नाइट्रोजन यौगिकीकरण की परिभाषा क्या है , प्रकार , क्लोरोफिल a , b , संरचना चित्र nitrogen fixation
नाइट्रोजन यौगिकीकरण के प्रकार :
1. नाइट्रोजन का संश्लेषात्मक यौगिकीकरण : यह निम्न विधियों द्वारा होता है –
a. औद्योगिक विधि : हैबर विधि द्वारा N2
and H2 गैस से अमोनिया का निर्माण किया जाता है।
N2 + 3H2 → 2NH3 + Heat
b. पात्रे नाइट्रोजन यौगिकीकरण:
प्रश्न : Ti(II) एल्कोक्साइड संकुल द्वारा नाइट्रोजन के यौगिकीकरण के लिए रासायनिक समीकरण लिखे।
उत्तर : Ti(II) एल्कोक्साइड संकुल द्वारा नाइट्रोजन के यौगिकीकरण को पात्रे नाइट्रोजन यौगिकीकरण कहते है।Ti(II) एल्कोक्साइड , N2 से reaction करके डाई नाइट्रोजन संकुल बनाते है जो अपचयन द्वारा NH3 या N2H4 बनाते है। इसे निम्न प्रकार दर्शाते है –
[Ti(OR)2N2]4- + 4H+ → NH2-NH2 + [Ti(OR)2]
2. प्राकृतिक नाइट्रोजन यौगिकीकरण :
a. वायुमंडल में उपस्थित N2 and H2 आदि गैसें आकाश में बिजली चमकने के कारण आपस में संयोग कर नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) का निर्माण करती है जो ऑक्सीकृत होकर NO2 बनाती है। जो जल से reaction कर अम्ल का निर्माण करती है।
b. नाइट्रोजन का जैविक यौगिकीकरण :
किसी सूक्ष्म जीव द्वारा वायुमंडलीय गैसीय N2 को नाइट्रोजन के यौगिक में परिवर्तन करने को जैविक यौगिकीकरण कहते है।
i. असहजीवी नाइट्रोजन यौगिकीकरण : वे सूक्ष्म जीव जो मृदा में स्वतंत्र रूप से सीधे ही N2 का यौगिकीकरण करे असहजीवी नाइट्रोजन योगिकी कारक जीवाणु कहलाते है।
इस क्रिया को असहजीवी नाइट्रोजन यौगिकीकरण कहते है।
ii. सहजीवी नाइट्रोजन यौगिकीकरण : यदि कोई सूक्ष्म जीव मृदा में उपस्थित अन्य जीवों के साथ अप्रत्यक्ष रूप से वायुमंडलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करता है तो इस क्रिया को सहजीवी नाइट्रोजन यौगिकीकरण कहते है। जैसे : फलीदार पौधों की जड़ो की गाठो में पाए जाने वाले राइजोबियम जीवाणु।
प्रश्न : प्रकृति में N2 के यौगिकीकरण के लिए मोलिब्डनेम (MO) के कार्य की विवेचना कीजिये।
उत्तर : सभी जीवों द्वारा N2 के यौगिकीकरण में ATP एवं धातु एंजाइम का उपयोग करते है।
नाइट्रोजन यौगिकीकरण के लिए सर्वोत्तम धातु एंजाइम नाइट्रो जिनेज होता है , सभी नाइट्रोजन यौगिकीकरण जीवाणुओं में पाया जाता है।
नाइट्रोजीनेज दो अलग अलग प्रोटीनों से मिलकर बना होता है , इनमें से एक प्रोटीन में mo तथा fe दोनों धातुएँ पायी जाती है , इसे MO-Fe प्रोटीन कहते है। दूसरे प्रोटीन प्रोटीन में केवल Fe धातु पायी जाती है जिसे fe प्रोटीन भी कहते है।
दोनों प्रोटीन एक साथ रहकर ही कार्य करते है।
नाइट्रो जीनेज एन्जाइम अर्थात मोलिब्डनेम संकुल द्वारा N2 के यौगिकीकरण में निम्न पद होते है –
1. सर्वप्रथम N2 , नाइट्रोजीनेज के mo-fe प्रोटीन से बंध बनाता है।
2. फेरिड ऑक्सीन द्वारा fe प्रोटीन का अपचयन किया जाता है।
3. अपचयित fe प्रोटीन से पद एक में बने mo-fe(N2) प्रोटीन संकुल को e का स्थानान्तरण होता है।
यह e अंततः N2 पर पहुंचकर H+ के संयोग द्वारा NH3 का निर्माण कर देते है।
सम्पूर्ण क्रिया में ATP का जल अपघटन होता है , जिससे reaction के लिए आवश्यक उर्जा प्राप्त होती है।
क्लोरोफिल
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