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मच्छर (ऐनोफिलीज) का वैज्ञानिक नाम क्या है ? (mosquito meaning in hindi) मच्छर कितने प्रकार के होते है , जीवनकाल

(mosquito meaning in hindi) , mosquito scientific name in hindi , मच्छर (ऐनोफिलीज) का वैज्ञानिक नाम क्या है ? मच्छर कितने प्रकार के होते है ? मच्छर का जीवनकाल कितना होता है ? जानकारी , आँख , कान , पैर :

मच्छर

  • मच्छर नम और दलदली स्थानों में निवास करते है।
  • मच्छर के सामान्य वंश निम्नलिखित है –
क्यूलेक्स = बैठने की अवस्था में शरीर सतह के सामानांतर
एडीज या स्टेगोमिया = बैठने की अवस्था में शरीर सतह के सामानांतर , सफ़ेद और काली धारियों वाला शरीर होता है।
ऐनोफिलीज = शरीर पर बैठते समय सतह से कोण बनाता है , ये गहरे धब्बे वाले पंख रखते है।
  • मच्छर का शरीर , सिर , वक्ष और उदर में विभाजित होता है। सिर पर एक जोड़ी एंटिनी , संयुक्त नेत्र , मुखांग पाए जाते है।
  • वयस्क मच्छर में ओसिलाइ (सरल नेत्र) पूर्णतया अनुपस्थित होते है। (कॉकरोच और घरेलु मक्खी में ओसिलाइ उपस्थित होते है। )
  • थोरेक्स एक जोड़ी पंखो (मीसोथोरेरिक) के साथ तीन खंडो में विभाजित होता है। मेटाथोरिसिक पंख हेल्टर्स में रूपांतरित हो जाते है जो की संतुलन और ध्वनी उत्पादक संरचनाएं होती है।
  • मच्छर लैंगिक द्विरूपता प्रदर्शित करते है। लिंग विभेदन एंटिनी और मैक्सिलरी पैल्प के आधार पर होता है। नर का एन्टिना प्लूमोस (ज्यादा रोमित और बालोदार) होता है और मादा का एन्टिना पाइलोस (कुछ छोटे रोमो युक्त) होता है।
  • मादा मच्छर रुधिर चूषक होती है और इसलिए इसमें भेदने और चूसने वाले मुखांग पाए जाते है। नर नेक्टर को भोजन के रूप में खाता है और इनमे केवल चूसने वाले मुखांग पाए जाते है।
  • दोनों लिंगो में मुखांग – लेब्रम , एपीफेरिंग्स जो ऊपरी होठ का निर्माण करता है और लेबियम और प्रोबोसिस होते है।
  • मादा मच्छर में भेदने वाले अंग मैक्सिली और मैंडीबल्स होते है।
  • नर मच्छर में मैंडीबल्स पूर्ण रूप से अनुपस्थित होते है।
  • नर और मादा मच्छर उड़ने के दौरान ही कोप्युलेट होते है। मादा के द्वारा अंडे एक बंद कलस्टर के रूप में तालाब के रुके हुए जल , खाई , टेंक , पुल , दलदलीय स्थानों में दिए जाते है। अंडे विकसित हो जाते है और प्रत्येक से एक छोटा पारदर्शक रिग्लर लार्वा पानी में बाहर आ जाता है।
  • रिग्लर एक मुक्त प्लवी , सक्रीय और जलीय लार्वा है जो रिग्लर गति प्रदर्शित करता है। शरीर सिर थोरेक्स (बिना पैरो के) और एब्डोमेन (9 खण्ड) में बंटा रहता है। सिर पर एक जोड़ी संयुक्त नेत्र , एक जोड़ी सरल नेत्र (वयस्क मच्छर में अनुपस्थित) , एक जोड़ी छोटे एंटिनी पाए जाते है।
  • रिग्लर का जीवन चक्र 3 से 4 दिनों का होता है। इस पीरियड के दौरान यह चार बार निर्मोचन करके पाँचवे इन्सटार लार्वा में बदल जाता है।
  • पांचवा इन्सटार लार्वा भोजन न करने वाला प्यूपा में बदल जाता है , यह कोमा के आकार का होता है। मच्छर का प्यूपा टम्बलर के रूप में जाना जाता है। इसमें एक जोड़ी श्वसन ट्रम्पेट्स उपस्थित होते है।
  • कायांतरण पूर्ण होने के बाद (पूर्ण कायान्तरण) यह वयस्क में परिवर्तित हो जाता है , जिसे इमेगो कहते है।
  • जोन्सटन के अंग एंटिनी के दुसरे खण्ड में स्थित होते है। नर मच्छर में यह उड़ते समय मादा के ऊपर बैठने में मदद करते है।
  • रुके हुए जल में तेल का छिडकाव कर मलेरिया को रोक सकते है क्योंकि इसके कारण मच्छरो के लार्वा श्वसन नहीं कर सकते है और मर जाते है।
  • गेम्बूसिया मछली के द्वारा मच्छरो का बायोलोजिकल नियंत्रण किया जा सकता है।