हीमोग्लोबिन (Hb) तथा मायोग्लोबिन (Mb) ,साइटोक्रोम क्या है , परिभाषा , संरचना , बंध ,कार्य , अंतर या तुलना
hemoglobin and myoglobin in hindi क्या है , परिभाषा , संरचना , बंध ,कार्य , अंतर या तुलना, साइटोक्रोम
जिसमें Fe+2 आयन चारो पिरोल नाइट्रोजन से उपसहसंयोजक बन्ध बनाता है।
हिम समूह की संरचना को निम्न प्रकार दर्शाते है –
हीमोग्लोबिन की संरचना को निम्न प्रकार समझा सकते है –
हिमोग्लोबिन की संरचना में Fe की 5 वीं उपसहसंयोजन स्थिति पर प्रोटीन श्रृंखला (ग्लोबिन , प्रोटीन) का इमिडाजोल N परमाणु जुड़ता है। 6 वीं स्थिति रिक्त रहती है।
परन्तु यह स्थिति ग्लोबिन प्रोटीन के अध्रुवीय जल विरोधी भाग से घिरे होने के कारण अध्रुवीय अणु जैसे ऑक्सीजन , कार्बनडाई ऑक्साइड आदि से जुड़ जाती है , इस कारण fe पॉरफाइरीन वलय के तल से कुछ ऊपर पाया जाता है।
इस प्रकार विऑक्सी जनित Hb , Fe+2 का उच्च चक्रण संकुल होता है , जिसमें 4 अयुग्मित e होते है , एवं इसकी वर्गाकार पिरामीडिय संरचना होती है।
हीमोग्लोबिन में स्थित ग्लोबिन प्रोटीन की संरचना में 8 कुंडलित भाग होते है , जिसके दो भागों के मध्य हीम समूह होता है।
नोट : ग्लोबिन प्रोटीन की अनु. में Fe+2 की छठी उपसहसंयोजन स्थिति पर कोई ध्रुवीय अणु जैसे जल आदि उपस्थित रहता है। जिससे यह अनुत्क्रमणीय रूप से वायु की ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकरण से Fe+3 (हीमेटिन) परिवर्तित हो जाता है।
हीमोग्लोबिन एवं मायोग्लोबिन में fe की ऑक्सिकृत अवस्था जिसमे आयरन Fe+3 के रूप में पाया जाता है , तो इन्हें मैटा हीमोग्लोबिन एवं मेटामायोग्लोबिन कहते है।
Fe+3 अध्रुविय अणु O2 आदि से जुड़ने की बजाय आवेशित लिगेण्डो जैसे CN–
, S-2 आदि से बंध बनाता है , जिससे O2 के साथ बंध बनाने की हीम समूह की क्षमता कम हो जाती है।
Hb का अणुभार 64500 होता है।
मायोग्लोबिन की संरचना
कशेरुकी प्राणियों में स्वशन क्रिया के अन्तर्गत ऑक्सीजन गैस फेफड़ो में प्रवेश करती है , जहाँ ऑक्सीजन का आंशिक दाब तुलनात्मक रूप से अधिक होता है।
यहाँ हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से बंधित होकर ऑक्सी हीमोग्लोबिन बनाता है , जो उत्तको में जाकर इस ऑक्सीजन को मायोग्लोबिन को स्थानांतरित कर देता है।
फेफड़ो में
Hb +
4O2 → Hb(O2)4
उत्तको में
4Mb(O2) + Hb
हीमोग्लोबिन व मायोग्लोबिन के बंधन का वक्र
Hb व Mb (हीमोग्लोबिन (Hb) तथा मायोग्लोबिन (Mb) के कार्य
Hb व Mb (हीमोग्लोबिन (Hb) तथा मायोग्लोबिन (Mb) में अंतर या तुलना
साइटोक्रोम -c की संरचना
O2 से सम्बद्ध सभी जीवों में साइटोक्रोम पाये जाते है।
ये कई प्रकार के होते है।
साइटोक्रोम – c की संरचना को निम्न प्रकार दर्शाते है –
इसका आयरन परमाणु fe(II) एवं Fe(III) के मध्य परिवर्तित होता रहता है और इसी प्रक्रम में electrons का स्थानान्तरण होता रहता है जिससे ये electron वाहक का कार्य करते है।
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