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कार्बनिक रसायनों की आईयूपीएसी नामपद्धति , हिंदी में रसायन शास्त्र iupac नाम , iupac full form in hindi

iupac full form in hindi , कार्बनिक रसायनों की आईयूपीएसी नामपद्धति , हिंदी में रसायन शास्त्र iupac नाम :-
इससे पहले के article मे IUPAC नामकरण को discuss किया है अब इस
article मे IUPAC नामकरण के advance method को discuss करेगे | लेकिन इससे पहले के
article का सार भी discuss करेगे |
किसी कार्बनिक योगिक का नामकरण का मुख्य दो भाग होता है :
पूर्व लन्ग
किसी कार्बनिक योगिक का नामकरण का मे पूर्वलन्ग निन्म table मे एक हो
सकता है | इसके लिए कार्बन की सख्या consider की जाती है | इस सरणी मे पूर्वलन्ग
के सामने number ऑफ़ कार्बन को लिखा गया है |
name              quantity of
carbon in atom

1.मेथ                                           1
2.एथ                                           2
3.प्रोप                                          3
4.ब्युट                                         4
5.पेंट                                           5
6.हेक्स                                        6
7.हेप्ट                                           7
8.ओक्ट                                       8
9.नॉन                                          9
10.डेक                                      10

अनुलग्न
किसी कार्बनिक योगिक का नामकरण का मे अनुलंग निन्म tabel मे एक हो
सकता है | इसके लिए कार्बन के बीच बंध के प्रकार पर निर्भर करता है | इस सरणी मे अनुलंग
के सामने कार्बन के बीच बंध के प्रकार को लिखा गया है |
name              type of bond
1.इन                Double Bond
2.एन                Single
Bond
3.आइन              Triple Bond
हाइड्रोकार्बन का उदाहरन :
एथ + एन = एथेंन (n=2 )
C2H6 (एथेंन)
ब्युट + एन = ब्युटेन
(ब्युटेन)=   CH3-CH2-CH2-CH3
                      
इसी तरह हम अन्य संतृप्त हाइड्रोकार्बन  की सरंचना और सूत्र एक (1) से प्राप्त कर सकते
है ।
 
 
हेक्स + एन = हेक्सेन
for हेक्स n=6
C6H12 =   CH3-CH2-CH2-CH2-CH3
                  
                                     
 असंतृप्त हाइड्रोकार्बन  : कार्बन परमाणु के बीच  द्रिबंध या फिर त्रिबंध हो तो वह    असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते है  अल्कीन और अल्काइन    इस तरह के हाइड्रोकार्बन में आते है।
अल्कीन हाइड्रोकार्बन
जिनमें किसी दो कार्बन के परमाणु के बीच दोहरा आबंध  होते हैं उन्हें  अल्कीन कहा जाता है।
                          c=c
अल्कीन का सामान्य सुत्र = CnH2n
            अल्कीन का प्रत्यय  “इन” होता है जो की किसी हाइड्रोकार्बन के बाद
में लगकर
 उसका नाम अलग कर
देते है।
 note= for n= 1 के लिए  इससे प्राप्त नहीं कर  सकते है क्योकि कार्बन परमाणु के बीच द्रिआबध सभव
नही है इसलिए इस यौगिक का अस्तित्व नहीं है।
for n=2  एथ + इन= एथीन
C2 H 2 x 2 = C2H4
                                   CH2=CH2
प्रोप + इन = प्रोपीन
 for n=3  C3 H 2 x 3 = C3H6    CH 2=CHCH 3 
 
इसमें हर एक कार्बन की सयोजकता 4 है और दो कार्बन के बीच द्रिआबंध है।
ब्युटीन   for n = 4
 C4 H 2 x 4 =
C4H8

 
 इस तरह हम अन्य हाइड्रोकार्बन
के सूत्र बनाकर उसकी सरंचना बना सकते है।
अल्काइन हाइड्रोकार्बन
जिनमें किसी दो कार्बन के परमाणु के बीच त्रि आबंध  होते हैं उन्हें  अल्काइन कहा जाता 

 

अल्काइन का सामान्य सुत्र = CnH2n-2
            अल्कीन का प्रत्यय  “आ इन” होता है जो की किसी हाइड्रोकार्बन के बाद
में लगकर
 उसका नाम अलग कर
देते है।
 note= for n= 1 के लिए  इससे प्राप्त नहीं कर  सकते है क्योकि कार्बन परमाणु के बीच त्रि आबध
सभव नही है इसलिए इस यौगिक का अस्तित्व नहीं है।
for n=2  एथ + आइन= एथाईन
C2 H 2 x 2-2 = C2H2
प्रोप + आइन = प्रोपाईन
 for n=3  C3 H 2 x 3-2 = C3H4  
इसमें हर एक कार्बन की सयोजकता 4 है और दो कार्बन के बीच त्रि आबंध है
ब्युटीन   for n = 4
 C4 H 2 x 4–2 = C4H6

 

 

इस तरह हम अन्य हाइड्रोकार्बन के सूत्र बनाकर उसकी सरंचना बना सकते है।
सरंचनाम्तक समावयन =
समान आणविक सुत्र वाले जिनकी सरंचना अलग अलग होती है सरंचनाम्तक
समावयन कहलाते है।
नीचे दी गयी दोनों संरचनाओं में एक ही C4H10 है।
सीधी तथा शाखित शाखाओं वाली कार्बन शृंखलाओं के अतिरिक्त कुछ यौगिकों
में कार्बन के
परमाणु वलय के आकार में  भी  होते हैं। जैसे, साइक्लोहेक्सेन का सूत्र C6H12 है।
तथा उसकी संरचना निम्न हैः
                            
सीधी, शाखित तथा वलय आकार वाले कार्बन यौगिक संतृप्त अथवा असंतृप्त
यौगिक दोनों के रूप में हो सकते है।
जैसे की बेन्जीन C6H6 इसमें कार्बन परमाणु के बीच द्रिआबंध होते है।
हाइड्रोकार्बन में कार्बन and हाइड्रोजन  परमाणु के बीच बंध होते है यदि इस हाइड्रोजन
परमाणु को और तत्व के परमाणु के साथ प्रतिस्थापित कर दे तो कार्बन की संयोजकता
पूर्ण रहती है  ex हैलोजेन
, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा सल्फ़र
ऐसे तत्व के परमाणु विषम परमाणु कहलाते हैं।
यह विषम परमाणु यौगिको की लम्बाई और प्रकृति पर निर्भर नहीं करते हुए यौगिको
को
 विशिष्ट
गुण  
प्रदान करते है प्रकार्यात्मक समूह कहलाते है। 
प्रकार्यात्मक समूह यौगिको के हाइड्रोजन परमाणु को प्रतिस्थापित कर
कार्बन परमाणु के साथ जुड़े रहते है और अपनी संयोजकता को पूर्ण  रखते है।
विषम परमाणु             
यौगिकों का प्रकार                   
प्रकार्यात्मक समुह
हेलो क्लोरो /
ब्रोमो                    
-Cl और –Br
कार्बोक्सिलिक
अम्ल                   
-COOH
कीटोन    
-CO-
ऐल्कोहॉल                            
-OH
ऐल्डिहाइड  
-CHO
सलफेट
-SO4
प्रकार्यात्मक समूह हाइड्रोकार्बन की श्रृंखला के साथ जुड़्कर नये यौगिक
का निर्माण करते हैं। हाइड्रोकार्बन से बने इस तरह के यौगिक जिनमे प्रकार्यात्मक
समूह होते है उनके गुण हाइड्रोकार्बन से अलग अलग होते है। समान प्रकार्यात्मक समूह
वाले यौगिकों के रासायनिक गुण लगभग समान होते हैं।
समजातीय श्रेणी
यौगिकों की श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाईड्रोजन को
एक ही प्रकार के प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करते है
,  समजातीय श्रेणी कहलाते हैं। एक
समजातीय श्रेणी
के सभी सदस्य के रासायनिक गुण समान होते हैं। 
 
इस article मे , प्रकार्यात्मक समूह को discuss किया है आब आगे के article मे इन प्रकार्यात्मक समूह युक्त कार्बनिक योगिक को discuss करेगे |