डोलोमाइट के उपयोग क्या है ? डोलोमाइट उत्पादन राज्य कौन कौनसे है कहाँ मिलता है भारत में dolomite in hindi
dolomite in hindi is an ore of डोलोमाइट के उपयोग क्या है ? डोलोमाइट उत्पादन राज्य कौन कौनसे है कहाँ मिलता है भारत में राज्यों के नाम बताइए ?
डोलोमाइट (Dolomite)
जब चूना पत्थर में 10% से अधिक मैग्नीशियम होता है तो वह डोलोमाइट कहलाता है और जब यह अनुपात 45% से अधिक हो जाता है तो इसे शुद्ध डोलोमाइट कहते हैं। इसका 90% उपयोग लोहा-इस्पात उद्योग मे होता है। 4% उर्वरक, 2% शीशा तथा मिश्र धातु तथा शेष अन्य उद्योगों में प्रयोग होता है। यह देश के विस्तृत क्षेत्रों में उपलब्ध है। डोलोमाइट के सभी प्रकारों का कुल भण्डार 7533 मिलियन टन है। लगभग 88 प्रतिशत डोलोमाइट संसाधन मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गुजरात, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र में हैं। सन् 1994-95 में डोलोमाइट का उत्पादन 3419 हजार टन था, जो 2008-09 में बढ़कर 4245 हजार टन हो गया। उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा झारखंड मुख्य उत्पादक हैं (तालिका 2.18)।
1. उड़ीसाः यह भारत का सबसे बड़ा उत्पादक है और देश का लगभग 31 प्रतिशत डोलोमाइट का उत्पादन करता है। इस राज्य में 562.8 मिलियन टन डोलोमाइट का भण्डार है जिनमें अकेले बीरमित्रपुर में 256 मिलियन टन हैं। अन्य मुख्य भण्डार सुन्दरगढ़, सम्भलपुर और कोरापुट जिलों में हैं।
2. छत्तीसगढ़ः यह राज्य देश का 24 प्रतिशत से अधिक डोलोमाइट पैदा करता है। सभी प्रकार के डोलोमाइट के भंडार 1638 मिलियन टन हैं। बस्तर, बिलासपुर, दुर्ग तथा रायगढ़ मुख्य उत्पादक जिले हैं।
3. आंध्र प्रदेशः देश का लगभग 20 प्रतिशत डोलोमाइट पैदा करके आंध्र प्रदेश भारत का तीसरा बड़ा उत्पादक है। अनन्तपुर, कुर्नूल तथा मुख्य उत्पादक जिले हैं।
4. कर्नाटकः यह राज्य भारत का लगभग सात प्रतिशत डोलोमाइट पैदा करता है। बेलगाम, बीजापुर चित्रदुर्ग, मेसर उत्तर कन्नड तथा तुमकर मुख्य उत्पादक जिले हैं।
5. झारखंडः यह राज्य देश का लगभग । 6.8ः डालोमाइट पैदा करता है। सिंहभूम तथा पलामू मुख्य उत्पादक जिले है।
एस्बेस्ट्स (Asbestos)
अपनी रेशायुक्त संरचना तथा आग का प्रतिरोधक, जैसे-अद्वितीय गुणों के कारण एस्बेस्ट्स बहुत ही उपयोगी खनिज बन गया है। इसे फायरप्रूफ वस्त्र, रस्सी, कागज, बेल्ट, पेन्ट, वाहनों में ब्रेक लाइनिंग तथा अन्य कई वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रयोग किया जाता है। एस्बेस्ट्स से सीमेंट की चादरें, शीट, स्लेट, पाइप तथा टाइलें बनाई जाती हैं। भुरभुरा होने पर इससे फिल्टर पैड बनाए जाते हैं जो तेजाब तथा अन्य रासायनिक पदार्थों को छानने के काम आते हैं। इसे मैग्नीशिया के साथ मिलाकर मैग्नीशिया ईटें बनाई जाती हैं, जिनका प्रयोग ताप के कुचालक के रूप में किया जाता है।
भारत में एस्बेस्ट्स के उत्पादन में न्यूनाधिकता आती रहती है। उदाहरणतया 1994-95 में इसका उत्पादन 28326 टन था, जो 2001-02 में 11,148 टन, 2002-03 में 14,139 टन तथा 2004-05 में 5619 टन था। देश का 90 प्रतिशत से अधिक एस्बेस्ट्स राजस्थान से प्राप्त होता है। उदयपुर, इगरपुर, अलवर तथा पाली जिले मुख्य उत्पादक हैं। आंध्र प्रदेश के कुडप्पा जिले में उच्च कोटि का एस्वेस्ट्स मिलता है। कर्नाटक के हमाम, माड्या, शिमोग, मैसूर तथा चिकमंगलूर जिलों में भी एस्बेस्ट्स मिलता है। इसके अन्य उत्पादक राज्य झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ तमिलनाडु उत्तराखण्ड तथा नागालैण्ड हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics