प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है ? dispersion of light in hindi , प्रकाश का वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं
श्वेत प्रकाश के अवयवी रंग VIBGYOR है
यहाँ
V = Violet = बैंगनी
I = Indigo = नील
B = Blue = नीला
G = Green = हरा
Y = Yellow = पीला
O = Orange = नारंगी
R = Red = लाल
चूँकि हम जानते है की किसी भी पदार्थ का अपवर्तनांक का मान प्रकाश की तरंगदैध्र्य पर भी निर्भर करता है अतः हम कह सकते है की अलग अलग रंगो के लिए अपवर्तनांक का मान अलग अलग होता है क्योंकि प्रत्येक रंग की तरंगदैध्र्य भिन्न होती है।
जिस रंग की तरंगदैध्र्य कम होती है उसके लिए अपवर्तनांक का मान उतना ही अधिक होता है तथा जिस रंग की तरंगदैध्र्य सबसे अधिक होती है उसके लिए अपवर्तनांक का मान उतना ही कम होता है।
रंगो का तरंगदैध्र्य क्रम में बढ़ता क्रम
V = Violet = बैंगनी
I = Indigo = नील
B = Blue = नीला
G = Green = हरा
Y = Yellow = पीला
O = Orange = नारंगी
R = Red = लाल
अतः बैंगनी रंग के लिए अपवर्तनांक का मान सबसे अधिक होगा तथा लाल रंग के लिए पदार्थ का अपवर्तनांक सबसे कम होगा।
अतः जब बैंगनी रंग को प्रिज्म से गुजारा जाए तो इसके लिए विचलन का मान अधिकतम होगा।
तथा जब लाल रंग को प्रिज्म से गुजारा जाये तो इसके लिए विचलन कोण का मान न्यूनतम होगा।
इस आधार पर जब श्वेत रंग को किसी प्रिज्म से गुजारा जाए तो वह तरंगदैध्र्य के अनुसार अलग अलग विचलन कोण से विचलित हो जाती है और हमें प्रकाश सात रंगों के रूप में दिखाई देता है इस प्रकार श्वेत रंग का अपने अवयवी 7 रंगों में विभक्त होने की घटना को ही प्रकाश का विक्षेपण कहते है।
माना बैंगनी रंग का विचलन कोण δV हैं। तथा लाल रंग का विचलन कोण δR हैं तो बैंगनी व लाल रंग के कोणीय विचलन के अंतर को कोणीय विक्षेपण कहते है।
θ = δV – δR
प्रकाश का वर्ण विक्षेपण
जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकाश से प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते है तथा श्वेत प्रकाश को अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को वर्ण विक्षेपण कहते हैं। सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में बैंगनी रंग का विक्षेपण सबसे अधिक एवं लाल रंग का विक्षेपण सबसे कम होता हैं। विभिन्न रंगों का आधार से ऊपर की ओर क्रम इस प्रकार है- बैंगनी, नील या जामुनी, आसमानी या नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल।
बैनीआहपीनाला-
न्यूटन ने सन् 1666 ई. में पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं। वर्ण विक्षेपण किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न चाल होने के कारण होता है। अतः किसी पदार्थ का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता हैं पारदर्शी पदार्थ में जैसे-जैसे प्रकाश के रंगों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे उस पदार्थ में उसकी चाल कम होती जाती है, जैसे-काँच में बैंगनी रंग क प्रकाश की चाल सबसे कम तथा अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है तथा लाल रंग की चाल सबसे अधिक एवं अपवर्तनांक सबसे कम होता है। शेष रंगों की चाल इन दोनों रंगों के बीच होता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम व लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है। प्रकाश की तरंगदैर्ध्य को एंगस्ट्राम मे मापते है तथा इस ।° से व्यक्त करते है। (1 । ° = 10-10उ)
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