Reciprocity Theorem in hindi पारस्परिकता प्रमेय को समझाइए व्युत्पत्ति (Proof) उदाहरण example
जानिये Reciprocity Theorem in hindi पारस्परिकता प्रमेय को समझाइए व्युत्पत्ति (Proof) उदाहरण example ?
पारम्परिकता प्रमेय ( Reciprocity Theorem) –
द्विपाश्विक (bilateral) रैखिक प्रतिबाधाओं से युक्त किसी रेखीय जाल में यदि एक स्रोत जिसका वि. वा. बल E है जाल के किसी एक लूप (पाश) में स्थित हो तथा वह जाल के किसी दूसरे लूप (पाश) में धारा I उत्पन्न करता है तो उसी स्रोत E को दूसरे पाश में लगाने पर प्रथम पाश में धारा I ही उत्पन्न होगी।
अन्य रूप में पाश 1 व पाश 2 के मध्य अन्तरित प्रतिबाधा (Transfer impedance) ZT12 = E1/I2 पाश 2 और पाश 1 ZT21 = E2/I1 के बराबर होती है, जहां पाश 1 में E1 वोल्टता के कारण पाश 2 में धारा I2 है व पाश 2 में वोल्टता E2 के कारण पाश 1 में धारा I1 हैं
सिद्ध करने के लिए चित्र (1.8-20) में प्रदर्शित दो पाश के एक जाल पर विचार करते हैं।
(v) सम्भरण प्रमेय या प्रतिकार प्रमेय (Compensation Theorem)—–
इस प्रमेय को कभी-कभी प्रतिस्थापन प्रमेय ( Substitution Theorem) भी कहते हैं। इस प्रमेय के अनुसार किसी जाल में जिसमें वि. वा. बल स्रोत हों, जिसकी किसी भी प्रतिबाधा को एक नये वोल्टता स्रोत से प्रतिस्थापित किया जा सकता है जिसका आन्तरिक प्रतिरोध शून्य हो तथा वि. वा. बल प्रतिबाधा के सिरों के मध्य उत्पन्न विभवान्तर के सदैव बराबर हो। अर्थात् जाल में प्रतिबाधा पर धारा प्रवाह से उत्पन्न वि.वा. बल या जनित्र से उत्पन्न तुल्य वि.वा. बल में कोई अन्तर नहीं होता ।
परिपथों के क्षणिक (transient) व्यवहार के अध्ययन में प्रेरक व संधारित्र ऊर्जा स्रोतों की भांति व्यवहार करते हैं, जैसे R – L परिपथ के लिये
iR+L di/dt = e
-L di/dt प्रेरक में उत्पन्न वि.वा. बल है अर्थात् समय पर t प्रभावी वि. वा. बल e – L di/dt विभव पतन iR के तुल्य होगा ।
है जो प्रतिरोध पर
e – L di/dt =iR समी. ( 1 ) व (2) समान हैं जो प्रतिकार प्रमेय के है।
अनुसार
इस प्रमेय का उपयोग जाल की किसी शाखा में प्रतिबाधा में परिवर्तन △Z के कारण धारा पर प्रभाव ज्ञात करने के लिये किया जा सकता है। प्रतिबाधा में परिवर्तन △Z को (-I△Z) वि. वा. बल के जनित्र से प्रतिस्थापित किया जा सकता है, जहां I परिवर्तन से पूर्व प्रतिबाधा में धारा का मान है।
उदाहरण-चित्र (1.8 – 22 ) में प्रदर्शित परिपथ में R1 तथा R2 दो प्रतिरोध है। चित्र (1.8-23) में प्रदर्शित परिपथ में प्रतिरोध R2 को एक वोल्टता स्रोत वि. वा. बल E2 = E1R2/(R1+R2) से प्रतिस्थापित किया जाता है। संम्भरण प्रमेय का उपयोग करके सिद्ध करो कि निम्न दोनों परिपथ तुल्य हैं। In Fig. (1.8-22) the circuit shown has two resistances R and R2. In the circuit given in Fig. (1.8-23) the resistance R2 is replaced by a voltage source of emf E2 = E1R2(R1+R2) Using the compensation theorem prove that the two circuits are equivalents.
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics