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importance of biotechnology in hindi , बायोटेक्नोलॉजी का महत्व , जैव-तकनीकी के औद्योगिक उपयोगों का वर्णन करें।

जानें importance of biotechnology in hindi , बायोटेक्नोलॉजी का महत्व , जैव-तकनीकी के औद्योगिक उपयोगों का वर्णन करें।

जैव तकनीकी का महत्व (Significance of biotechnology)

जैव तकनीकी विज्ञान या जैव प्रौद्योगिक मानव के लिए पिछले हजारों वर्षों से लाभकारी रहा है। अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ एवं पेय पदार्थों का उपयोग हम वर्षों से करते आये हैं जो किण्वन तकनीक से प्राप्त किये जाते हैं। जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र अन्तन्त व्यापक है। वैज्ञानिकों ने विज्ञान के इस क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है तथा अधिकतर क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

सूक्ष्मजीवों के प्रभेदों में परिवर्तन लाकर एवं उन्नत तकनीकों का उपयोग कर लगभग प्रत्येक क्षेत्र में पहले की अपेक्षा प्राप्त उत्पाद की मात्रा, किस्म एवं गुणवत्ता में सुधार आया है एवं लागत मूल्यों में कमी आयी है।

‘डेयरी उत्पादों’ आचार- चटनी, मुरब्बे, कोको, चॉकलेट, सिलेज, सारक्राट, अनेकों प्रकार के पेय पदार्थ आज विश्व के सभी देशों में बनाये व बेचे जाते हैं, जिनमें अरबों रुपयों का व्यवसाय होता है। प्रतिजैविक औषधियाँ, टीकें, अनेक प्रकार के एंजाइम्स, हारमोन्स, स्टीरॉइड्स, विटामिन्स आदि प्राप्त किये जाते हैं। अनेकों प्रकार के विलायक, कार्बनिक पदार्थ, वर्णक, अम्ल, रसायनिक अभिकर्मक इनसे प्राप्त किये जाते हैं। जैव कीटनाशक व जैव उर्वरकों के उपयोग से कृषि जगत में उत्पादन में वृद्धि व लागत में की आयी है। प्रतिरक्षी प्रोटीन, एक क्लोनी प्रतिरक्षियों का उपयोग असाध्य रोगों के निदान एवं उपचार हेतु दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। ईंधन के रूप में प्रयुक्त किये जाने वाले पदार्थों इथेनॉल, गैसोलीन, जैव-गैस व हाइड्रोजन के इनके प्राप्त किये जाने की विधियाँ खोजी जा चुकी हैं, निकट भविष्य में पेट्रोनियम उत्पादों का स्थान ये ले लेंगे जो प्रदूषण रहित व सस्ता होगा। आज विश्व एक बहुत बड़ी समस्या का सामना कर रहा है प्रदूषण, अनुपयोगी अपशिष्ट पदार्थों, कचरे, वाहितमल एवं अपशिष्ट जल के निम्नीकरण व उपचार तथा इनसे उपयोगी पदार्थों की प्राप्ति व पुन:क्रमण (recycle) किये जाने की क्रियाएँ विकसित देशों में की जाने लगी हैं। शीघ्र ही अन्य देशों में इनका उपयोग होने लगेगा। विश्व की बढ़ती आबादी को भोजन एक कोशीय प्रोटीन (SCP) सूक्ष्मजीवों से प्राप्त कराने की दिशा में अनुसंधान कार्य किये जा रहे हैं, शीघ्र ही इस क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त होने की आशा है। पुनर्योगज DNA तकनीक एवं प्रोटोप्लास्ट संलयन दारा पालतू पशुओं व पादपों की नयी उन्नत जातियाँ प्राप्त करने की आशातीत सफलताएँ हासिल हो गयी हैं। उपरोक्त सभी क्षेत्रों में प्राप्त सफलताओं से 21वीं सदी का मानव अधिक समृद्ध खुशहाल बनेगा इसकी पूरी-पूरी संभावनाएँ हैं।

भविष्य की कल्पना करने पर अधिक जनंसख्या, रोटी कपड़ा मकान की आवश्यकता, शुद्ध वायु, जल की उपब्धता में कमी, नये-नये रोगों के उत्पन्न होने की संभावनाएँ दिखाई देती हैं। इन सब पर विजय पाने हेतु यदि कहीं कोई आशा की किरण दिखाई देती है तो वह जैवप्रौद्योगिकी ही हो सकती है जिसे हम 21वीं सदी में अलादीन का चिराग कह सकते हैं जिसका उपयोग कर “मानव कल्याण” किया जा सकता है।

अनेक जैवतकनीकी क्षेत्र में क्रियाशील उद्योग निम्नलिखित क्षेत्रों में क्रियाशील है

  1. स्वचालित जैव स्क्रीनिंग ।
  2. सूक्ष्मजीवों का औषध क्षेत्र में आनुवंशिकी उन्नयन ।
  3. विशिष्ट औद्योगिक उपयोगों हेतु सूक्ष्मजीवों की अभियांत्रिकी (engineering)
  4. विटामिन B12 का औद्योगिक स्तर पर उन्नत एवं उत्पादन।
  5. ग्लूकोज से कम खर्च में फ्रक्टोज का उत्पादन।
  6. उद्योगों में कोशिका से अचल एंजाइम्स का रासायनिक विधि से उत्पादन ।
  7. एल्केन्स की कीमती ऑक्साइड्स व ग्लाइकोल में जैव संसाधन ।
  8. सतत् किण्वन की विधि द्वारा इथेनॉल का उत्पादन ।
  9. सूक्ष्मजैविकीय विधियों से हाइड्रोकार्बन्स का उन्नयन ।
  10. सूक्ष्मजैविकीय विधि से इन्सुलिन का उत्पादन ।
  11. तैल उद्योग हेतु जेन्थन गम (Xanthan gum) का उत्पादन ।
  12. सूक्ष्मजैविकीय विधि से मानव इन्टरफेरान का उत्पादन ।
  13. पशुओं व मानव शिशुओं हेतु अनेक टीकों का उत्पादन ।
  14. उत्तक टाइपिंज हेतु मोनेक्लोनल एन्टीबॉडीज का बनाया जाना जिनका उपयोग अंग प्रत्यारोपण किये जाने पर किया जाता है।
  15. विषैले पदार्थों की जाँच हेतु परीक्षण हेतु निर्माण ।
  16. नाशी कीटों, विषाणुओं, शकनाशी व पादप अवरोधी रसायनों का उत्पादन ।
  17. ऐसे पादपों की जातियों का उन्नयन जो प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया तीव्र एवं औद्योगिक स्तर पर कर सकती है।
  18. मूल्यवान औद्योधियों का ट्रान्सजैनिक जन्तु उत्पन्न कर उत्पादन करना ।
  19. जैव कीटनाशी व जैव खाद्य पदार्थों का उत्पादन ।
  20. मानव जीन का उन्नयन एवं रोगों का उपचार।

प्रश्न (Questions)

  1. निम्नलिखित के अतिलघु/ एक शब्द में उत्तर दीजिये –

Give very short answer/one word for the following-

  1. जैव प्रौद्योगिकी किसे कहते हैं एक पंक्ति में लिखिये ।

What is biotechnology write in one sentence.

  1. जैव तकनीकी विज्ञान में कोशिका के किस घटक पर वैज्ञानिक का ध्यान केन्द्रित रहता है।

On which constituent of cell scientist centratise himself in Biotechnology.

  1. मानव कल्याण हेतु विज्ञान की प्रमुख शाखा का नाम बताइये ।

Write the name of a important branch of science of human welfare.

  1. भारत सरकार ने पुनर्योजी डी एन ए के उपयोग हेतु किस अधिकारी एजेन्सी की स्थापना की है।

Which Govt. angency is established by Indian Government to utilize recombinant DNA.

  1. कृत्रिम रूप से प्रोटीन्स में अमीनो अम्लों की श्रृंखला में परिवर्तन करना क्या कहलाता है।

In proteins artificially manipulation of chain of amino acids. what it is called?

  1. अपराधियों का पता किस विधि से लगाया जाता है?

By which technique criminals can be traced.

  1. आनुवंशिक अभियांत्रिकी से क्या अभिप्राय है?

What do you mean by genetic engineering.

  1. आनुवंशिकी अभियांत्रिकी के लाभ व हानियों का उल्लेख कीजिये ।

Write benefits of and potential hazards of genetic Engineering

  1. जैव तकनीकी के प्रमुख कार्यक्षेत्रों के उत्पानों के बारे में संक्षेप के बताइये ।

Write short of products from major working areas of biotechnology.

  1. आनुवंशिक अभियांत्रिकी से संभावित हानियाँ क्या है?

What are potential hazards of genetic Engineering.

  1. जैव प्रौद्योगिक को परिभाषित कीजिये ।

Define biotechnology.

  1. जैव तकनीकी की मुख्य उपलब्धियाँ क्या है?

What are the main achievements of biotechnology.