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पाप मोचन पत्र क्या है , letter of indulgence meaning in hindi पाप मोचन पत्रों की बिक्री (Sale of letters of Indulgence)

पढ़े पाप मोचन पत्र क्या है , letter of indulgence meaning in hindi पाप मोचन पत्रों की बिक्री (Sale of letters of Indulgence) ?

धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण
पाप मोचन पत्रों की बिक्री (Sale of letters of Indulgence) : इन्डल्जेन्स ना तो पाप करने की अनुमति देता है और ना ही पापों से मुक्ति दिलाता है। इन्डल्जेन्स अगले जन्म में मिलने वाले दण्ड से (आंशिक रूप से या पूर्णतया) मुक्ति दिलाता है। (यह दण्ड ईश्वर देगा।) बशर्ते इसके लिए आप प्रायश्चित करें। यह प्रायश्चित करवाने में चर्च सहयोग करता है। यह प्रथा आज भी रोमन कैथोलिक चर्च में प्रचलित है। 1513 में पोप लियो ग् (Pope Leo X) नये पोप बने। इन्होंने धन प्राप्त करने के लिए इन्डलजेन्स की बिक्री प्रारम्भ की। पोप ने इन्डेल्जेन्स के बिक्री की जिम्मेदारी जर्मन आर्कबिशप एल्बर्ट को सौपी। एल्बर्ट ने यह कार्य एक पादरी जॉन टेटजेल (Tetzel) को सौंपा। 1517 में जॉन टेटजेल बिटनबर्ग (Witterberg) पहुंचा। जहां उसने पाप मोचन पत्रों की बिक्री के लिए मार्टिन लूथर से सहयोग मांगा। लूथर ने सहयोग देने से इन्कार कर दिया।
विटेनबर्ग विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र के प्रोफेसर मार्टिन लूथर ने इनका घोर विरोध किया और विटेनबर्ग के कैसल गिरजाघर के प्रवेश द्वार पर अपना विरोध पत्र ‘द 95 थीसीस‘ लटका दिया। यहीं से धर्म सुधार आंदोलन की प्रक्रिया शुरू हो गयी। इस प्रकार पाप पत्रों की बिक्री धार्मिक सुधारक आंदोलन का तात्कालिक कारण बना।

प्रश्न: धर्म सुधार आंदोलन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: प्रसिद्ध इतिहासकार ‘फिशर‘ ने लिखा है, ‘‘सामान्य रूप से 16वीं शताब्दी की उस धार्मिक क्रांति को धर्म-सुधार-आंदोलन कहा जाता है जिसके फलस्वरूप यूरोप के अनेक देशों ने कैथोलिक चर्च से अपना संबंध-विच्छेद कर लिया।‘‘
प्रश्न: निम्न के बारे में बताइए।
(1) बिशप (2) कार्दिनल्स (3) प्रेसबिटर्स (4) ह्यूगोनोट्स (5) लोलार्डस
उत्तर: (1) बिशप: मध्यकालीन ईसाई धर्म में जितने भी चर्च से जुड़े संत थे उन्हें श्बिशपश् कहा जाता था।
(2) कार्दिनल्स: निकोलस-प्प् ने पोप के चुनाव का अधिकार कुछ विशेष पादरियों को दिया जिन्हें ‘कार्डिनल्स‘ (ब्वतकपदंसे) कहा जाता था इस कार्डिनल्स के समूह को ‘कॉलेज ऑफ कॉर्डिनल्स‘ कहते थे।
(3) प्रेसबिटर्स: काल्विन द्वारा चर्च की रक्षा के लिए वृद्ध प्रीस्ट (पादरी) प्रेसबिटर्स कहलाए।
(4) ह्यूगोनोट्स: फ्रांस में काल्विन के अनुयायी हयूगोनोट्स कहलाए।
(5) लोलार्डस: 14वीं सदी के इंग्लैण्ड के धर्मसुधारक जॉन वाइक्लिफ के अनुयायी लोलार्डस कहलाए।
प्रश्न: इन्डल्जेन्स (पाप मोचन पत्र)
उत्तर: यह मध्यकालीन यूरोप में अगले जन्म में मिलने वाले दण्ड से प्रायश्चित करने पर मुक्ति दिलवाने हेतु शुरू किया गया था। लेकिन पोप लियो दशम ने इसे कमाई का एक जरिया बना लिया जो धर्मसुधार आंदोलन का तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न: टेटजेल
उत्तर: मध्यकालीन यूरोप में (1513 ई.) पोप लियो दशम ने धन एकत्रित करने के लिए टेटजेल नामक व्यक्ति को इन्डल्जेन्स (पाप मोचन पत्र) के बेचने का काम सौंपा। जो धर्मसुधार आंदोलन का तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न: जान वाइक्लिफ
उत्तर: 14वीं शताब्दी के इंग्लैण्ड निवासी जॉन वाइक्लिफ बाईबिल का समर्थक एवं पोपवाद तथा चर्च का विरोधी था। उसे ‘द मार्निंग स्टार ऑफ रिफोरमेशन‘ कहा गया है।
प्रश्न: जॉन हस
उत्तर: 15वीं शताब्दी के बोहेमिया निवासी धर्म सुधारक जॉनहस की मान्यता थी कि एक सामान्य ईसाई बाईबिल के अध्ययन से ही मुक्ति मार्ग खोज सकता है।
प्रश्न: सेरोनावोला
उत्तर: 15वीं शताब्दी के फ्लोरेंस निवासी सेरोनावोला पोप पद की वैभवता एवं चर्च के क्रिया-कलापों का आलोचक एवं उनसे सुधार चाहने वाला धर्मसुधारक था।
प्रश्न: इरैस्मस
उत्तर: 16वीं शताब्दी के हालैण्डवासी इरैस्मस एक शुद्ध और आस्थावान ईसाई था। जिसने चर्च की बुराईयों की ओर ध्यान खींचा। इसकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘प्रेज ऑफ फॉली‘ थी।
प्रश्न: काल्विन
उत्तर: 16वीं शताब्दी के फ्रांस निवासी कॉल्विन एक विशुद्ध नैतिकतावादी धर्म-सुधारक था। इसकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘इंस्टीटयटऑफ क्रिश्चियन रिलीजन‘ थी इसे श्प्रोटेस्टेंट पोपश् कहा जाता है।
प्रश्न: ज्विंगली
उत्तर: 16वीं शताब्दी के स्विट्जरलैण्ड वासी ज्विंगली कैथोलिक धर्म की बुराईयों तथा धर्माधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का कट आलोचक था। इसने अपने विचारों से जनता को काफी प्रभावित किया।
प्रश्न: धर्म सुधार आंदोलन का स्वरूप क्या था ?
उत्तर: धर्म सुधार के परिणामस्वरूप हुई नैतिक और आध्यात्मिकता की दृष्टि से धर्मसुधार आंदोलन था तो पोपवाद के विरुद्ध विद्रोह की दृष्टि से राजनीतिक आंदोलन था।
प्रश्न: मार्टिन लूथर की प्रख्यात लघु पुस्तिकाओं के नाम बताइए।
उत्तर: मार्टिन लूथर ने चर्चवाद एवं पोपवाद के विरुद्ध निम्नलिखित तीन पुस्तिकाएं लिखी।
1. एन एड्रेस टू द नोबिलीटी ऑफ द जर्मन नेशनस (जर्मन राष्ट्र के सामंत वर्ग के प्रति एक अपील)
2. द बेबीलोनियन केप्टीविटी ऑफ द चर्च (चर्च की बेबीलोनियाई कैद)
3. द फ्रीडम ऑफ क्रिश्चीयन मेन (एक ईसाई मनुष्य की मुक्ति)
प्रश्न: यूगूनोट्स कौन थे ?
उत्तर: फ्रांस में कैल्विन के अनुयायी ह्यूगूनोट्स के नाम से जाने गये। कैल्विन व पोप के अनुयायियों के बीच लंबे समय तक संघर्ष चला। 1591 में फ्रांसिसी सम्राट-हेनरी-प्ट ने एक आदेश जारी कर ह्यूगोनोट्स को स्वतंत्र धर्म के रूप में मान्यता दी। इस आदेश को ‘नेंटीस के आदेश‘ (म्कपबजे व िछंदजमे) कहा जाता है।