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अल्फा बीटा गामा किरणों की भेदन क्षमता , विक्षेपण क्षमता , वेग , आयनीकरण सबसे कम अधिक order of wavelength of alpha beta gamma rays in hindi

order of wavelength of alpha beta gamma rays in hindi , अल्फा बीटा गामा किरणों की भेदन क्षमता , विक्षेपण क्षमता , वेग , आयनीकरण सबसे कम अधिक :-

α β γ विकिरणों के गुणधर्म :

गुण α कण β कण γ विकिरण
1. प्रस्तावना यह एक हीलियम कण (2He4) होते है | यह एक इलेक्ट्रॉन कण (+1βव β0) होते है | यह एक विद्युत चुम्बकीय तरंग होती है अर्थात एक प्रकार की ऊर्जा होती है |
2. प्रकृति धनात्मक ऋणात्मक उदासीन
3. आवेश 2He4 = qα = 2qp = 2 x 1.6 x 10-19 C qβ  = qe = 1.6 x 10-19 C qv= 0 (शून्य)
4. द्रव्यमान mα = 4mp = 4 x 1.6 x 10-27 Kg mβ = me = 9.1 x 10-31 Kg mv= विराम द्रव्यमान शून्य
5. विक्षेपण क्षमता α कण भारी कण होने के कारण इनका चुम्बकीय क्षेत्रविद्युत क्षेत्र में विक्षेपण β कण से कम होता है | β कण हल्के होने के कारण इनका चुम्बकीय क्षेत्र व विद्युत क्षेत्र में विक्षेपण α कणों से अधिक होता है | v विकिरण उदासीन प्रकृति की होने के कारण इनका चुम्बकीय क्षेत्र व विद्युत क्षेत्र में कोई विक्षेपण नही होता है |
6. वेग α कणों का वेग प्रकाश के वेग का 1/10 गुना होता है | एक ही पदार्थ से उत्सर्जित सभी α कणों का वेग समान होता है परन्तु अलग अलग पदार्थो से उत्सर्जित α कणों का वेग अलग अलग होता है | β कणों का वेग प्रकाश के वेग का 0.1 से 0.98 गुना   तक परिवर्तित होता है , एक ही रेडियोएक्टिव पदार्थ या अलग अलग रेडिओ एक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित सभी β कणों का वेग अलग अलग होता है | v विकिरणों का वेग प्रकाश के वेग के समान होता है चाहे v-किरण एक ही पदार्थ से उत्सर्जित हो या अलग अलग पदार्थ से उत्सर्जित हो , सभी v-विकिरणों का वेग समान होता है |
7. आयनीकरण क्षमता α कणों की आयनीकरण क्षमता सर्वाधिक होती है , α कणों की आयनीकरण क्षमता v-विकिरण से 10,000 गुना तथा β कणों से 100 गुना अधिक होती है | β कणों की आयनीकरण क्षमता मध्यम होती है , β कणों की आयनीकरण क्षमता α कणों से 1/100 गुना कम तथा v-विकिरणों से 100 गुना अधिक होती है | v-विकिरण की आयनीकरण क्षमता सबसे कम होती है , v-विकिरण की आयनीकरण क्षमता α कण से 1/10000 गुना तथा β कण से 1/100 गुना कम होती है |
8. भेदन क्षमता α कण की भेदन क्षमता सबसे कम होती है , α कणों की भेदन क्षमता v-विकिरण से 1/10000 गुना तथा β कणों से 1/100 गुना कम होती है | { α कण 0.1 मिलीमीटर मोटी एल्युमिनियम की परत को भी पार नहीं कर सकते है |} β कण की भेदन क्षमता मध्यम होती है , β कणों की भेदन क्षमता α कणों से 100 गुना अधिक तथा v-विकिरणों से 1/100 गुना कम होती है {β कण 1 सेंटीमीटर मोटी एल्युमिनियम की परत को भी पार नहीं कर सकते है | } v-विकिरणों की भेदन क्षमता सर्वाधिक होती है , v-विकिरण की भेदन क्षमता α कण से 10,000 गुना अधिक तथा β कण से 100 गुना अधिक होती है | {v-विकिरण 1 सेंटीमीटर की मोटाई से अधिक अधिक मोटी एल्युमिनियम की परत को भी पार कर सकती है |}
9. फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित α कण फोटोग्राफिक प्लेट को सबसे कम प्रभावित करते है | β कण फोटोग्राफीक प्लेट को मध्यम प्रभावित करते है | v-विकिरण फोटोग्राफिक प्लेट को सर्वाधिक प्रभावित करती है |
10. प्रतिदीप्ति α कणों की ZnS से लेपित पर्दे पर प्रदीप्ति सबसे कम होती है | β कणों की ZnS से लेपित पर्दे पर प्रतिदीप्ति मध्यम होती है | v-विकिरणों की ZnS (जिंक सल्फाइड) से लेपित पर्दे पर प्रतिदीप्ति सर्वाधिक होती है |

  • जब किसी रेडियो एक्टिव पदार्थ से y (गामा) विकिरण का उत्सर्जन होता है तो परमाणु क्रमांकद्रव्यमान संख्या दोनों ही अपवर्तित रहती है।
  • जब किसी रेडियो एक्टिव नाभिक से α (एल्फा) – कण उत्सर्जित होता है तो परमाणु क्रमांक में 2 की कमी तथा द्रव्यमान संख्या में चार की कमी होती है।
  • जब किसी रेडियो एक्टिव नाभिक से β (बीटा) – कण उत्सर्जित होता है तो परमाणु क्रमांक में 1 का परिवर्तन होता है परन्तु द्रव्यमान संख्या अपवर्तित रहती है।
  • जब किसी रेडियो एक्टिव पदार्थ से α (एल्फा) – कण उत्सर्जित होता है तो रेडियो एक्टिव पदार्थ के क्षयांक /क्षय नियतांक व α कण की ऊर्जा के मध्य सम्बन्ध निम्न समीकरण के अनुसार होता है।

log e λ =  A + B log eE

यहाँ = λ क्षयांक

A तथा B = नियतांक

E = उत्सर्जित α (एल्फा) कण की ऊर्जा