पाइला के तंत्रिका तंत्र का वर्णन कीजिए , nervous system of pila in hindi एकल गुच्छक क्या है
जाने पाइला के तंत्रिका तंत्र का वर्णन कीजिए , nervous system of pila in hindi एकल गुच्छक क्या है ?
तन्त्रिका तन्त्र (Nervous system)
पाइला संघ मॉलस्का के वर्ग गेस्ट्रोपोडा का सदस्य है जिसकी विशेषता यह है कि इसके आन्तरंगों में ऐंठन (torsion) पायी जाती है। पाइला का तंत्रिका तंत्र सुविकसित होता है तथा इसमें दो विशेषताएं पायी जाती हैं-
- आन्तरांग गुच्छक (visceral ganglion) को छोड़कर शेष सभी गुच्छक मुख पिण्ड (buccal mass) के चारों तरफ संकेन्द्रित हो जाते हैं।
(ii) ऐंठन के कारण तंत्रिका तंत्र भी ऐंठी हुई अवस्था में पाया जाता है।
पाइला का तंत्रिका तंत्र निम्नलिखित संरचनाओं से मिलकर बना होता है
(1) युग्मित व एकल गुच्छक (paired and single ganglion)
(2) युग्मित गुच्छकों को जोड़ने वाली संधायी (commissures)
(3) असमान गुच्छकों को जोड़ने वाली संयोजनियाँ (connectives)
(4) तंत्रिकाएँ (nerves)
(1) युग्मित व एकल गुच्छक (Paired and Single ganglia) तथा उनकी संधाइयाँ (commissures) एवं संयोजनियाँ (connectives)पाइला के तंत्रिका तंत्र में निम्न मुख्य गुच्छक पाये जाते हैं
(i) प्रमस्तिष्कीय गुच्छक (cerebral ganglia)
(ii) मुखीय गुच्छक (buccal ganglia)
(iii).पार्श्वपादिक गुच्छक (pleuro-pedal ganglia)
(iv) अधिआंत्र गुच्छक (supra intestinal ganglion)
(v) आन्तरांग गुच्छक (visceral ganglia) उपरोक्त गुच्छकों में से केवल अधिआंत्र गुच्छक (supra intestinal ganglion) एकल होता है शेष सभी युग्मित (paired) होते हैं।
(i) प्रमस्तिष्क गुच्छक (Cerebral ganglia)
ये एक जोड़ी होते हैं तथा मुख पुंज (buccal mass) के पृष्ठ तल पर स्थित होते हैं। ये लगभग त्रिभुजाकार एवं चपटे होते हैं। ये दोनों प्रमस्तिष्कीय गुच्छक आपस में मोटी प्रमस्तिष्कीय संधायी (cerebral commissure) द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं। यह संधायी मुख-पुंज के ऊपर पृष्ठ तल पर पायी जाती है। इसी तरह दोनों प्रमस्तिष्क गुच्छक एक पतले लेबियल संधायी (labial commissure) द्वारा भी जुडे रहते हैं। यह संधायी मुख पुंज की नीचे पायी जाती है।
प्रत्येक प्रमस्तिष्कीय गुच्छक अपनी तरफ के मुखीय गुच्छक के साथ प्रमस्तिष्क-मुखीय सयाजना (cerebrobuccal connective) द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं। यही नहीं प्रत्येक प्रमस्तिष्क गुच्छक अपनी-अपनी तरफ के पार्वीय तथा पादिक (pleural and pedal) गुच्छकों से प्रमस्तिष्क, पाश्वीय एवं प्रमस्तिष्क पादिक संयोजनियों (cerebropleural and cerebropedal connectives) द्वारा जुड़े रहते हैं। ये संयोजनियां (connectives) काफी मोटी होती है तथा मुख- पुंज के पार्श्व में स्थित होती है।
समान गुच्छकों को परस्पर जोड़ने वाली तंत्रिका संघायी (commissure) कहलाती है। असमान गुच्छकों को परस्पर जोड़ने वाली तंत्रिका संयोजनी ( connective) कहलाती है ।
प्रत्येक प्रमस्तिष्कीय गुच्छक से कई तंत्रिकाएँ निकलती हैं जो तुण्ड, त्वचा, स्पर्शकों व मुख-पुंज में जाती है तथा पीछे की तरफ स्पर्शक, आँखों तथा स्टेटोसिस्ट को जाती है ।
(ii) मुखीय गुच्छक (Buccal ganglia)
ये एक जोड़ी गुच्छक होते हैं जो मुख- पुंज एवं ग्रसिका के सन्धि स्थल पर पृष्ठ पार्श्व तल पर स्थित होते हैं ये छोटे व त्रिभुजाकार होते हैं। ये आंशिक तौर पर पेशियों में धंसे रहते हैं। दोनों मुखीय गुच्छक (buccal ganglia) आपस में एक अनुप्रस्थ मुखीय संधायी (buccal commissure) द्वारा जुड़े रहते हैं जो ग्रसिका की अधह सतह पर पायी जाती है। जैसा कि पूर्व में वर्णन किया जा से प्रमस्तिष्क मुखीय चुका है प्रत्येक मुखीय गुच्छक अपनी-अपनी तरफ के प्रमस्तिष्कीय गुच्छक संयोजनी (cerebro-buccal connective) द्वारा जुड़े रहते हैं।
प्रत्येक मुखीय गुच्छक से कई तंत्रिकाएँ निकल कर मुख- पुंज, रेडुला कोष, लार ग्रंथियों, ग्रसिका तथा ग्रसिका कोष्ठों को जाती हैं।
(iii) पार्श्व पादिक गुच्छक (Pleuropedal ganglia )
ये एक जोड़ी बड़े आयताकार गुच्छक होते हैं जो मुख- पुंज के पार्श्व अधरीय सतह पर स्थित होते हैं। प्रत्येक गुच्छक एक पाश्र्वय तथा एक पादिक गुच्छक के संगलन से बनता है। इनके मध्य एक खाँच भी पायी जाती है। इनमें बाहर की तरफ पार्श्वीय (pleural) तथा भीतर की तरफ पादिक (pedal) गुच्छक पाये जाते हैं।
दाहिनी ओर के पार्श्व पादिक गुच्छक के साथ एक अधोआँत्र गुच्छक (sub intestinal ganglion) भी संगलित रहता है। दोनों तरफ के पादिक गुच्छक आपस में एक दोहरी पादिक संधायी (pedal commissure) द्वारा जुड़े रहते हैं। यह संधायी मुख पुंज की अधह सतह पर पायी जाती है। पादिक संधायी के पीछे एक पतली लूप जैसी अधो आंत्र तंत्रिका (infra intestinal nerve) पायी जाती है, जो दोनों पाश्र्वय गुच्छकों (pleural ganglia) को जोड़ती है । प्रत्येक गुच्छक एक संयोजी ऊतक की पट्टिका द्वारा स्टेटोसिस्ट से जुड़ा रहता है।
प्रत्येक पादिक गुच्छक (pedal ganglion) के अग्र एवं पश्च भाग से अनेक तंत्रिकाएँ निकल कर पाद में जाती है।
बायें पाश्र्वय गुच्छक से तंत्रिकाएँ निकल कर पार्श्व भित्ति, प्रावार ( mantle), क्ष (osphradium), बाईं नूकल पालि (left nuchal lobe), स्तम्भिका पेशी (columellar muscles) तथा गिल के अग्रभाग को जाती है। इसी तरह दाहिने पाश्र्वय गुच्छक से तंत्रिकाएँ निकल कर, पार्श्व भित्ति, एपिटीनिया (epitaenia), दाहिनी नूकल पाली (right nuchal lobe), मैथुन अंग (copulatory organ), , स्तम्भिका पेशी (columnellar muscle ) तथा मलाशय को जाती है।
जैसा कि पूर्व में वर्णन किया जा चुका है, प्रत्येक प्रमस्तिष्क गुच्छक अपनी-अपनी तरफ के पार्श्व पादिक गुच्छक (pleuropedal ganglion) से प्रमस्तिष्क पार्श्व संयोजनी एवं प्रमस्तिष्क संयोजन द्वारा जुड़े रहते हैं।
(iv) अधिआंत्र गुच्छक (Supra intestinal ganglion)
यह एकमात्र एकल गुच्छक होता है। यह तुर्करूपी गुच्छक होता है जो बांये पार्श्व पादिक गुच्छक के पीछे एक कोटर में उपस्थित होता है। यह एक मोटी संयोजनी द्वारा बायें पार्श्व पादिक गुच्छक से जुड़ा रहता है। इस गुच्छक के भतरी किनारे से एक पतली तंत्रिका निकलती है जो ग्रसिका के ऊपर होती हुई दाहिने पार्श्व पादिक गुच्छक से जुड़ती है। इसे अधि आंत्रतंत्रिका कहते हैं। अधिआंत्र गुच्छक से पीछे की तरफ एक तंत्रिका निकलती है जो आन्तरांग गुच्छक ( viscerral ganglion ) से जुड़ी रहती है इसे बांयी आंतरांग संयोजनी कहते हैं।
अधिआंत्र गुच्छक (supra intestinal ganglion) से एक सुदृढ़ तंत्रिका निकल कर प्रावार, तथा कंकत क्लोम (ctendium) को जाती है। बांयी आन्तरांग संयोजनी से कुछ तंत्रिकाएँ निकल कर पार्श्व भित्ति को जाती हैं।
(v) आन्तरांग गुच्छक (Visceral ganglia)
ये एक जोड़ी गुच्छक है जो परस्पर संगलित होकर आंतरांग पुंज (visceral mass) के आधार के समीप स्थित होते हैं। इसमें संगलित होने वाले दोनों गुच्छक तर्क रूपी (spindle shaped) होते हैं।
बांयी तरफ का गुच्छक अधिआंत्र गुच्छक से एक मोटी अधिआंत्रीय आन्तरांग संयोजनी intestinal-veisceral connective) द्वारा जुड़ा रहता है। आन्तरांग गुच्छक दाहिनी तरफ के पार्श्वपादिक एवं अधोआंत्र गुच्छक पुंज (pleuropedal and infra intestinal ganglionic mass) से एक लम्बी अधोत्रिय – आंतरांग संयोजनी (infra intestinal visceral connective) या दाहिनी आन्तरांग संयोजनी (right visceral conective) द्वारा जुड़ा रहता है। यह संयोजनी (connective) आंत्र के नीचे स्थित होती है तथा इससे निकल कर तंत्रिकाएँ पार्श्व भित्ति में आ जाती हैं। आन्तरंग गुच्छक (visceral ganglia) से पीछे की तरफ दो मोटी तथा कई महीन तंत्रिकाएँ निकलती हैं तथा ये वृक्कांग (renal organ ), जननिक अंगों (genital organs), हृदयावरण (pericardium), आमाशय (stomach), आंत्र (intestine) तथा पाचक ग्रंथि ( digestive gland) को जाती है।
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