कुचिपुड़ी किस राज्य का शास्त्रीय नृत्य है , कहाँ , प्रकार kuchipudi dance in hindi which state
kuchipudi dance in hindi which state कुचिपुड़ी किस राज्य का शास्त्रीय नृत्य है , कहाँ , प्रकार ?
कुचिपुड़ी
यह नृत्य शैली आंध्र प्रदेश के कुचेलपुरम या कुसीलवपुरी गांव के नाम पर कुचीपुड़ी कहलाती है। कुसीलव गांव-गांव घूमने वाले अभिनेताओं का दल था। संस्कृत के शब्द कुसीलवपुरी को ही बोलचाल की भाषा में कुचिपुड़ी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवतुलू ब्राह्मण मेला ने ‘यक्षगान’ नृत्यनाट्य का संस्कार कर इसकी सृष्टि की थी। किसी का कहना है कि खनन कार्य से प्राप्त नेल्लोर
जिले के नागार्जुन कोण्डा व भैरवानीकोण्डा, वारंगल जिले के पलमपेट के रामाप्पा मंदिर (13वीं सदी) तथा अमरावती मंदिर में जो देवी.देवताओं, अप्सराओं, नर्तक-नर्तकियों एवं वाद्ययंत्रों के चित्र व भास्कर्य पाए गए हैं, उनसे इस नृत्य की भंगिमाओं का सादृश्य है।
वस्तुतः गीत, कविता व नृत्य के साथ रचित यह उच्च कला सम्पन्न नृत्यनाट्य नाट्यशास्त्र के वर्णनानुसार है। इसमें तीन प्रकार के नृत्य हैं (1) नत्र्त रसहीन नृत्य (2) नृत्य कल्पनानुसार अनुष्ठित रसयुक्त नृत्य तथा (3) नाट्य भावरस व अभिनययुक्त नृत्य। इसमें आंगिक, वाचिक व आहार्य तथा ताण्डव व लास्य का समावेश रहता है। तेलुगू भाषा के ‘पदम्’ एवं ‘शब्दम्’ तथा कर्नाटक संगीत इसके उपादान हैं। वैष्णववाद के प्रभाव के तहत् इसका विषय ‘महाभागवत्’ से लिया गया है, इसीलिए इसके पात्र ‘भगवत मेला’ कहलाते हैं। इस नृत्यधारा में अनेक नाट्यों की रचना हुई, जिनमें से सिद्धेन्द्र योगी का ‘भामाकल्पम्’ व ‘गोल्लाकल्पम’ अत्यंत प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हैं।
विजयनगर के राजाओं ने इस नृत्य शैली को भरपूर प्रश्रय दिया। इसके बाद गोलकुगडा के शासक भी इसमें रुचि लेते रहे। कुछ कुचिपुड़ी नर्तकों के परिवारों को भूमि भी प्रदान की गई थी। इन परिवारों के गुरुओं ने इस परंपरा को पीढ़ी-दर-पीढ़ी बना, रखा है। इनमें वेदांतम् और वेमपति दो प्रमुख नाम हैं। बीसवीं सदी के प्रारंभ तक कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश के गांवों तक ही सीमित था। बालसरस्वती और रागिनी देवी (एस्थर शरमन) ने इसे लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूलरूप से पुरुषों की इस नृत्य शैली को कई नृत्यांगनाओं ने अपनाया और इसे प्रसिद्धि के शिखर तक पहुंचाया है। इनमें है यामिनी कृष्णमूर्ति, स्वप्न सुंदरी शोभा नायडू, राजा और राधा रेड्डी। वेमपति चिन्ना सत्यम और वेदांतम सत्यनारायण उच्च कोटि के नर्तक होने के साथ-साथ समर्पित गुरु भी बने।
नृत्य नाटिकाओं के अतिरिक्त भी कुछ प्रमुख विषय हैं मंडूक शब्दम्, बालगोपाल तरंग एवं ताल चित्र नृत्य, जिसमें नर्तक/नर्तकी नृत्य करते समय अपने अंगूठे से फर्श पर आकृति बनाते हैं।
कुछ प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नर्तक इस प्रकार हैं
बेम्पत्ती चिन्ना सत्यम ने कुचिपुड़ी नृत्य शैली के विकास एवं प्रशिक्षण के लिए चेन्नई में कुचिपुड़ी आर्ट एकेडमी स्थापित की। इन्होंने शास्त्रीय नृत्य शैलियों के बीच कुचिपुड़ी को एक आधिकारिक स्थान दिलवाया।
यामिनी कृष्णमूर्ति ने कुचिपुड़ी को उस समय लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जब इसका एकल (सोलो) नृत्य शैली के तौर पर अभ्युद्य हो रहा था।
राजा एवं राधा रेड्डी को उनकी प्रभावी एवं प्रवाहमयी नृत्य तकनीक के लिए विश्व में जागा जाता है। उन्होंने पूरे विश्व में कुचिपुड़ी नृत्य शैली का प्रचार किया। उन्होंने इसकी मूलभूत भंगिमाओं एवं मुद्रा को पूरी तरह से संहिताबद्ध किया। परंपरा ‘नाट्यम’, अन्नया एवं लाइफ ट्री इनकी बेहतर प्रस्तुतियों में से हैं।
स्वप्न सुंदरी कुचिपुड़ी शैली में यह नाम बेहद प्रसिद्ध है। यह कुचिपुड़ी नृत्य शैली की प्रथम नर्तकी हैं जिन्होंने प्रस्तुतिकरण के पहलुओं पर जोर देने के साथ-साथ इस नृत्य शैली के संगीतमयी एवं अकादमिक पहलू पर भी बल दिया। यह नई दिल्ली में कुचिपुड़ी नृत्य केंद्र की संस्थापक निदेशक हैं, जहां वह इस कला में युवा लोगों को इस नृत्य में पारंगत करती हैं।
यामिनी रेड्डी, राजा एवं राधा रेड्डी की बेटी अपनी भंगिमाओं एवं संतुलन तथा मधुरता के भावों के लिए जागी जाती हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों में प्रस्तुति दी है।
चिंता कृष्णमूर्तिएक जागी-मानी कुचिपुड़ी नर्तक एवं शिक्षक हैं। उन्होंने कुचिपुड़ी कलाकारों एवं नर्तकों की एक पीढ़ी को तैयार किया है।
विजया प्रसाद, अपनी अद्वितीय, सौम्य एवं प्रभावी नृत्य शैली के लिए जागी जाती हैं, जिन्होंने लगभग आधी शती तक कुचिपुड़ी का अभ्यास एवं शिक्षण किया है।
दिव्या येलुरी, लक्ष्मी बाबू, स्वाति गुंडापूनीडी और अनुराधा नेहरू अन्य प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नर्तकों में हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics