकरण-2]
qआवेश के कारण बिंदु P पर विद्युत विभव :-
V3 = kq3/r[समीकरण-3]
इसी प्रकार qआवेश के कारण बिंदु P पर विद्युत विभव :-
Vn = kqn/r[समीकरण-4]
बिंदु P पर कुल विद्युत विभव (Vp) =
अत: समीकरण-1 , 2 , 3 और 4 से –
Vp = V1 + V2 + V3 + …….Vn
Vp = kq1/r1 + kq2/r2 + kq3/r3 +  …… kqn/r[समीकरण-5]
प्रश्न 1 : समविभव पृष्ठ किसे कहते है ? इसकी कोई तीन विशेषताएं बताइये ?
उत्तर : समविभव पृष्ठ एक ऐसा काल्पनिक पृष्ठ होता है जिसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत विभव का मान समान रहता है।
समविभव पृष्ठ की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है –
(i) समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत विभव का मान समान रहता है।
(ii) समविभव पृष्ठ पर स्थित किसी एक बिन्दु से परिक्षण आवेश को इसी पृष्ठ पर स्थित किसी दुसरे बिंदु तक विस्थापित करने में किया गया कार्य शून्य प्राप्त होता है।
यदि किसी परिक्षण आवेश को किसी बिंदु A से बिंदु B तक विस्थापित करे तो विभवान्तर –

VB – VA = W/q0
चूँकि VB = VA
VB – VB = w/q0

0 = W/q0
(iii)परिक्षण आवेश को एक बिन्दु से दुसरे बिंदु तक विस्थापित करने में किया गया कार्य शून्य प्राप्त होता है क्योंकि विद्युत बल (f) व विस्थापन (dr) परस्पर लम्बवत होते है।
(iii) समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दिशा पृष्ठ के सदैव लम्बवत होती है।
(iv) दो समविभव पृष्ठ परस्पर एक दूसरे को प्रतिच्छेदित नहीं करते है क्योंकि इस स्थिति में प्रतिच्छेदन बिंदु पर विभव के दो मान होंगे जो सम्भव नहीं है।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E एवं विद्युत विभव (V) में सम्बन्ध (relation between electric field intensity and potential) :

किन्ही दो समविभव पृष्ठ जो एक-दूसरे के समान्तर है , अल्प दूरी पर व्यवस्थित किये गए है जिन पर विद्युत विभव के मान क्रमशः V व (V + dV) है।  किसी परिक्षण आवेश q0 को बिन्दु A से बिंदु B तक dr दूरी तक विस्थापित किया गया है इसके द्वारा प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य w विभवांतर के बराबर होता है –
बिंदु B व बिंदु A के मध्य विभवान्तर ;-

VB – VA = W/q0
(V + dV) – V = W/q0
dV = W/q0
चूँकि W = F.dr
dV = F.dr/q0
dV = F.drcosθ/q0
चूँकि θ = 180 ; cos60 = -1

dV = -F.dr/q[समीकरण-1]
परिक्षण आवेश q0 पर विद्युत क्षेत्र E की उपस्थित में विद्युत बल :-
F = q0.E  [समीकरण-2]
समीकरण-1 व समीकरण-2 से :-
E = -dV/dr
यहाँ dV/dr = grad V
विभव प्रवणता सदिश राशि है।
यहाँ dV/dr = विभव प्रवणता है।
अत: E = -grad V
अत: स्पष्ट है कि विद्युत क्षेत्र की तीव्रता विभव प्रवणता के ऋणात्मक मान के बराबर होती है।
विभव प्रवणता की दिशा सदैव विद्युत क्षेत्र की दिशा के विपरीत होती है।