WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

ओमीय तथा अन ओमीय प्रतिरोध क्या है Ohmic and non ohmic resistance in hindi

Ohmic and non ohmic resistance in hindi ओमीय तथा अन ओमीय प्रतिरोध  : ओमीय वे पदार्थ होते है जो ओम के नियम की पालना करते है तथा अन ओमीय वे पदार्थ है जो ओम के नियम की पालना नहीं करते है।

ओम का नियम हम पढ़ चुके है की जब चालक के सिरों पर जब विभवांतर आरोपित किया है तो विभवांतर के अनुपात में चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होती है अर्थात विभवांतर धारा के समानुपाती होता है अतः हम कह सकते है की
“ओमीय पदार्थो में विभवान्तर तथा प्रवाहित धारा के मध्य ग्राफ खींचने पर एक सीधी रेखा प्राप्त होती है “
” अनओमीय पदार्थो में विभवान्तर तथा प्रवाहित धारा के मध्य ग्राफ खींचने पर एक सीधी रेखा प्राप्त नहीं होती है “
ओमीय पदार्थो में या युक्तियों में विभवांतर के चिन्ह पर निर्भरता नहीं होती है अर्थात युक्तियों में यह निर्भरता नहीं होती है की इस छोर को धनात्मक विभव दिया जाए और इस छोर को ऋणात्मक विभव दिया जाए।
अन ओमीय या युक्तियों में विभवांतर के चिन्ह का ध्यान रखा जाता है अर्थात ये युक्तियाँ इस बात पर निर्भर करती है की किस भाग को ऋणात्मक विभव दिया गया है और किस भाग को धनात्मक विभव
नोट : यहाँ विभवांतर देने से तात्पर्य बैटरी जोड़ने से है और धनात्मक विभव का मतलब बैटरी का धन सिरा जोड़ने तथा ऋण विभव देने का मतलब बैट्री का ऋण सिरा जोड़ने से है।
अन ओमीय पदर्थो या युक्तियों के उदाहरण – डायोड , ट्रांज़िस्टर , विद्युत अपघटनी द्रव आदि।

डायोड , ट्रांसिस्टर इत्यादि के ग्राफ यहाँ दिए गए है आप देख सकते है की V (विभवांतर ) तथा धारा (I) में खिंचा गया ग्राफ एक सीधी रेखा के रूप में नहीं आता अतः ये ओम के नियम की पालना नहीं करते इसलिए इन्हे अन ओमीय युक्तियाँ कहा जाता है।