WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

 आयोड़ोफॉर्म (CHI3) , टेट्रा हैलोजन यौगिक या कार्बन टेट्रा क्लोराइड या पायरीन , iodoform in hindi

रासायनिक गुण 

(i) ऑक्सीकरण :

प्रश्न : क्लोरोफोर्म की बोतल को प्रकाश या हवा में खुला छोड़ने पर क्या होगा ?

उत्तर : क्लोरोफ़ॉर्म की बोतल को प्रकाश या हवा में खुला छोड़ने पर यह प्रकाश या हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया कर एक जहरीली गैस का निर्माण कर लेता है। जिसे फास्जिन गैस या जिसे कार्बोनिल क्लोराइड गैस भी कहते है।

2CHCl3 + O2 → 2COCl2 + 2HCl

प्रश्न : क्लोरोफॉर्म को निश्चेतक के रूप में प्रयुक्त कर सके , इसके लिए इसमें होने वाले ऑक्सीकरण को कैसे रुका जा सके।

उत्तर : (i) CHCl3 को रंगीन बोतल में भरा जाता है।

(ii) CHCl3 की बोतल को काले कागज में लपेट कर रखते है।

(iii) CHCl3 की बोतल को पूर्ण भरा हुआ रखते है

(iv) CHCl3 की बोतल में 1% एथिल एल्कोहल मिलाते है जिससे बनने वाली फास्फिन गैस डाई एथिल कार्बोनेट में बदल जाती है।

  1. जलीय KOH के साथ क्रिया: CHCl3जलीय KOH से क्रिया कर फार्मिक अम्ल बनाता है।
  2. एसिटोन के साथ क्रिया:

प्रश्न : CHCl3 से एक निद्राकारी औषधी क्लोरोटोन का निर्माण कैसे करेंगे ?

उत्तर : एसीटोन + क्लोरोफोर्म è क्लोरीटोन (निद्राकारी)

  1. नाइट्रीकरण :

प्रश्न :  CHCl3 से एक युद्ध गैस क्लोरोपिक्रिन का निर्माण कैसे करेंगे ?

उत्तर : CCl3-H + HO-NO2 è CCl3-NO2 + H2O

नाइट्रिक अम्ल ===> क्लोरोपिक्रिन (युद्ध गैस)

  1. क्लोरीनीकरण :

CHCl3 + Cl2 è CCl4 + HCl

क्लोरोफॉर्म → कार्बन टेट्रा क्लोराइड

  1. Ag पाउडर के साथ अभिक्रिया:

H-CCl3 + 6Ag + CCl3-H → HC ≡CH + 6AgCl

  1. कर्बिल एमिन के साथ क्रिया (आइसो साइनाइड टेस्ट): CHCl3, एल्किल या एरिल एमिन से KOH के साथ क्रिया कर दुर्गन्धकारी आइसो साइनाइड बनाता है , इसे कार्बिल एमिन अभिक्रिया कहते है।

Ar/R-NH2 + CHCl3 + 3KOH → Ar/R-N≡C

CH3-NH2 + CHCl3 + 3KOH → CH3-N≡C (दुर्गन्धकारी गैस)

  1. राइमर-टिमन अभिक्रिया: फिनोल , CHCl3व KOH के साथ क्रिया कर salicylaldehyde बनाता है , इसे राइमर टिमन अभिक्रिया कहते है।
  2. एल्केन के साथ क्रिया:

CH3-CH2-CH=CH2 + CHCl3 → CH3-CH2-CH2-CH2-CH3

उपयोग :

  • निश्चेतक के रूप में।
  • विलायक के रूप में।
  • प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में।
  • क्लोरीटोन , निद्राकारी औषधी बनाने में।
  • युद्ध गैस क्लोरोपिक्रिन बनाने में।
  • रोगाणुनाशी के रूप में।

 आयोड़ोफॉर्म (CHI3) (iodoform in hindi)

बनाने की विधि :

  1. प्रयोगशाला विधि हैलोफॉर्म अभिक्रिया: एथिल एल्कोहल या एसीटोन को जलीय NaOH व I2से क्रिया करवाने पर पीले रंग का ठोस आयोड़ोफॉर्म बनता है। इसे आयोड़ोफॉर्म या हलोफोर्म अभिक्रिया कहते है।

2NaOH + I2 → NaOI + NaI + H2O

CH3-CH2-OH + NaOI → CH3-CHO + NaI

CH3CHO + 3NaOI → C I3-CHO + 3NaOH

CI3-CHO + NaOH → CHI3 + HCOONa  (आयोड़ोफॉर्म) (पीले रंग की पीपीटी)

इस अभिक्रिया को एक साथ निम्न प्रकार लिख सकते है –

CH3-CH2-OH + 4NaOH + 3I2 → CHI3 + HCOONa + 3NaI + 3H2O

भौतिक गुण

  1. CHIगंधहीन , पीले रंग का ठोस होता है।
  2. यह जल में अविलेय होता है।
  3. यह कार्बनिक विलायको (ईथर , एल्कोहल , क्लोरोफॉर्म) में विलेय होता है।
  4. यह CHI3 से अधिक क्रियाशील होता है। इसके क्वथनांक के मान अणुभार बढ़ने के साथ बढ़ते है।
  5. CHIअधिक क्रियाशील होने के कारण इसे प्रकाश या हवा में खुला छोड़ने पर I2 गैस मुक्त करता है।

रासायनिक गुण :

प्रश्न : शुद्ध क्लोरोफोर्म , AgNO3 से क्रिया नहीं करता परन्तु शुद्ध आयोड़ोफॉर्म , AgNO3 से क्रिया कर पीले रंग का AgI बनाता है।

उत्तर : क्योंकि आयोड़ोफॉर्म अधिक क्रियाशील होता है –

CHCl3 + AgNO3 → No reaction

CHI3 → AgI (silver iodide)

प्रश्न :  आयोड़ोफॉर्म को हल्का गर्म या गर्म करने पर क्या होगा ?

उत्तर : इसे गर्म करने पर बैंगनी रंग की वाष्प आयोडीन मुक्त होती है।

CHI3 → I2

  1. अपचयन:

CHI3 + 2[H] → CH2I2 + HI

  1. जलीय KOH के साथ क्रिया:

H-CI3 + 3KOH → HCOOH (फार्मिक अम्ल)

  1. Ag पाउडर के साथ क्रिया :

H-CI3 + 6Ag + H-CI3 → HC≡CH

  1. कार्बिल एमिन क्रिया:

Ar/R-NH2 + CHI2 + 3KOH → Ar/R-N=C + 3KI + 3H2O

उपयोग :

CHCl3 का उपयोग रोगाणुनाशी व पूतिरोधी के रूप में किया जाता है।

टेट्रा हैलोजन यौगिक या कार्बन टेट्रा क्लोराइड या पायरीन

 बनाने की विधियाँ :

  1. क्लोरोफ़ार्म के क्लोरीनीकरण द्वारा :

CHCl3 + Cl2 → CCl4 + HCl

  1. कार्बन डाई सल्फाइड के क्लोरीनीकरण द्वारा :

CS2 + 3Cl2 → CCl4 + S2Cl2

CS2 + 2S2Cl2 → CCl4 + 6S

भौतिक गुण :

  1. CCl4 , रंगहीन , मधुर गंध वाला वाष्पशील द्रव है।
  2. CCl4 जल में अविलेय है।
  3. CClकार्बनिक विलायको जैसे ईथर , एल्कोहल में विलेय है।
  4. CClउज्ज्वलशील प्रकृति का होता है।
  5. CCl4 का उपयोग आग बुझाने में किया जाता है।
  6. इसका व्यापारिक नाम पायरिन होता है।

रासायनिक गुण :

  1. अपचयन :

CCl4 + 4[H] → CH2Cl2 + 2HCl

  1. ऑक्सीकरण :

CCl4 + H2O → COCl2 + 2HCl

  1. जलीय KOH के साथ अभिक्रिया :

CCl4 + 4KOH → CO2 + 2H2O

  1. HF के साथ अभिक्रिया :

CCl4 + 2HF → CCl2F2 + 2HCl

उपयोग

  • CCl4 का उपयोग आग बुझाने में किया जाता है।
  • CCl4 का उपयोग निर्जल धुलाई में करते है।
  • CCl4 का उपयोग हुकवर्म व टेपवर्म के इलाज में किया जाता है।
  • इससे salicylic acid बनाया जाता है।
  • इसे विलायक के रूप में प्रयुक्त करते है।
  • इसे प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में उपयोग करते है।
  • इसे रोगाणुनाशी के रूप में प्रयोग करते है।