herbarium in hindi हर्बेरियम किसे कहते हैं | पादपालय या हरबेरियम की परिभाषा क्या है अर्थ निर्माण करना ?
प्रस्तावना : किसी भी कार्य को सम्पादित करने के लिए कुछ उपकरण अथवा साधन आवश्यक होते है , ठीक उसी प्रकार से पादप वर्गिकी के प्रमुख उद्देश्य अर्थात पादप की पहचान , नामकरण और वर्गीकरण प्राप्त करने हेतु इनसे सम्बन्धित विशेष जानकारियों को हासिल करना जरुरी होता है। इन जानकारियों को जिन स्रोतों से प्राप्त किया जाता है , उन्हें पादप वर्गिकी के साधन कहते है। पादप वर्गिकी के प्रमुख साधनों या स्रोतों को निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियों में रखा जाता है –
1. पादपालय या हर्बेरियम (herbarium in hindi) : जहाँ पादप प्रतिरूपों को परिरक्षित कर संग्रहित किया जाता है।
2. वनस्पति उद्यान (botanical garden) : यहाँ विभिन्न प्रकार के पौधों को उनके प्राकृतिक आवासों में उगाया जाता है। इन्हें वनस्पति शास्त्र की बहिरंग प्रयोगशाला (outdoor laboratory) भी कहा जाता है।
3. वर्गिकीय साहित्य (taxonomic literature) : यहाँ वर्गिकी आयाम से सम्बन्धित साहित्य जैसे – पत्रक सूचक , डिक्सनरी , मोनोग्राफ , फ्लोरा , मैनुअल और वर्गिकी पत्रिकाएँ आदि सम्मिलित है।
पादपालय (herbarium )
पादपालय अथवा हर्बेरियम एक ऐसी जगह है , जहाँ शुष्क और परिरक्षित पादप प्रतिरूपों का संकलन अथवा संग्रहण किया जाता है। यहाँ पादप प्रतिरूपों का संकलन किसी स्वीकृत वर्गीकरण पद्धति के अनुसार क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है। पादप प्रतिरूपों के साथ उनके विषय में सभी आवश्यक सूचनाये या विवरण भी अंकित किया जाता है।
पादप संग्राहालय तैयार करने का उद्देश्य आगामी सन्दर्भ और शोध कार्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले पादपों के प्रतिरूप और उनके विषय में आवश्यक समग्र जानकारी प्राप्त करने का होता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न पादपों की पहचान और संरचना का ज्ञान उनके चित्र अथवा फोटो को देखकर अथवा उनके विवरण को पढ़कर पूरी तरह संभव नहीं हो पाता। इसके लिए कभी कभी यह भी जरुरी हो जाता है कि विभिन्न पादप प्रतिरूपों की तुलना उनके चित्र और विवरण से की जाए। यह तुलनात्मक अध्ययन तभी संभव हो सकता है जब पादप संग्रहालय में रखे प्रतिरूप हर्बेरियम शीट के रूप में उपलब्ध हो। इस प्रकार पादपालय पौधों की पहचान के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है।
हर्बेरियम तैयार करने के लिए विभिन्न पादपों को खुले क्षेत्र में अध्ययन कर संग्रहित किया जाता है। इसके पश्चात् इन्हें फैलाकर ,सुखाकर , हर्बेरियम शीट तैयार कर संकलन किया जाता है।
पादपालय तैयार करने की विधि का संक्षेप में विवरण प्रस्तुत है।
आवश्यक उपकरण (equipments)
क्षेत्र या फिल्ड से पादप प्रतिरूपों को एकत्र करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख उपकरण आवश्यक होते है –
(1) खुरपी (digger) : पादप प्रतिरूप संग्रहण के लिए फिल्ड में खुरपी एक आवश्यक उपकरण होता है जो छोटे शाकीय पौधों को जड़ सहित खोदने में सहायक है। इसके अतिरिक्त प्रकन्द , बल्ब और कार्म्स आदि जो पादप पहचान में सहायक होते है , खुरपी की सहायता से आसानी से निकाले जा सकते है।
(2) कलम कैंची (secateur) : काष्ठीय वृक्षों की टहनी और फल आदि को काटने हेतु इसका उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त कटर , चाक़ू अथवा कैंची का भी उपयोग किया जा सकता है।
(3) वैस्कुलस (vasculum) : यह टीन अथवा एल्युमिनियम से बना बेलनाकार डिब्बा होता है। फिल्ड में एकत्र किये गए शाकीय पादपों और टहनियों को इसमें रखा जाता है , ताकि पौधे मुरझाये नहीं। वैस्कुलम के स्थान पर मोटी , मजबूत पोलीथीन की थैलियों का प्रयोग भी कर सकते है।
(4) पादप प्रेस (plant press) : इसमें ताजे पादप प्रतिरूप फिल्ड में ही प्रेस किये जा सकते है , जिससे ये जल्दी सूख जाए और इनका यथा संभव परिरक्षण हो सके। एक अच्छी प्लान्ट प्रेस में प्लाइवुड अथवा बोर्ड या तार की जाली के दो फ्रेम होते है। इन फ्रेम के मध्य अखबार अथवा ब्लान्टिंग पेपर पर पौधों को फैलाकर दबाया जाता है। दोनों फ्रेम को कसकर बाँधने के लिए बेल्ट लगा होता है। प्लान्ट फ्रेस की उपयुक्त साइज़ 12 x 18 इंच अर्थात 30 x 45 सेंटीमीटर होती है।
(5) फिल्ड नोट बुक या डायरी : कार्य क्षेत्र या फिल्ड में पौधों को उनके प्राकृतिक आवास से एकत्र करते समय पादप और इसके आवास के सम्बन्ध में अनेक महत्वपूर्ण सूचनाएँ अंकित करनी आवश्यक होती है। अत: इसके लिए विशेष प्रकार की फिल्ड डायरी अथवा नोट बुक तैयार की जाती है। एक सामान्य फिल्ड डायरी में 100 पृष्ठ होते है , जिन पर वही नंबर होता है जो डायरी के पेज पर होता है। ये टेग फिल्ड डायरी से अलग किये जा सकते है। किसी स्थान विशेष से एकत्र एक प्रजाति के पादप प्रतिरूपों में एक ही नंबर के टेग लगाये जाते है। इसके बाद फिल्ड डायरी के नामांकित पृष्ठ पर क्रमानुसार पादप प्रतिरूप के सम्बन्ध में आवश्यक सूचनाएँ अंकित कर दी जाती है जैसे – पादप एकत्र करने का स्थान , एकत्र करने की तिथि , पौधे का स्थानीय नाम , पादप स्वभाव , आवास , पुष्प के लक्षण और रंग , बाहुल्य , मृदा का प्रकार आदि। यदि ज्ञात हो तो पादप का सामान्य नाम और कुल भी अंकित कर देना चाहिए।
(6) अन्य : उपरोक्त महत्वपूर्ण उपकरणों के अतिरिक्त कुछ अन्य सामग्री जैसे एक जोड़ी चिमटी , दस्ताने , हैण्ड लैंस या पाकेट लैंस और पाकेट डायरी भी रखनी चाहिए।
फिल्ड में पादप अन्वेषण के लिए जाते समय वेशभूषा और अन्य बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है। सभी आवश्यक उपकरण एक बड़े थैले (जिसे पीठ पर लटकाया जा सके) में रखना चाहिए और पानी से भरी वाटर बोतल भी साथ लेनी चाहिए। चप्पले अथवा सैंडिल पहनकर फिल्ड में नहीं जाना चाहिए , केनवास के जूते अथवा स्पोट्स शूज उपयुक्त रहते है।
पादप प्रतिरूपों को एकत्र करना (collection of plant specimen)
हर्बेरियम की स्थापना के लिए सबसे पहले पादप प्रतिरूपों को एकत्र करने का कार्य किया जाता है। अच्छी किस्म के पादप प्रतिरूपों को एकत्र करने के लिए पादप संग्रह की तकनीक भी सही और श्रेष्ठ स्तर की अपनाई जानी आवश्यक है। क्षेत्र में भ्रमण के समय पादप प्रतिरूपों को वृद्धि और जनन की अलग अलग अवस्थाओं में विभिन्न स्थानों से एकत्र करना चाहिए। शाकीय पादप की स्थिति में सम्पूर्ण पौधे को लेना चाहिए अर्थात पौधे के जड़ , तना , पत्तियाँ , पुष्पक्रम और फल ये सभी संरचनाएँ पादप प्रतिरूप में होनी चाहिए।
बड़े काष्ठीय और बहुवर्षी पादपों की स्थिति में इनकी पुष्पयुक्त और फलयुक्त शाखा एकत्र की जाती है। इसमें पौधे के पर्णविन्यास और पुष्पक्रम को समझाने में सुविधा होती है। यदि पौधे में जड़ के स्थान पर अथवा इसके अतिरिक्त कोई अन्य भूमिगत भाग जैसे कन्द , शल्ककन्द अथवा बल्ब आदि हो तो इनको अवश्य एकत्र कर परिरक्षित करना चाहिए। ये पादप अंग पौधे की पहचान का निर्धारण करने में उपयोगी होते है। पादप प्रतिरूप एकत्र करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यथासम्भव स्वस्थ पादप अथवा पादप भाग का चयन किया जाए। रोग ग्रस्त पादप और फटी कटी पत्तियों वाले पादप प्रतिरूप अनुपयोगी होते है और पादप की पहचान को परिलक्षित करने में सहायक नहीं होते। पादप प्रतिरूपों को अलग अलग अवस्थाओं में एकत्र करने के लिए क्षेत्र का भरण कई बार करना चाहिए।
प्रतिरूपों को प्रेस करना और सुखाना (pressing and drying of specimen)
एकत्र किये गए पादप प्रतिरूपों को अखबार अथवा ब्लाटिंग पेपर पर भली भांति फैलाकर दबाया जाता है और एक प्रेसिंग पेपर पर एक ही पौधे को फैलाकर प्रेस किया जाता है। पादप को फैलाने समय ध्यान रखना चाहिए कि कुछ पत्तियों की उपरी सतह और कुछ पत्तियों की निचली सतह प्रदर्शित होनी चाहिए। यदि पत्तियों का आकार बहुत बड़ा हो तो केवल एक ही पत्ती को प्रेस करना चाहिए। यदि पौधा या उसकी शाखा लम्बी हो तो उन्हें V , N या W के आकार में मोड़ा जा सकता है। मांसल अंगो को प्रेस करने के लिए उन पर स्पंज के पैड्स लगाकर प्रेस करना चाहिए। जलीय पौधों को प्राय: ब्लाटिंग पेपर पर रखकर उनका पानी सोख लेना चाहिए इसके बाद इन्हें फैलाकर प्रेस करना चाहिए।
पादप प्रतिरूपों को अखबार अथवा ब्लाटिंग पेपर सहित पादप प्रेस के दोनों फ्रेमों के मध्य रखकर प्रेस को बेल्ट से कस कर बाँध दिया जाता है। इन्हें सुखाने के लिए पादप प्रेस को हल्की धुप में रखा जाता है।
लगभग 24 घंटे पश्चात् प्रेस को खोलकर नम अखबार अथवा ब्लाटिंग पेपर बदल दिए जाते है तथा पुनः पौधों को प्रेस में बाँधकर रखा जाता है। यह सक्रीय पादप प्रतिरूपों को पूरी तरह से सुख जाने तक निरंतर जारी रखनी होती है।