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linear impedance in hindi , Bilateral impedance difference , रेखीय प्रतिबाधा और द्विपार्श्विक प्रतिबाधा में क्या अंतर है

जानेंगे linear impedance in hindi , Bilateral impedance difference , रेखीय प्रतिबाधा और द्विपार्श्विक प्रतिबाधा में क्या अंतर है ?

रेखीय प्रतिबाधा (linear impedance) : यदि किसी प्रतिबाधा से प्रवाहित धारा और उसके सिरों के मध्य उत्पन्न विभवान्तर के मध्य खिंचा गया वक्र सरल रेखा प्राप्त होती है तो इस प्रकार की प्रतिबाधा को रेखीय प्रतिबाधा कहते हैं | जैसे – प्रतिरोध R , प्रेरकत्व L , संधारित्र C आदि की प्रतिबधायें , रेखीय प्रतिबधायें होती है परन्तु डायोड , ट्रायोड , अर्धचालक डायोड आदि की प्रतिबधायें रेखीय प्रतिबधायें नहीं होती है क्योंकि इनके लिए वोल्टता और धारा के मध्य का ग्राफ सरल रेखीय न होकर अरेखीय प्राप्त होता है | अन्य रूप में परिपथीय अवयव रेखीय होता है और उसमें प्रवाहित धारा और उस पर वोल्टता के मध्य संबंध में अनुपात गुणांक नियत होता है (धारा के मान पर निर्भर नहीं होता) |

जैसे –

e = Ri ,  e = L(di/dt)  , e = 1/C ʃi dt

उपरोक्त संबंधों में R , L और C नियत गुणांक है | इसके अतिरिक्त रेखीय अवयवों के लिए e और i के संबंध अध्यारोपण के सिद्धांत (superposition principle) का पालन करते हैं |

द्विपार्श्विक प्रतिबाधा (Bilateral impedance) : यदि किसी प्रतिबाधा से प्रवाहित धारा की दिशा को उलटने पर प्रतिबाधा का मान अपरिवर्तित रहे तो उसे द्विपाशर्विक प्रतिबाधा कहते हैं | जैसे – प्रतिरोध R , प्रेरकत्व L , धारिता C आदि की प्रतिबधायें , द्विपार्श्विक प्रतिबधायें होती है परन्तु डायोड , ट्रायोड , अर्धचालक डायोड आदि की प्रतिबधायें , द्विपार्श्विक प्रतिबधायें नहीं होती है |

शाखा (branch) : किसी जाल (network) में , जाल का वह भाग या धारा का वह पथ जिसमें किसी धारा का मान नियत होता है उसे जाल की शाखा कहते हैं |

संधि अथवा नोड (node) : किसी जाल (network) में जिस बिंदु पर दो या दो से अधिक शाखाएं (branches) मिलती है , उसे संधि अथवा नोड कहते हैं |

पाश अथवा लूप (mesh or loop) : किसी परिपथ में धारा का वह बंद पथ (closed path) जो कुछ शाखाओं के द्वारा बना होता है उसे पाश अथवा लूप कहते हैं |