भाषाई विविधता सूचकांक क्या है | Linguistic Diversity Index in hindi | लिंगुआफ्रेंका (सामान्य बोलचाल की भाषा)
(Linguistic Diversity Index in hindi) भाषाई विविधता सूचकांक
भाषाई विविधता सूचकांक (एल.डी.आई.) का अर्थ उस प्रायिकता से है, जिसमें जनसंख्या से यादृच्छिक रूप से चयनित दो लोगों की मातृभाषा भिन्न होगीय इसलिए यह 0 ;सभी की मातृभाषा समान हैद्ध से 1 ;किन्हीं भी दो लोगों की मातृभाषा समान नहीं हैद्ध के बीच होती है। आई.एल.डी. ;प्दकमग व िस्पदहनपेजपब क्पअमतेपजलद्ध द्वारा समय के साथ एल.डी.आई. में आए परिवर्तन का मापन किया जाता है। 0.8 का वैश्विक आई.एल.डी. 1970 से 20 प्रतिशत विविधता हानि को इंगित करता है, मगर 1 से अधिक अनुपात संभव हैं जो क्षेत्रीय सूचकांकों में प्रकट भी हुए हैं।
विविधता सूचकांक का मापन कुल जनसंख्या के अनुपात में रूप में प्रत्येक भाषा की जनसंख्या पर आधारित है। यह सूचकांक भाषाओं की जीवन्तता के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी नहीं हो सकता। साथ ही किसी भाषा और बोली के बीच भेद अस्थिर और अक्सर राजनीतिक होता है। अनेक भाषाओं को कुछ विशेषज्ञों द्वारा अन्य भाषा की बोली माना जाता है और अन्यों के द्वारा पृथक् भाषाएँ माना जाता है। यह सूचकांक इस विषय पर विचार नहीं करता कि भाषाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं और न ही यह दूसरी भाषा के प्रयोग के विषय में कोई जानकारी देता है। यह केवल भिन्न भाषाओं की कुल संख्या और मातृभाषाओं के रूप में उनकी सापेक्ष आवृत्ति पर विचार करता है।
लिंगुआफ्रेंका (सामान्य बोलचाल की भाषा)
लिंगुआफ्रेंका ;सामान्य बोलचाल की भाषाद्ध जिसे सेतु ;ठतपकहमद्ध भाषा, सामान्य भाषा, व्यापार भाषा या वाहक भाषा भी कहा जाता है, किसी देशी भाषा या बोली को साझा न करने वाले व्यक्तियों के बीच संवाद संभव करने हेतु व्यवस्थित रूप से प्रयोग की जाने वाली भाषा या बोली है एवं विशिष्ट रूप से जब यह दोनों स्थानीय भाषाओं से भिन्न कोई तीसरी भाषा हो।
सामान्य बोलचाल की भाषा विश्वभर में सम्पूर्ण मानव इतिहास के दौरान विकसित हुई। यह कभी-कभी वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए, मगर साथ ही सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनयिक और प्रशासनिक सुविधा और वैज्ञानिकों तथा विभिन्न राष्ट्रीयता के अन्य विद्वानों के बीच सूचना विनिमय के माध्यम के रूप में भी विकसित होती रही है।
भारत की प्राचीन लिपियां
लिपि को लेखन पद्धति या वर्तनी के रूप में भी जाना जाता है। बोली जाने वाली भाषा को किसी माध्यम ;जैसे.कागज, चट्टानों, भोजपत्र आदिद्ध पर विशिष्ट चिह्न बनाकर प्रतिदर्शित करने के लिए यह मानक होती है। भारत की दो प्राचीन लिपियों में ब्राह्मी लिपि एवं खरोष्ठी लिपि सम्मिलित हैं।
भारत में अधिकतर प्राचीन और आधुनिक लिपियाँ ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई हैं चाहे वह देवनागरी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ओड़िया, असमिया/बंगाली, आदि कोई भी हों। इसलिए, यह दृढ़तापूर्वक कहा जा सकता है कि ब्राह्मी लिपियों की जननी है।
हालांकि, उर्दू अरबी से व्युदत्पीन्नं लिपि में लिखी जाती है, और कुछ गौण भाषाएं जैसे कि संथाली, स्वतंत्र लिपियों का प्रयोग करती हैं।
आइए हम संक्षेप में इनकी चर्चा करेंः
1. सिंधु लिपिः सिंधु लिपि सिंधु घाटी सभ्यता द्वारा उत्पादित प्रतीकों का संग्रह है। इसके अधिकतर अभिलेख बहुत छोटे हैं। यह स्पकष्ट नहीं है कि क्या इन प्रतीकों का उपयोग भाषा को रिकार्ड करने हेतु लिपि के रूप में होता था कि नहीं।
2. ब्राह्मी लिपिः ब्राह्मी, भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य एशिया में ईसा पूर्व अंतिम शताब्दियों एवं आरम्भिक ईस्वी् शताब्दियों के दौरान प्रयुक्त प्राचीनतम लेखन प्रणाली है। कुछ विद्वानों का विश्वास है कि ब्राह्मी समकालीन शामी ;ैमउपजपबद्ध लिपि या संभवतः सिंधु लिपि से व्युत्पन्न हुई थी। दक्षिण पूर्व एशिया में सभी जीवित इंडिक लिपियाँ ब्राह्मी की सन्तान हैं।
सबसे प्रसिद्ध ब्राह्मी अभिलेख उत्तर-मध्य भारत में अशोक के शिलालेख हैं, जो ईसा पूर्व 250.232 के हैं। इस लिपि का कूटवाचन 1837 में जेंस प्रिंसेप द्वारा किया गया था। ब्राह्मी सामान्य रूप से बाएं से दाएं लिखी जाती है। ब्राह्मी अबु्गिडा है अर्थात् प्रत्येक अक्षर किसी व्यंजन का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि स्वरों द्वारा किसी शब्द का आरम्भ किए जाने की स्थिति को छोड़कर, स्वंरों को अनिवार्य स्वराघात चिह्नों से लिखा जाता है, जिसे संस्कृत में मात्राएं कहा जाता है।
3. गुप्त लिपिः यह गुप्त साम्राज्य से संबंधित है और इसका प्रयोग संस्कृत के लेखन के लिए किया जाता था। गुप्त लिपि ब्राह्मी से निकली है और इसने नागरी, शारदा और सिद्धम लिपियों को उत्पन्न किया। इन लिपियों ने आगे भारत की अनेक महत्वपूर्ण लिपियों को उत्पन्न किया जिनमें देवनागरी, पंजाबी भाषा के लिए गुरमुखी लिपि, असमिया लिपि, बांग्ला लिपि एवं तिब्बती लिपि सम्मिलित हैं
ब्राह्मी लिपि से उत्पंन्नभ इन सभी लिपियों को सामूहिक रूप से ब्राह्मी मूल की लिपियाँ कहा जाता है।
4. खरोष्ठीे लिपिः खरोष्ठी लिपि (ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी-तीसरी शताब्दी) प्राचीन गांधार (वर्तमान अफगानिस्तान और पाकिस्तान) में गांधारी प्राकृत और संस्कृत का लेखन करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्राचीन लिपि है। यह ब्राह्मी की समकालीन लिपि है और इसका कूटवाचन भी पुनः जेम्स प्रिंसेप द्वारा किया गया था।
खरोष्ठी भी ब्राह्मी के समान अबुगिडा है। खरोष्ठी में अंकों का एक समुच्चपय होता है जो रोमन अंकों प्ए ग्ए इत्यादि के समान होते हैं।
खरोष्ठी अधिकतर दायें से बायें लिखी जाती है, लेकिन कुछ अभिलेखों में खरोष्ठी की बायें से दायें लिखे जाने की दिशा भी देखी गई है।
5. वट्टेलुत्तु लिपिः वट्टेलुत्तु वर्णमाला दक्षिण भारत में उत्पोन्नख हुई अबुगिडा लेखन प्रणाली है। तमिल-ब्राह्मी से विकसित वट्टेलुत्तु, तमिल लोगों द्वारा ग्रंथी या पल्लव वर्णमाला एवं तमिल लिपि को लिखने के लिए विकसित तीन मुख्य वर्णमाला प्रणालियों में से एक है।
6. कदम्ब लिपिः कदम्ब लिपि कन्नड़ का लेखन करने के लिए समर्पित लिपि के जन्मन को चिह्नित करती है। यह भी ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई है और चैथी से छठी शताब्दियों में कदम्ब राजवंश के शासन के दौरान विकसित हुई है। यह लिपि बाद में कन्नड़-तेलेगु लिपि बन गई।
7. ग्रन्थ लिपिः ग्रन्थ लिपि का व्याापक उपयोग छठी शताब्दी एवं 20वीं शताब्दियों के बीच तमिल वक्ताओं द्वारा, विशेष रूप से तमिलनाडु और केरल में संस्कृत एवं शास्त्राीय भाषा मणिप्रवलम् का लेखन करने के लिए किया जाता था, एवं अभी भी पारंपरिक वैदिक विद्यालयों में इसका प्रतिबंधित उपयोग किया जाता है। यह एक ब्राह्मी मूल की लिपि है, जो तमिलनाडु में ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है। मलयालम लिपि, तिगलरी और सिंहल वर्णमालाओं की तरह सीधे ग्रन्थ लिपि से उत्पन्न हुई है।
8. सारदा लिपिः सारदा या शारदा लिपि ब्राह्मी मूल की लिपियों के परिवार की अबुगिडा लेखन प्रणाली है, जिनका विकास आठवीं शताब्दी के दौरान हुआ है। इसका प्रयोग संस्कृत एवं कश्मीरी लिखने के लिए किया जाता था। इसका उपयोग शुरू में अधिक व्यापक था, जो बाद में कश्मीर तक सीमित रह गया, और कश्मीरी पंडित समुदाय द्वारा आनुष्ठानिक प्रयोजनों के अतिरिक्त इसका प्रयोग अब यदा-कदा ही किया जाता है।
9. गुरमुखी लिपिः गुरमुखी सारदा लिपि से विकसित हुई है और इसे 16वीं सदी के दौरान गुरु अंगद द्वारा मानकीकृत किया गया था। संपूर्ण गुरु ग्रन्थ साहिब इस लिपि में लिखा गया है, और इसे सिखों और हिंदुओं द्वारा पंजाबी भाषा लिखने के लिए सर्वाधिक रूप से उपयोग किया जाता है।
10. देवनागरी लिपिः यह भारत और नेपाल की अबुगिडा वर्णमाला है। इसे बाएं से दाएं लिखा जाता है। देवनागरी लिपि का उपयोग हिंदी, मराठी, नेपालि, पालि, कोंकणी, बोडो, सिंधी और मैथिली भाषाओं एवं बोलियों सहित 120 से अधिक भाषाओं को लिखने के लिए किया जाता है इस प्रकार यह विश्व की सर्वाधिक उपयोग की जाने एवं अपनाई जाने वाली लेखन प्रणालियों में से एक बन जाती है। देवनागरी लिपि का उपयोग शास्त्रीय संस्कृत लेखनों के लिए भी किया जाता है।
11. मोदी लिपिः मोदी लिपि का उपयोग मराठी भाषा लिखने के लिए किया जाता है। मोदी 20वीं शताब्दी में मराठी के लिए मानक लेखन प्रणाली के रूप में देवनागरी लिपि की बालबोध शैली को प्रोत्साहन किए जाने तक मोदी मराठी लिखने के लिए आधिकारिक लिपि थी। यद्यपि मोदी को मुख्य रूप से मराठी लिखने के लिए उपयोग किया जाता था, लेकिन उर्दू, कन्नड़, गुजराती, हिंदी और तमिल जैसी अन्य भाषाओं को भी मोदी लिपि में लिखे जाने के लिए जाना जाता है।
12. उर्दू लिपिः उर्दू वर्णमाला दाएं-से-बाएं लिखी जाने वाली वर्णमाला है और इसका प्रयोग उर्दू भाषा के लिए किया जाता है। यह प़फारसी वर्णमाला का रूपांतरण है, जो स्वयं अरबी वर्णमाला का व्युत्पंन है और इसकी मूल 13वीं शताब्दी में है। यह पफारसी- अरबी लिपि की नस्तालीक शैली के विकास से सघनतापूर्वक संबंधित है। उर्दू लिपि को इसके विस्तारित रूप में शाहमुखी लिपि के नाम से जाना जाता है और इसका प्रयोग उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप की अन्य भारतीय-आर्य भाषाएं जैसे पंजाबी और सराइकी लिखने के लिए भी किया जाता है।
इस प्रकार, हम देखते हैं कि दीर्घ समयावधि में भारतीय साहित्यिक शैलियों में अत्यआधिक परिवर्तन हुए हैं। भारत से विभिन्न देशों, विशेष रूप से श्रीलंका, तिब्बत और दक्षिण-पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म का प्रसार ने उनकी लिपियों को भी प्रभावित किया है। और, भारतीय लेखन परंपरा भी भारत में इस्लाम के आगमन के कारण परिवर्तित हुई है। लेकिन, यह देखना शेष है कि वैश्वीकरण के युग में जहां अंग्रेजी लोकभाषा बनी हुई है, देश की लिपियाँ और भाषाएं किस प्रकार जीवित रहती हैं और विकसित होती हैं।
पिछले वर्षों के प्रश्न . प्रारंभिक परीक्षा
2015
1. हाल ही में निम्नलिखित में से किस एक भाषा को शास्त्राीय भाषा (क्लासिकल लैंग्वेज) का दर्जा (स्टेटस) दिया गया है?
(अ) उड़िया (ब) कोंकणी
(स) भोजपुरी (द) असमिया
2. निम्नलिखित भाषाओं पर विचार कीजिएः
(अ) गुजराती (ब) कन्नड़
(स) तेलुगू
उपर्युक्त में से किसे सरकार द्वारा शास्त्राीय भाषा/भाषाएँ घोषित किया गया है?
(अ) केवल (अ) और (ब) (ब) केवल (स)
(स) केवल (ब) और (स) (द) (अ), (ब) और (स)
उत्तर
1. (अ) 2. (स)
अभ्यास प्रश्न – प्रारंभिक परीक्षा
1. भारत भर में बोली जाने वाली बहुसंख्यक भाषाएँ किससे संबंध रखती हैं?
(अ) द्रविड़ समूह (ब) भारतीय-आर्य समूह
(स) चीनी-तिब्बती समूह (द) भारतीय-आस्ट्रिक समूह
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(अ) संस्कृत भाषा द्रविड़ समूह से संबंध रखती है।
(ब) यह संविधान में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(अ) केवल (अ) (ब) केवल (ब)
(स) (अ) और (ब) दोनों (द) न तो (अ) न ही (ब)
3. निम्नलिखित में भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा कौन-सी है?
(अ) पालि (ब) प्राकृत
(स) अर्द्ध मगधी (द) संस्कृत
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(अ) प्राकृत, पालि से व्युत्पन्न हुई है।
(ब) पालि भाषा संस्कृत से पुरानी है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(अ) केवल (अ) (ब) केवल (ब)
(स) (अ) और (ब) दोनो (द) न तो (अ) न ही (ब)
5. निम्नलिखित में से किसकी मूल प्राकृत भाषा नहीं थी?
(अ) पालि (ब) अपभ्रंश
(स) संस्कृत (द) अर्द्ध-मगधी
6. बौद्ध ग्रन्थ मुख्य रूप से किस भाषा में लिखे गए थे?
(अ) पालि (ब) प्राकृत
(स) अर्द्ध मगधी (द) संस्कृत
7. निम्नलिखित भाषाओं पर विचार कीजिएः
(प) तेलुगु (पप) तमिल
(पअ) कन्नड़ (पपप) मलयालम
(अ) कोंकणी
उपर्युक्त भाषाओं में से कौन-सी भाषा द्रविड़ समूह से संबंधित है?
(अ) (प) और (पप) (ब) (प), (पप) और (पअ)
(स) (पप), (पपप), (पअ) और (अ) (द) (प), (पप), (पपप) और (पअ)
8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(प) तमिल संख्यात्मक रूप से सभी द्रविड़ भाषाओं में सर्वाधिक बड़ी है।
(पप) तेलुगु द्रविड़ समूह में सर्वाधिक छोटी और नवीन भाषा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(अ) केवल (प) (ब) केवल (पप)
(स) (प) और (पप) दोनों (द) न तो (प) न ही (पप)
9. द्रविड़ समूह से संबंधित सबसे पुरानी भाषा कौन-सी है?
(अ) तमिल (ब) तेलुगू
(स) मलयालम (द) कन्नड़
10. भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है?
(अ) हिन्दी (ब) अंग्रेजी
(स) संस्कृत (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
11. निम्नलिखित भाषाओं में से कौन-सी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध नहीं है?
(अ) अंग्रेजी (ब) हिन्दी
(स) संस्कृत (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
12. 92वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा, निम्नलिखित भाषाओं में से कौन-सी भाषा आठवीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं की गयी थी?
(अ) कोंकणी (ब) मैथिली
(स) डोगरी (द) संथाली
13. निम्नलिखित पर विचार कीजिएः
(i) तमिल
(ii) तेलुगू
(iii) कन्नड़
(iv) मलयालम
(v) ओड़िया
निम्नलिखित में से किसे शास्त्राीय भाषा घोषित किया गया है?
(अ) ;i), ;ii), ;iv) और ;v) (ब) ;i), ;iii) और ;v)
(स) ;i), ;ii), ;iii), ;iv) और ;v) (द) ;i) और ;v)
उत्तर
1. ;b) 2. ;b) 3. ;d) 4. ;d) 5. ;c) 6. ;a)
7. ;d) 8. ;d) 9. ;a) 10. ;d) 11. ;a) 12. ;a)
13. ;c)
अभ्यास प्रश्न . मुख्य परीक्षा
1. द्रविड़ समूह की भाषाओं के विकास का वर्णन कीजिए?
2. भारतीय-आर्य और द्रविड़ समूह की भाषाओं में अंतर स्पष्ट कीजिए।
3. किसी भाषा को भारत की शास्त्राीय भाषा के रूप में चयनित करने के मापदण्ड क्या हैं?
4. राष्ट्रीय अनुवाद (एन.टी.एम.) मिशन के उद्देश्य क्या हैं ?
5. संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics