हाइड्रोजन के प्रति क्रियाशीलता Hydrogen Perfection in hindi
Hydrogen Perfection हाइड्रोजन के प्रति क्रियाशीलता :
यह सभी तत्व हाइड्रोजन से क्रिया करके EH3 प्रकार के यौगिक बनाते हैं |
| NH3 | अमोनिया |
| PH3 | फास्फीन |
| AsH3 | आर्सीन |
| SbH3 | स्टीबीन |
| BiH3 | बिस्मथिन |
- NH3 के अतिरिक्त सभी गैस विषैली होती हैं
- E-H की बंध लंबाई बढ़ने पर बंद सुगमता ( आसानी) से टूटता है जिससे हाइड्रोजन त्यागने की प्रवृति बढ़ती है अर्थार्थ अपचायक गुण बढ़ जाते हैं अतः 15 वर्ग के हाइड्राइड के अपचायक गुणों का बढ़ता क्रम
BiH3 < SbH3 < AsH3 < PH3 < NH3
- E-H की बंध की बंध लंबाई कितनी कम होती है तापीय स्थायित्व अधिक होता है अतः तापीय स्थायित्व का बढ़ता क्रम |
BiH3 < SbH3 < AsH3 < PH3 < NH3
- प्रत्येक योगिक संकरण SP3 होता है इसकी आकृति पिरामिड होती है |
- अमोनिया में अन्तराणुक हाइड्रोजन बंध पाए जाते हैं अतः अमोनिया का क्वथनांक अधिक होता है जबकि PH3 मैं दुर्बल वांडरवाल बल अधिक होते हैं अतः PH3 का क्वथनांक कम होता है |
प्रश्न 1 : NH3 प्रबल क्षार है क्यों ? (Why is strong acid ?)
उत्तर : N पर इलेक्ट्रॉन का घनत्व अधिक होने के कारण यह आसानी से लोन पेअर ऑफ़ इलेक्ट्रॉन्स त्यागते हैं अतः यह प्रबल क्षार है |