WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

रक्षी कोलाइड क्या है , परिभाषा , विद्युत अपघट्य कोलाइड विलयन स्कंदन रक्षण (Protection Of Colloids in hindi)

(Protection Of Colloids in hindi) रक्षी कोलाइड क्या है , परिभाषा , विद्युत अपघट्य कोलाइड विलयन स्कंदन रक्षण : रक्षी कोलॉइड के बारे में पढने से पहले हम कोलाइडी विलयन के स्कंदन के बारे में अध्ययन करते है ताकि हम इसके बारे में और अधिक अच्छी तरह से समझ सके।
स्कंदन : जैसा की हम सब जानते है कि किसी भी कोलाइड विलयन के कोलाइडी कणों पर समान प्रकृति का आवेश विद्यमान रहता है और इसी समान प्रकृति के आवेश के कारण सभी कोलाइड कण आपस में एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है और आपस में संयुक्त नहीं होते है , दूसरी तरफ विपरीत प्रकृति के समान मात्रा में प्रक्षेपित माध्यम के कणों पर आवेश विद्यमान रहता है जिससे सम्पूर्ण कोलॉइडी विलयन का कुल आवेश शून्य रहता है या कोलाइडी विलयन विद्युत उदासीन रहता है।
हम दुसरे शब्दों में कहे तो किसी भी कोलाइड विलयन का स्थायित्व , कोलाइड कणों पर उपस्थित आवेश के कारण होता है , यदि कोलाइड कणों पर उपस्थित आवेश को नष्ट कर दिया जाए तो कण विद्युत उदासीन हो जायेंगे और आपस में संयुक्त हो जायेंगे और बड़े कणों का रूप लेकर गुरुत्वीय प्रभाव में पात्र के पैंदे में बैठ जायेंगे या स्कंदित हो जाते है।
अर्थात कोलाइड कणों का संयुक्त होकर पैंदे में बैठना या किसी कोलाइड विलयन के अवक्षेप में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को स्कंदन कहते है।

रक्षण या रक्षी कोलॉइड

जब किसी द्रव विरागी कोलाइडी विलयन में थोड़ी मात्रा में विद्युत अपघट्य मिलाया जाता है तो द्रव विरागी (द्रव विरोधी) कोलाइड विलयन का स्कंदन हो जाता है , जबकि द्रव रागी विलयन में थोड़ी मात्रा में विद्युत अपघट्य मिलाने से द्रव रागी (द्रव स्नेही) कोलाइड विलयन आसानी से स्कंदित नहीं होते है।
लेकिन जब किसी द्रव विरोधी (द्रव विरागी) विलयन में थोड़ी मात्रा में द्रव स्नेही कोलाइड विलयन मिला दिया जाए तो अब इस द्रव विरोधी विलयन का भी आसानी से अर्थात थोड़ी सी मात्रा में विद्युत अपघट्य मिलाने से द्रव विरोधी विलयन का स्कंदन नहीं होता है इसलिए हम कह सकते है कि यहाँ द्रव स्नेही विलयन , रक्षी कोलाइड का कार्य कर रहा है।
अत: इसे निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते है –
रक्षण : द्रव स्नेही कोलाइड विलयन की उपस्थिति मे किसी द्रव विरोधी कोलाइड विलयन का भी स्कंदन आसानी से नहीं होता है या द्रव विरोधी सॉल का विद्युत अपघट्य की थोड़ी मात्रा द्वारा स्कंदन न होने को रक्षण कहते है और जो पदार्थ किसी अन्य पदार्थ की स्कंदन होने से रक्षा करता है उस पदार्थ को जो रक्षा करता है उसे रक्षी कोलाइड कहते है और इस प्रक्रिया को रक्षण कहते है।