WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

दो समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य चुम्बकीय बल या एम्पियर का नियम

Magnetic force between two parallel current carrying conductor दो समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य चुम्बकीय बल या एम्पियर का नियम : जैसा की हम पढ़ चुके है की जब एक धारावाही चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित करते है तो इसके चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
जब दो धारावाही चालकों को एक दूसरे के निकट रखा जाता है तथा इनमे विद्युत धारा प्रवाहित करते है तो ये एक दूसरे पर अपने चारों तरफ उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल आरोपित करते है।
यहाँ हम इसकी गणना करेंगे की ये समीपवर्ती रखे दो समान्तर धारावाही चालक तार एक दूसरे पर कितना बल लगाते है तथा इनके मध्य में कितना बल कार्य करता है।

माना दो तार A तथा B परस्पर एक दूसरे के समान्तर में d दूरी पर स्थित है , जब दोनों तारों में विद्युत धारा क्रमशः I1 & I2 प्रवाहित की जाती है तथा दोनों धाराएँ एक ही दिशा में बह रही है तो दोनों तारो के मध्य आकर्षण बल लगता है। जैसा चित्र A में दिखाया गया है।
जब दोनों तारों में विद्युत धारा क्रमशः I1 & I2 प्रवाहित धाराएँ एक दूसरे के विपरीत दिशा में बह रही है तो दोनों के मध्य प्रतिकर्षण बल कार्य करता है।
तार A के कारण d दुरी पर स्थित B तार पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B10I1/2πd
Bकी दिशा चित्रानुसार कागज के तल के लंबवत अंदर की तरफ होगी।
चूँकि तार B में Iधारा प्रवाहित हो रही है , तार की लम्बाई l है तथा यह तार A के द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित है अतः B पर लगने वाला बल

ठीक इसी प्रकार तार B में प्रवाहित धारा  I है अतः चालक B के कारण d दूरी पर स्थित तार A पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B0I/2πd
B2 की दिशा चित्रानुसार कागज के तल के लंबवत बाहर की तरफ होगी।
ठीक इसी प्रकार धारावाही चालक तार B के कारण चालक A पर उत्पन्न चुम्ब्कीय बल

नोट : चूँकि यहाँ बायो सावर्ट का नियम तथा लॉरेन्ज बल दोनों का प्रयोग हुआ है अतः एम्पियर ने दोनों को मिलाकर यह गणना पूरी की थी इसलिए इसे एम्पियर का नियम भी कहते है।

मानक एम्पियर की परिभाषा (Definition of standard ampere )

चूँकि हम पढ़ चुके है की दो समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य चुम्बकीय बल या एम्पियर का नियम का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है जबकि तार की लम्बाई l है।

अतः एकांक लम्बाई पर लगने वाला चुम्बकीय बल

जब I1  I2  = 1 एम्पियर तथा दोनों तार के मध्य की दुरी d = 1 मीटर , तो एकांक तार पर लगने वाला चुंबकीय बल
F/l = 2 x 10-7 N/m
अतः
एम्पियर की परिभाषा : निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे दो चालक तार द्वारा एक मीटर की लम्बाई पर उत्पन्न बल यदि 2 x 10-7 N/m है तो तार में प्रवाहित धारा का मान एक एम्पियर होगा।