मूत्र निर्माण व उत्सर्जन , मूत्र का संगठन , उत्सर्जन सम्बन्धित विकार या रोग Formation of Urine
Formation of Urine in hindi मूत्र निर्माण व उत्सर्जन
- परानिस्पंदन (ultratilisration) : परानिस्यंदन ग्लोमेरुलस तथा बोमेन सम्पुट द्वारा होता है , ग्लोमेरुलस में लगभग 50 समान्तर रुधिर कोशिकाएँ पायी जाती है | ग्लोमेरुलस में अनेक छिद्र होते है जिनका व्यास 0.1u – 0.5u तक होता है , जिससे ग्लोमेरुलस की पारगम्यता बढ़ जाती है | अभिवाही धमनी का व्यास , अपवाही धमनी से अधिक होता है जिससे ग्लोमेरुलस में हाइड्रोस्टेटिक दाब उत्पन्न होता है जिसका मान 70mmHg होता है , इस दाब के कारण प्लाज्मा का लगभग 20% भाग रुधिर से छानकर बोमेन सम्पुट में आ जाता है , इस तरल को ग्लोमेरुलस निस्यंद कहते है तथा इस क्रिया को परानिस्यंद कहते है | ग्लोमेरुलस निस्यंद में प्लाज्मा , यूरिया अम्ल , अम्ल , लवण , एमीनो अम्ल , क्रिएटिन , ग्लूकोज , रुधिर कोशिकाएँ व कोलाइडी पदार्थ होते है |
- वर्णात्मक पुनरावशोषण (selective reabsorbtion) : निस्यंद से रुधिर के जल का लगभग 95% भाग छानकर आ जाती है , परन्तु 0.8% जल ही मूत्र के रूप में बाहर निकलता है ,शेष भाग वृक्क नालिकाओ द्वारा पुन: अवशोषित कर लिया जाता है , वृक्क नलिकाओं में लाभदायक पदार्थों को पुन: रुधिर में पहुँचाना वर्णात्मक पुनरावशोषण कहलाता है |
- समीपस्थ कुंडलित नलिका में पुनरावशोषण : समीपस्थ कुंडलित नलिका में सूक्ष्म अंकुर होने के कारण 20% भाग अवशोषित हो जाता है , इसके द्वारा जल , सोडियम , लवण , क्लोरिन , ग्लूकोज , एमिनो अम्ल , प्रोटीन आदि का अवशोषण होता है |
- हेन्ले लूप में पुनरावशोषण : इसमें निस्यंद का 35% भाग अवशोषित हो जाता है , इसके द्वारा मुख्यतः जल , सोडियम , पोटेशियम , क्लोरिन व रुधिर कोशिकाओ का अवशोषण होता है |
- दूरस्थ कुंडलित नलिका में पुनरावशोषण : इसके द्वारा लाभदायक शेष पदार्थों का पूर्ण रूप से अवशोषण हो जाता है |
- नलिकीय स्त्रवण (Tubular secretion) : समीपस्थ व दूरस्थ कुंडलित नलिकाओं की दीवारों की कुछ कोशिकाएँ रक्त से पदार्थो का संग्रह कर सक्रीय अभिगमन द्वारा वृक्क नलिका में स्त्रवित कर देती है , इस क्रिया को नलिकीय स्त्रावण कहते है |
उदाहरण – औषधियां , रंगा पदार्थ , यूरिक अम्ल आदि |
मूत्र का संगठन
- रंग = हल्का पीला (यूरोक्रोम)
- गंध = एरोमेटिक गंध
- मात्रा = 1-2 लीटर (प्रतिदिन)
- pH = 5.0 – 7.6 (हल्का अम्लीय)
- जल = 95%
- यूरिया = 2.0%
- अकार्बनिक लवण = 1.5%
- कार्बनिक लवण = 0.5%
- यूरिक अम्ल = 0.5%
- क्रिएटिन = 0.5%
वृक्क द्वारा परासरण परासरण नियमन : परासरण नियमन का कार्य भी वृक्क द्वारा किया जाता है जो दो हार्मोन द्वारा नियन्त्रित होती है |
- एल्डोस्टेरोन : यह एड्रीनल ग्रन्थि से स्त्रवित होता है , यह लवण व आयनों के पुन: अवशोषण में वृद्धि करता है |
- एन्टीडाइयूरिटिक हार्मोन : यह पीयूष ग्रन्थि द्वारा स्त्रवित होता है , यह समीपस्थ व दूरस्थ कुंडलित नलिका में जल अवशोषण का नियमन करता है |
उत्सर्जन सम्बन्धित विकार
- यूरेमिया : जब रक्त में यूरिया की मात्रा अधिक हो जाती है टो इसे यूरेमिया कहते है |
- गाउट : इस रोग के दौरान संधियों व वृक्क उत्तकों में यूरिक अम्ल एकत्रित हो जाता है , जिससे जोड़ो में दर्द रहने लगता है , यह उपवास के समय अधिक होता है |
- वृक्क पथरी : इस रोग के दौरान वृक्क में कैल्शियम , ऑक्सेलेट व फास्फेट लवण अथवा यूरिक अम्ल के क्रिस्टल बन जाते है जो वृक्क नालिकाओ में फंस जाते है , इसे वृक्क पथरी कहते है |
- नेफ्रीटिस या ब्राईट रोग : यह स्ट्रेप्टोकोकाई जीवाणु के संक्रमण से होता है , इस रोग के दौरान ग्लोमेरुलस में सुजन आ जाती है जिससे पारगम्यता अधिक हो जाती है , परिणामस्वरूप रुधिर कोशिकाएँ प्रोटीन आदि छानकर मूत्र के साथ निकलने लगते है |
- ग्लाइकोसुरिया : इस रोग के दौरान मूत्र में शर्करा का उत्सर्जन होने लगता है इसे डायबिटीज मैलिटस भी कहते है |
- पोलीयुरिया : इस रोग में वृक्क नलिकाओं द्वारा जल का पुन: अवशोषण नहीं होता है |
- डाइबिटिज इन्डिपिंडस : यह रोग ADH हार्मोन के कम स्त्राव के कारण होता है , इस रोग के दौरान मूत्र में जल की मात्रा बढ़ जाती है तथा बार बार मूत्र त्याग करना पड़ता है |
- ओलिगोयूरिया : इस रोग में मूत्र की बहुत कम मात्रा बनती है तथा मूत्र त्याग भी बहुत कम होता है |
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics