WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

गाउस के नियम से अनन्त रेखीय आवेश (आवेशित तार) के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

(electric field intensity due to infinite line charge from gauss law ) गाउस के नियम से अनन्त रेखीय आवेश (आवेशित तार) के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता  :
माना AB एक अनंत लम्बाई का रेखीय आवेश है , इस अनन्त लम्बाई वाले तार पर आवेश संतत रूप से वितरित है , तार पर आवेश का रेखीय λ घनत्व है।
इस रेखीय आवेश से r दूरी पर एक बिन्दु पर है तथा हमें इस रेखीय आवेश के कारण P बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है , P बिंदु के सम्मुख तार पर स्थित बिंदु O को निर्देश बिंदु मान लेते है।
निर्देश बिंदु O से तार पर समान दूरी पर दो अल्पांश dl लेते है इनको क्रमशः A1 & A2 नाम दिया गया है।
दोनों अल्पांशो पर रेखीय आवेश (आवेश ) समान तथा λ.dl के बराबर होगा।
दोनों अल्पांशो के कारण बिंदु P पर वैधुत क्षेत्र की तीव्रता को dE1 & dE2 से व्यक्त किया गया है यहाँ dE1 & dE2 परिमाण में समान होंगे।
dE1 & dEदो घटको में विभक्त होते है यहाँ एक घटक dE1Sin θ & dE2 Sin θ परिमाण में समान है लेकिन दिशा में विपरीत है अतः ये एक दूसरे को नष्ट कर देते है।
दूसरा घटक dE1Cosθ & dE2Cosθ परिमाण में समान है लेकिन दोनों एक ही दिशा में है अतः ये दोनों आपस में जुड़ जाते है , इनका मान ही P बिंदु पर दोनों अल्पांशो के कारण P बिंदु पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करता है अतः वैद्युत क्षेत्र तार के लंबवत P के अनुदिश होगा।
विद्युत क्षेत्र की दिशा तार के लंबवत P बिंदु की तरफ होगी।
चूँकि आवेश तार पर संतत रूप से वितरित है अतः इस तार की लम्बाई l के सममित बेलनाकार पृष्ठ की कल्पना करते है।

गाउस के नियम से पृष्ठ में परिबद्ध आवेश
q = λ l
अतः गॉस के नियम से
E.dS = q/ε0  λl /ε0
गाउसीय पृष्ठ (बेलनाकार बंद पृष्ठ माना है ) को तीन भागो में बांटा जा सकता है
1. ऊपरी वृत्ताकार पृष्ठ
2. निचला वृत्ताकार पृष्ठ  
3. वक्र पृष्ठ  
विद्युत क्षेत्र S1 व S के साथ 90 डिग्री का कोण है तथा S3 व E के मध्य 0 डिग्री का कोण है अर्थात Sपृष्ठ E के अनुदिश है।

गाउस के नियम से

अतः

बेलन का क्षेत्रफल S = 2πrl
अतः
E .  2πrl = λl /ε0
E = 2kλ/r
E = λ/[ 2 π r εo ]