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क्विंक नलिका क्या है , उपयोग , संरचना चित्र , सिद्धान्त (quinck’s tube in hindi )

(quinck’s tube in hindi ) क्विंक नलिका क्या है , उपयोग , संरचना चित्र , सिद्धान्त  : यह एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से व्यतिकरण की घटना को प्रदर्शित करके दिखाया जा सकता है और साथ क्विंक नलिका की सहायता से वायु में ध्वनि की चाल का मान ज्ञात किया जा सकता है।
यह उपकरण कैसे कार्य करता है और इसकी सहायता से ध्वनि की चाल कैसे ज्ञात की जाती है इसके बारे में अध्ययन करते है।

क्विंक नलिका की संरचना चित्र की व्याख्या

चित्र में दिखाए अनुसार यह उपकरण दो U आकार की नलिकाओं से मिलकर बना होता है , इन दोनों U आकार की नलिकाओं को B और D नाम से दर्शाया गया है।
दोनों U आकार की नलिकाएं अर्थात B और D चित्रानुसार इस प्रकार जुडी रहती है की दोनों को आपस में विस्थापित किया जा सके।
B नलिका के दो नलियाँ खुली होती है जिसे चित्र में A और C से दर्शाया गया है।  A पर ध्वनि स्त्रोत को लगाया जाता है और दूसरे मुंह (नलिका) C पर व्यतिकरण को निरिक्षण किया जाता है।

कार्यविधि और सूत्र स्थापना

1. A के पास एक स्वरित्र द्विभुज को कम्पित कराते है और C पर उत्पन्न ध्वनि को सुनते है।
2. यहाँ ध्वनि दो मार्गो से होकर A से C तक पहुँचती है , मार्ग ABC और ADC
3. चूँकि यहाँ C पर प्राप्त ध्वनि दो मार्गो से आकार मिलकर बनती है अर्थात C पर प्राप्त ध्वनि तरंग दो ध्वनि तरंगो से मिलकर बनती है।
4. C पर प्राप्त ध्वनि तरंग की तीव्रता का मान दोनों ध्वनि तरंगो के पथांतर पर निर्भर करता है
अर्थात पथ अंतर  x = ADC – ABC
5. जब सम्पोषी व्यतिकरण की स्थिति में C पर अधिकतम ध्वनि प्राप्त होती है , माना एक बार अधिकतम ध्वनि प्राप्ति के बाद ,  नली D को x विस्थापित करने से C पर पुन अधिकतम ध्वनि तरंग प्राप्त होती है
तब
2x = λ
x = λ/2
अत: नलिका में भारी गैस में ध्वनि की चाल V = nλ