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द्रवीय धावन / गुरुत्वीय पृथक्करण विधि & चुम्बकीय पृथक्करण विधि

अयस्क के धातुकर्म : द्रवीय धावन / गुरुत्वीय पृथक्करण विधि चुम्बकीय पृथक्करण विधि

अयस्क से शुद्ध धातु प्राप्त करने की निम्न विधियाँ है :

(A) अयस्क का सान्द्रण :

अयस्क से व्यर्थ के पदार्थ को हटाना अयस्क का सांद्रण कहलाता है।  अयस्क का सांद्रण निम्न विधियों से किया जा सकता है।

(1) द्रवीय धावन /गुरुत्वीय पृथक्करण विधि (gravitational separation process of ores) :

जब अयस्क तथा आधात्री के घनत्व में अधिक अंतर होता है तो यह विधि काम में लेते है।

एक ढालू तल वाली मेज पर पिसा हुआ अयस्क रखकर उसमे जल प्रवाहित करते है जिससे आधात्री के हल्के कण बहकर अलग हो जाते है जबकि अयस्क के बाहरी कण मेज शेष रह जाते है।

(2) चुम्बकीय पृथक्करण विधि (magnetic separation procedure of iron ore):

चुम्बकीय गुणों पर आधारित अयस्कों का सान्द्रण इस विधि से किया जाता है।

चुम्बक के दो रोलरों के मध्य एक गतिशील पट्टे पर पिसा अयस्क डालते है जिससे अनुचुम्बकीय पदार्थ पट्टे से दूर तथा चुम्बकीय पदार्थ पट्टे की ओर गिरते है।