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haldane effect in hindi is due to हेल्डेन प्रभाव क्या होता है ? हाल्डेन इफेक्ट किसे कहते है ?

हेल्डेन प्रभाव क्या होता है ? हाल्डेन इफेक्ट किसे कहते है ? haldane effect in hindi is due to ?

O2और CO2परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक

बोहर प्रभाव : CO2 और हाइड्रोजन आयन दोनों हीमोग्लोबिन अणु की विभिन्न इकाइयों से जुड़ जाते है | PCO2में वृद्धि , pH में गिरावट , हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन से जुड़ने की क्षमता में अर्थात P50वैल्यू को बढ़ा देता है | यह बोर प्रभाव कहलाता है | यह O2हीमोग्लोबिन वियोजन वक्र को दायीं तरफ शिफ्ट कर देता है और उत्तकों में हीमोग्लोबिन के डी-ऑक्सीजीनेशन को बढाता है | इसके साथ ही यह फेफडों में हीमोग्लोबिन के ऑक्सीकरण को भी बढाता है |

हेल्डेन प्रभाव : हेल्डेन प्रभाव CO2परिवहन को बढाने में महत्वपूर्ण है |  हेल्डेन प्रभाव से सत्यापित होता है कि ऑक्सीहीमोग्लोबिन प्रबल अम्ल की तरह व्यवहार करता है | बाद में यह रक्त से CO2को दो तरीके से प्रतिस्थापित करता है –

  • इसकी एसिडिटी बढ़ने के कारण हीमोग्लोबिन CO2से जुड़ने की क्षमता खो देता है |
  • उच्च अम्लीय ऑक्सीहीमोग्लोबिन अधिकता में H+मुक्त करता है जो कि बाइकार्बोनेट आयन्स से जुड़ता है और कार्बोनिक अम्ल बनाता है |

इस प्रकार फेफड़ों में हेल्डेन प्रभाव हीमोग्लोबिन द्वारा ऑक्सीजन uptake के कारण CO2 के मुक्त होने को बढाता है | उत्तकों में एक व्युत्क्रम प्रक्रम उत्पन्न होता है |

कार्बन मोनो ऑक्साइड का प्रभाव (CO) : कार्बन मोनो ऑक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ उसी स्थान से जुड़ जाता है जिससे ऑक्सीजन जुडती है परन्तु यह ऑक्सीजन से लगभग 250 गुना अधिक तेजी से जुड़ता है इसलिए यह ऑक्सीजन के लिए प्रतिस्पर्धात्मक व्यवहार करता है |

श्वसन का नियंत्रण

श्वसन दर दो नियंत्रकों द्वारा नियंत्रित होती है –

  • तंत्रिकीय नियंत्रण : श्वसन क्रिया मेड्युला ओब्लागेटा की फर्श में और पोंस वेरूलाई की छत में उपस्थित तीन श्वसन केन्द्रों द्वारा नियंत्रित होती है | ये केन्द्र संयुक्त रूप से rhythmicity centresकहलाते है |
  • inspiratory सेंटर (dorasal श्वसन समूह) : यह मेड्युला ओब्लागेटा में स्थित होता है और श्वसन की सामान्य rhythm को नियंत्रित करने के लिए अन्त: श्वसनी पेशियों को प्रेरित करता है |
  • expiratory केन्द्र : (ventral श्वसनी समूह) – यह भी मेड्युला ओब्लीगेटा में स्थित होता है और सामान्य श्वसन के दौरान प्रभावी होता है लेकिन व्यायाम के दौरान यह उच्छवसित पेशियों के बलपूर्वक संकुचन को नियंत्रित करता है |
  • न्यूमोटेक्सिक केन्द्र : यह पोन्स वेरोलाई में स्थित होता है | जब इसे उत्तेजित किया जाता है तो यह श्वसन दर को बढ़ा देता है लेकिन श्वसन की गहराई को कम कर देता है |
  • रासायनिक नियंत्रण : केन्द्रीय रसायन संवेदांग मेड्युला ओब्लागेटा में उपस्थित होते है जबकि परिधीय रसायन संवेदांग सिस्टेमेटिक कैरोटिड और एओर्टिक arch की दीवारों में स्थित होते है | ये श्वसन केन्द्र को आवेग प्रदान करते है |
  • कार्बन डाई ऑक्साइड सान्द्रता : रक्त में कार्बन डाई ऑक्साइड की बढ़ी हुई सान्द्रता श्वसन दर और फेफड़ों का वेंटिलेशन बढ़ा देती है | CO2अन्त: श्वसन और बाह्य श्वसन केन्द्रों को उत्प्रेरित करती है |
  • ऑक्सीजन सान्द्रता : श्वसन केन्द्र रक्त में कार्बन डाई ऑक्साइड की तुलना में ऑक्सीजन परिवर्तन के प्रति बहुत कम संवेदी होते है |