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चतुर्थांश क्या होता है , चतुर्थांश किसे कहते हैं चित्र द्वारा समझाइए quadrants in hindi definition

इसके बाद हम चतुर्थांश क्या होता है , चतुर्थांश किसे कहते हैं चित्र द्वारा समझाइए quadrants in hindi definition आदि के बारे में जान पाएंगे |

बिंदु को ग्राफ पर अंकित करना (to plot the points on graph) : बिंदु को अंकित करने के लिए पहले लम्बाई की कोई इकाई (पैमाना) निश्चित की जाती है |

क्रमित युग्म (x,y) की स्थिति निश्चित करने के लिए X-अक्ष की दिशा में x इकाई लम्बाई OM = PN (यदि x धनात्मक है तो O के दाई तरफ एवं यदि ऋणात्मक है तो O के बायीं तरफ) और Y-अक्ष की दिशा में y इकाई लम्बाई ON = PM (यदि y धनात्मक है तो OX से ऊपर एवं यदि y ऋणात्मक है तो OX से नीचे की तरफ ) लेकर बिन्दु की अभीष्ट स्थिति तक पहुँच जाते है |

पाद अथवा चतुर्थांश (quadrants)

निर्देशांक अक्ष XOX’ और YOY’ समतल को चार भागों में विभाजित करते हैं | यह चार भाग XOY , YOX’ , X’OY’ , Y’OX हैं | इन भागों को क्रमशः प्रथम (I) , द्वितीय (II) , तृतीय (III) और चतुर्थ (IV) पाद या चतुर्थांश कहते हैं |

निर्देशांकों के चिन्हों की परम्परा के अनुसार ,

(i) प्रथम चतुर्थांश में स्थित किसी बिंदु के दोनों निर्देशांक भुज (x) और कोटि (y) धनात्मक होते हैं |

(ii) द्वितीय चतुर्थांश में स्थित किसी बिंदु का भुज (x) ऋणात्मक और कोटि (y) धनात्मक होती है |

(iii) तृतीय चतुर्तांश में स्थित किसी बिंदु के दोनों निर्देशांक भुज (x) और कोटि (y) ऋणात्मक होते हैं |

(iv) चतुर्थ चतुर्तांश में स्थित किसी बिंदु का भुज (x) धनात्मक और कोटि (y) ऋणात्मक होती है |

प्रश्न : निम्न बिन्दुओं को कार्तीय पद्धति से ग्राफ पेपर पर अंकित कीजिये –

(i) (4,-3) , (ii) (-2,5) , (iii) (-1,-6) , (iv) (6,7) , (v) (0,5) , (vi) (-2,0)

हल : XOX’ और YOY’ दो परस्पर लम्ब रेखाएं खींचिए जिनमें XOX’ क्षैतिज और YOY’ उर्ध्वाधर होती है | इनके प्रतिच्छेद बिंदु O को उचित स्थान पर लें | उचित पैमाना मानकर बिन्दुओं को अंकित करें |

बिंदु (4,-3) को अंकित करने के लिए OX की दिशा में 2 सेंटीमीटर (अर्थात 4 इकाई) और OY’ की दिशा में 1 ½ सेंटीमीटर (अर्थात 3 इकाई) की दूरी चलते है | इस प्रकार प्राप्त बिंदु A (4,-3) अंकित होता है | इसी प्रकार अन्य बिंदु B (-2,5) , C (-1,-6) , D (6,7) , E(0,5) , F(-2,0) अंकित करते हैं |

फलन का आलेख (Graph of a function)

वह वक्र जिस पर वे सभी बिंदु होते हैं जो दिए हुए फलन y = f(x) को संतुष्ट करते है (तथा जिस पर कोई अन्य बिंदु नहीं है) फलन का आलेख कहलाता है | किसी दिए हुए फलन द्वारा निरुपित आलेख बनाना उस वक्र का अनुरेखण (Trace) करना कहलाता है |

व्यावहारिक दृष्टि से फलन के वक्र के सभी बिन्दुओं को ज्ञात करना और अंकित करना असंभव है | अत: किसी फलन का आलेख बनाने के लिए बिन्दुओं की उचित संख्या ली जाती है | जैसे सरल रेखा का अनुरेखण करने के लिए कम से कम दो बिन्दुओं की आवश्कता है |

प्रश्न : रेखीय फलन f(x) = 2x – 3 का आलेख बनाइए |

हल : फलन f का मान सभी वास्तविक संख्याओं x के लिए परिभाषित है | अत: फलन f का प्रांत सभी वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है |

f के प्रान्त से x के कुछ उचित मान इच्छानुसार लेकर उनके संगत y = f(x) = 2x-3 के मान ज्ञात करते हैं | इन मानों को सारणी के रूप में लिखते है –

यदि x = -1 0 1 2 3 4
तब y = f(x) = -5 -3 -1 1 3 5

सारणी में दिए गए x के विभिन्न मानों को भुज मानकर और उनके संगत f(x) के मानों को कोटि मानकर समकोणिक निर्देशांक पद्धति में बिन्दुओं {x , f(x)} अथवा (x,y) को आलेखित करें | फिर इन सब बिन्दुओं को क्रमशः मिलाते हुए एक वक्र खींचे | इस प्रकार प्राप्त वक्र ही दिए हुए फलन का आलेख है जो एक सरल रेखा है जैसा चित्र में दर्शाया गया है |

सरल रेखा का ढाल (slope of the straight Line)

सरल रेखा y = a + bx , x अक्ष के साथ जो कोण बनाती है उसके स्पर्शज्या (tangent) को उस रेखीय ग्राफ का ढाल (slope) कहते है | यहाँ b = tanθ , जहाँ θ वह कोण है जो यह रेखा x अक्ष के साथ बनाती है | रेखा y = a + bx जो भाग y अक्ष को काटती है उसे अन्त:खंड कहते हैं | यहाँ a अंत:खण्ड (intercept) है |

यहाँ OB अन्त:खण्ड है और tanθ = ED/CD इसका ढाल है |

प्रश्न : रेखा y = 6 + 3x का ग्राफ खींचिए और अंत:खण्ड एवं ढाल ज्ञात कीजिये ?

हल : जब x = 0 तब y = 6 , बिंदु (0,6)

जब y = 0 तब x = -6/3 = -2 , बिंदु (-2,0)

अन्त: खण्ड OB = 6

ढाल = tanθ

= OB/OC

उत्तर : 6/2 = 3

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