मूल मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय परिभाषा, international definition of fundamental units in hindi
अब आप सोच रहे होंगे की इस सभा में यह तो तय कर लिया गया की दूरी को मापने के लिए मीटर मात्रक काम में लिया जायेगा लेकिन 1 मीटर का मान कितना होगा ? 1 मीटर की ऐसी कोई परिभाषा होनी चाहिए जो सभी जगह समान हो तथा इसकी अनुपालना करके ही 1 मीटर लम्बा स्केल बनाया जाए , इसी प्रकार 1 किलोग्राम , सैकंड आदि की भी परिभाषा होनी चाहिए और इसी को पूरे विश्व में माना जाना चाहिए तथा इनका प्रयोग करके उपकरण बनाए जाने चाहिए ताकि सभी देशो में मात्रक समान रहे।
इसलिए इस सभा में मूल मात्रकों की परिभाषा निम्न प्रकार दी गई –
1. मीटर – लम्बाई का मात्रक
परिभाषा : प्रकाश द्वारा निर्वात में 1/299,792,458 सेकंड में तय की गई दूरी को 1 मीटर दूरी कहते है।
2. किलोग्राम – द्रव्यमान का मात्रक
परिभाषा : पेरिस में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय भार तथा माप संस्था में एक विशेष प्रकार का प्लेटिनम – इरीडियम का बेलन रखा हुआ है , इस विशेष प्रकार के बेलन का भार 1 किलोग्राम के बराबर माना जाता है।
3. सैकण्ड – समय का मात्रक
परिभाषा : सीजियम 133 द्वारा एक विशेष तरंग दैर्ध्य के विकरण उत्सर्जित होते है , इस उत्सर्जित विकरण द्वारा जितने समय में 9 192 631 770 कम्पन्न होते है , उस समय को 1 सैकण्ड कहते है।
4. एम्पियर : विद्युत धारा का मात्रक
परिभाषा : वह विद्युत धारा जो निर्वात में रखे दो अंनत लम्बाई और नगण्य परिच्छेद वाले वाले तारों को 1 मीटर की दूरी पर रखने पर पर उनके मध्य प्रति मीटर लम्बाई पर 2 x 10-7 N/m बल उत्पन्न कर देती है , उस प्रवाहित धारा के मान को 1 एम्पियर की धारा कहते है।
5. केल्विन : ताप का मात्रक
परिभाषा : पानी के त्रिक बिंदु पर के उष्मागतिकी ताप का 1/273.16 वां भाग का ताप 1 केल्विन के बराबर होता है।
6. केन्डेला : प्रदीपन तीव्रता का मात्रक
परिभाषा : एक केंडेला उस प्रदीपन तीव्रता के बराबर होती है जब एक निश्चित दिशा में कोई स्रोत 540 x 1012 हर्ट्स और उसी दिशा में 1/683 वाट प्रति स्टेरियन मान की दीप्तिमान हो।
7. मोल : पदार्थ का मात्रक
परिभाषा : पदार्थ की वह मात्रा जिसमे मूल अवयवो की संख्या 6C12 के 0.012 किलोग्राम के बराबर हो अर्थात 6C12 के 0.012 kg में जितने अवयव उपस्थित होते है उतने ही अवयवो की मात्रा को 1 मोल कहते है।
पूरक मात्रकों की परिभाषाएँ (definition of supplementary units)
S.I. पद्धति की विशेषताएँ (merits of s.i system)
2. SI पद्धति में 7 मूल मात्रक व 2 पूरक मात्रको का समावेश है।
3. इस पद्धति में व्युत्पन्न मात्रक मूल मात्रको को गुणा या भाग करके बनाए जाते है।
4. यह सुसंगत पद्धति है अर्थात इसे सभी शाखाओ में आसानी से काम में लिया जा सकता है।
5. इस पद्धति के सभी मात्रको का आसानी व सुपरिभाषित किया जा सकता है।
6. SI पद्धति में सभी मात्रको के लिए प्रतिक चिन्ह fix होते है जिससे इसे प्रतिक चिन्ह से भी आसानी से पहचाना जा सकता है।
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