electrostatic shielding in hindi , स्थिरवैद्युत परिरक्षण ,स्थिर विद्युत परिक्षण क्या है ? किसे कहते है ?
स्थिरवैद्युत परिरक्षण (electrostatic shielding in hindi) : हम जानते है कि आवेशित चालक के अन्दर विद्युत क्षेत्र का मान शून्य होता है। अत: संवेदनशील उपकरणों को बाह्य विद्युत क्षेत्र से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें खोखले चालक के अन्दर बंद रखा जाता है। ऐसे खोखले चालकों को फैराडे के खोल (faraday’s cases) कहते है।
उन्हें पृथ्वी से सम्बंधित करना आवश्यक नहीं है। बरसात में तूफान के समय जब आकाशीय बिजली का प्रकोप होता है तो उस समय खुले मैदान की अपेक्षा कार या बस के अन्दर ही रहना अधिक सुरक्षित रहता है।
बस या कार का आवरण विद्युत परिरक्षण प्रदान करता है। मूल तथ्य यह है कि किसी कोटर (खोखले आवरण) के अन्दर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है। उसका आकार या आकृति जो भी रहे और चालक पृष्ठ पर चाहे जितना आवेश हो।
इसका अभिप्राय यह हुआ कि बाहर चाहे जो भी आवेश और विद्युत क्षेत्र का विन्यास रहे , किसी चालक के अन्दर कोई कोटर बाहरी वैद्युत प्रभाव से मुक्त रहता है।
भूसम्पर्कित चालक XY भी विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध पर्दे का कार्य कर सकता है। उदाहरण के लिए चित्र में दर्शाए अनुसार जब XY को पृथ्वी से सम्बंधित नहीं किया जाता है तो B पर धनात्मक आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र XY के परे भी जारी रहता है लेकिन जब XY को भूसंपर्कित कर दिया जाता है तो प्रेरित धनावेश पृथ्वी में चला जाता है और विद्युत क्षेत्र XY के परे नहीं जाता है। वह XY के प्रथम पृष्ठ पर ही समाप्त हो जाता है।
यही कारण है कि उच्च वोल्टेज वाले जनरेटर को ऐसे खोल में बंद करते है जो भू-सम्पर्कित होता है।
प्रश्न : -10 माइक्रो कुलाम आवेश और 10 मिलीग्राम द्रव्यमान वाले एक कण के भार को संतुलित करने के लिए पर्याप्त विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना कीजिये ?
उत्तर : विद्युत क्षेत्र E में आवेश q पर बल –
F = qE
अत: F = W
qE = mg
अर्थात E = mg/q
मान रखकर हल करने पर –
m = 10mg , g = 9.8 m/sec2 , q = 10 uC
E = 10 N/C , निचे की तरफ।
प्रश्न : एक प्रोटोन u मीटर/सेकंड चाल से अत्यधिक दूरी से मुक्त स्थिर प्रोटॉन की तरफ गतिशील है तो दोनों प्रोटोन की अधिकतम पहुँच की दूरी द्रव्यमान और इसके आवेश e के पदों में ज्ञात करो ?
उत्तर : यहाँ पर स्थिर आवेश गति करने के लिए स्वतंत्र है। जब एक कण दुसरे के पास आ रहा होगा तो स्थिर वैद्युत प्रतिकर्षण के कारण दूसरा गति करना प्रारंभ कर देता है। इस कारण पहले कण का वेग घटने लगता है और दुसरे कण का वेग बढ़ने लगता है तथा उनके मध्य पहुँच की निकटतम दूरी के बाद दोनों समान वेग से गति करते है। इस प्रकार यदि v संयुक्त वेग हो तो दोनों प्रोटोन निकायों के संवेग संरक्षण से –
mu = mv + mv
v = 1/2u
और ऊर्जा संरक्षण से –
mu2/2 = mv2/2 + mv2/2 + e2/4πε0r
हम जानते है V = u/2
अत: mu2/2 – m(u/2)2 = e2/4πε0r
mu2/4 = e2/4πε0r
r = e2/πmε0u2
प्रश्न : R त्रिज्या के गोलीय कोश पर q आवेश समान रूप से वितरित है , इसे 2R त्रिज्या तक विस्तारित किया जाता है तो इस प्रक्रिया में विद्युत बलों के विरुद्ध विद्युत बल और बाह्यकर्ता द्वारा किया गया कार्य (धीरे धीरे ) ज्ञात करो ?
उत्तर : W = Uf – Ui = q2/16πε0R – q2/8πε0R
W = -q2/16πε0R
W = Ui – Uf = q2/8πε0R – q2/16πε0R = q2/16πε0R
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics