ऑस्टिक्थीज : osteichthyes in hindi | वर्ग ऑस्टिक्थीज : अस्थिल मछलियाँ (class osteichthyes : the bony fish)
वर्ग ऑस्टिक्थीज : अस्थिल मछलियाँ (class osteichthyes : the bony fish in hindi) :
सामान्य लक्षण
- सभी प्रकार के जल (स्वच्छ , खारे अथवा लवणीय , गर्म अथवा ठंडे जल) में रहती है।
- इनका शरीर तकुआकार और धारारेखित होता है।
- इनमे दोनों प्रकार के पंख , मध्यस्थ और युग्मित , उपास्थित अथवा अस्थि की पंख रेज (फिन rays) द्वारा अवलम्बित होती है। पुंछ सामान्यतया समपालिपुच्छ होती है।
- अनेक श्लेष्मल ग्रन्थियोंयुक्त त्वचा जिसमे अन्त: स्थापित सामान्यतया 3 प्रकार के चर्मिय शल्क – गैनॉइड , साइक्लॉईड अथवा टीनॉइड। कुछ में शल्क रहित। प्लैकोइड शल्क अनुपस्थित।
- अंत:कंकाल मुख्यतः अस्थि का (osteon = अस्थि + ichthyes = मीन या मछली) | स्टर्जियन और कुछ अन्य में उपास्थि का। नोटोकॉर्ड स्पष्ट कशेरुको अथवा वर्टिब्री द्वारा विस्थापित। श्रोणी मेखला सामान्यतया छोटी , साधारण अथवा अनुपस्थित। आलिंगक अनुपस्थित।
- मुख अंतस्थ अथवा उपांतस्थ। हनु पर प्राय: दंत होते है। अवस्कर का अभाव होता है। गुदा उपस्थित होता है।
- श्वसन अस्थिल क्लोम चापों पर लगे 4 जोड़ी क्लोमो द्वारा , जो प्रत्येक ओर एक कॉमन प्रच्छद द्वारा ढके होते है।
- एक वायु आशय अथवा वाताशय प्राय: उपस्थित , जो फेरिंक्स से जोड़ने वाली नलिका सहित अथवा नलिका बिना होते है। कुछ जैसे डिप्नोइ , में वायु आशय फुफ्फुस सदृश होता है।
- अधर ह्रदय द्विकक्षीय (एक आलिन्द + एक निलय) | शिरा कोटर और धमनी शंकु उपस्थित। महाधमनी चाप चार जोड़ी। लाल रुधिर कणिकायें अंडाकार और केन्द्रकित। ताप परिवर्तनशील , असमतापी।
- प्रौढ़ में गुर्दे मध्यवृक्कीय। उत्सर्जन यूरिया उत्सर्जी।
- मस्तिष्क में अत्यंत छोटे घ्राण पिंड , छोटा सेरिब्रम और सुविकसित दृक पिंड तथा सेरीबेलम। कपाल तंत्रिकाएं 10 जोड़ी।
- पाशर्व रेखा तंत्र सुविकसित। आंतरिक कर्ण 3 अर्धवृत्ताकार नलिकाओं सहित।
- लिंग पृथक। जनन ग्रंथियां युग्मित। निषेचन सामान्यतया बाह्य होता है। अधिकतर अंडप्रजक , बहुत कम अंडजरायुज अथवा सजीव प्रजक। अंडे सूक्ष्म से 12 मिमी तक होते है। विदलन अंशभंजी। परिवर्धन प्रत्यक्ष , विरले ही कायांतरण सहित।
वर्गीकरण
ऑस्टिक्थीज वर्ग के अंतर्गत वास्तविक अस्थिल मछलियों का एक बड़ा समुदाय शामिल है। इसमें स्वच्छ जलवासी और समुद्रवासी , दोनों प्रकार की 20000 से भी अधिक जीवित जातियां है। कार्प , पर्च , बास , ट्राउट , अशल्क मीन अथवा कैटफिश और चूषक मीन आदि कुछ स्वच्छजल वासी प्ररूप है। लवणीय जल की प्रतिनिधि मछलियाँ टारपोन , मेकरल , ट्यूना , ताड़मासा , बैराकुडा और उडन मीन आदि है। ऑस्टिक्थीज वर्ग का निचे दिया गया वर्गीकरण मुख्यतः ए.एस.रोमर (1966) के अनुसार है , जिसे स्टोरर और युसिंगर सहित अधिकांश लेखकों ने अपनाया है। केवल दो उपवर्गों , एक्टिनॉप्टेरिजीआई और सारकोप्टेरिजीआई , को मान्यता दी गयी है। प्रत्येक उपवर्ग में केवल महत्वपूर्ण गणों को ही सम्मिलित किया गया है।
उपवर्ग I. सारकोप्टेरिजीआई : (sarcos = मांसल + pterygium = पंख)
- युग्मित पंख पाद-समान अथवा पालिमय और शल्को द्वारा आच्छादित एक माँसल और अस्थिल केन्द्रीय अक्ष सहित।
- पृष्ठ पंख दो। पुच्छ पंख अधिरज्जु पालि सहित विषमपालि।
- घ्राण कोष सामान्यतया आंतरिक नासाद्वार अथवा कोएनी द्वारा मुख गुहा से जुड़े , अत: उपवर्ग को पहले का नाम कोएनिक्थीज था।
- लोक प्रचलित नाम मांसल पंखित , सपालि पंखित अथवा वायु श्वसन मीन (मछली) है। यह दो अधिगणों अथवा गणों में विभाजित किया गया है : क्रॉसोप्टेरिजिआई और डीप्नोई।
गण 1. क्रॉसोप्टेरिजिआई (crossopterygii) : (crossoi = झालर + pteryx = पंख)
- युग्मित पंख पालियुक्त होते है। पुच्छ पंख 3 पालियुक्त होते है।
- प्रीमैक्सीली और मैक्सिली ऊपस्थित।
- आंतरिक नासारंध्र उपस्थित अथवा अनुपस्थित। श्वास रंध्र उपस्थित होते है।
- वायु आशय अवशेषी।
उदाहरण : आद्य मांसल पंखित विलुप्त मीन। केवल एक जीवित वंश लैटिमेरिया।
गण 2. डिप्नोई : (di = दोहरा + pnoe = श्वसन)
- माध्यिक पंख सतत होकर द्विसमपालि पुच्छ पुच्छ बनाते है।
- प्रीमैक्सीली तथा मैक्सिली अनुपस्थित।
- आंतरिक नासारंध्र उपस्थित और श्वास रंध्र अनुपस्थित।
- वायु आशय अकेला अथवा दो और फुफ्फुस सदृश।
उदाहरण : फुफ्फुस मीन (lung fishes) | केवल 3 जीवित
वंश : ऐपिसिरैटोडस , प्रोटोप्टेरस और लेपिडोसाइरेन।
उपवर्ग II. ऐक्टिनोप्टेरिजीआई : (actis = रे + pteryx = पंख)
1. युग्मित पंख पतले और चौड़े , मांसल आधारी पालियों विहीन और चर्मीय पंख रेज (rays) द्वारा अवलम्बित।
2. केवल एक पृष्ठ पंख जो विभाजित हो सकता है।
3. पुच्छ पंख अधिरज्जु पालि रहित।
4. घ्राण कोष मुखगुहा से जुड़े नहीं होते है।
5. लोक प्रचलित नाम रे-पंखित (ray fineed) मीन है।
3 अववर्गों अथवा अधिगणों में विभाजित : कॉन्ड्रोस्टीआई , होलोस्टीआई और टिलीओस्टीआई।
अधिगण A. कॉन्ड्रोस्टीआई
- मुखद्वार बड़ा होता है।
- शल्क प्राय: गैनोइड होते है।
- पुच्छ पंख विषमपालि।
- आद्य रे-पंखित मीन अथवा उपास्थिल गैनोइड्स।
- मुखद्वार अन्तस्थ और छोटा होता है।
- शल्क साइक्लॉईड , टीनॉइड अथवा अनुपस्थित।
- पूछ प्राय: समपालि।
- एक द्रवस्थैतिक वाताशय सामान्यतया उपस्थित।
- प्रगतिशील अथवा आधुनिक रे पंखित मीन।
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