WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

उत्तल लेंस और अवतल लेंस में क्या अंतर है कोई चार अंतर लिखिए difference between convex and concave lens in hindi

difference between convex and concave lens in hindi उत्तल लेंस और अवतल लेंस में क्या अंतर है कोई चार अंतर लिखिए ?

अध्याय : गोलीय लैंस
(Spherical Lenses)

गोलीय लेंस (Spherical Lens)
दो पृष्ठों, जिनमें कम से कम एक पृष्ठ गोलीय पृष्ठ हो, के बीच घिरा हुआ एक पारदर्शी माध्यम गोलीय लेंस कहलाता है। ये दो प्रकार के होते हैं-
1. उत्तल (अभिसारी) लेंस 2. अवतल (अपसारी) लेंस
1. उत्तल (अभिसारी) लेंस- वह लेंस जो कि किनारों पर पतला तथा मध्य भाग में उभरा हुआ हो। उत्तल लेंस तीन प्रकार के होते है-
ं(A) उभयोतल लेंस (B) समतलोत्तल लेंस (C) अवतलोत्तल लेंस
जिसके दोंनों पृष्ठः गोलीय हों तथा उत्तल पार्श्व बाहर की ओर हो।

जिसका एक पृष्ठ समतल तथा दूसरा जिसके दोनों पृष्ठ गोलीय हों परंतु दोनों का उत्तल पार्श्व बाहर की गोलीय हो एवं गोलीय पृष्ठ का. एक गोलीय पृष्ठ का उत्तल पार्श्व ओर हो। .. बाहर की ओर जबकि दूसरे का
अवतल पार्श्व बाहर की ओर हो।

चित्र 9.1: उत्तल लेंस एवं उसके प्रकार

2. अवतल (अपसारी) लेस- वह लेस जो किनारों पर मोटा हो जबकि मध्य भाग में पतला हों। अवतल लेंस भी तीन प्रकार के होते हैं-
(A) उभयावतल लेंस (B) समतलावतल लेंस (C) उत्तलावतल लेंस

जिसके दोनों पृष्ठ गोलीय हों तथा इनके जिसका एक पृष्ठ समतल तथा दूसरा जिसके दोनों पृष्ठ गोलीय हों परंतु एक अवतल पार्श्व बाहर की ओर हों . . गोलीय हो तथा गोलीय पृष्ठ का अवतल गोलीय पृष्ठ का अवतल पार्श्व बाहर की पार्श्व बाहर की ओर हो।
ओर हो जबकि दूसरे का उत्तल पार्श्व बाहर
की ओर हो।

चित्र 9.2: अवतल लेंस एवं उसके प्रकार

 कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Some Important Definitions)
1. मुख्य अक्ष (Principal Axis): लेंस के गोलीय पृष्ठों के वक्रता केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा या एक गोलीय पृष्ठ के वक्रता केन्द्र से गुजरने वाली रेखा जो कि लेंस के समतल पृष्ठ पर लम्बवत् हो, लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।
2. प्रकाशिक केन्द्र (Optial centre): लेंस की मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्द जिसमें होकर आने वाली प्रकाश काण अविचलित रहती है, लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है।
3. प्रथम फोकस बिन्दु (First Focus Point): लेंस की मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु जिसमें से आने वाली किरणें (उत्तल लैंस) या जिसकी ओर दिष्ट किरणे (अवतल लैंस) लैंस से अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समान्तर गमन करती हैं। चित्र में ये किरणें 1 व 2 से व्यक्त की हैं तथा थ्श् प्रथम फोकस बिन्दु है-
4. द्वितीय फोकस बिन्दु (Second Focus Point):
लेंस की मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणे लेंस से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु पर अभिसारित होती हैं (उत्तल लेंस) या जिस बिन्दु से अपसारित होती हुई (अवतल लेंस) प्रतीत होती हैं लेस का द्वितीय या मुख्य फोकस बिन्दु कहलाता है। चित्र में ये किरणें 3 व 4 से तथा मुख्य फोकस को बिन्दु थ् से व्यक्त किया गया है।
5. फोकस दूरी (Focal Length):
लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से द्वितीय फोकस (मुख्य फोकस) बिन्दु की दूरी लेन्स की फोकस दूरी कहलाती है। दूरी िसे व्यक्त करते हैं। यदि लेन्स के दोनों ओर का माध्यम एकसा है तो लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से प्रथम फोकस एवं द्वितीय फोकस की दूरी समान होती है।
लैंस सूत्र: किसी लेन्स से न दूरी पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब लेन्स से अ दूरी पर बनता है, तब
1/f = 1/v – 1/u
उक्त सूत्र में f, लेंस की फोकस दूरी है तथा नए v तथा f के मान कार्तीय चिन्ह परिपाटी का उपयोग करके उपयुक्त चिन्ह सहित प्रयुक्त करते हैं। .
लेंस निर्माता सूत्र- यदि लेंस के पृष्ठों की वक्रता त्रिज्याएं R1 व R2 हैं, लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक μ2 तथा लेंस के बाहर के माध्यम का अपवर्तनांक μ1 है तब .
1/f =  (μ2 /μ1 – 1)  (1//R1 – 1/R2)

यदि लेंस के बाहर माध्यम वायु है तब μ1 = 1 तथा μ2 = μ (माना)
अतः 1/f =  (μ – 1) (1/R1 – 1/R2)

6. लैंस का द्वारक (Apertue of Lens) : लेन्स की वत्ताकार किनारी का व्यास, लेन्स का द्वारक कहलाता है।
7. लैंस की शक्ति (Power of a Lens): किसी लेन्स की किरणों को अभिसारित या अपसारित करने की क्षमता लेंस की शक्ति कहलाती है तथा लेंस की शक्ति उसकी फोकस दूरी के व्युत्क्रम होती है। अर्थात
शक्ति P = 1/f  लेंस शक्ति का मात्रक डायप्टर होता है।
9.3 लेंस से प्रतिबिम्ब निर्माण (Image formation by Lens)
किसी लेंस से प्रतिबिम्ब की स्थिति जानने तथा प्रतिबिम्ब का निर्माण करने में निम्न तीन किरणों का उपयोग करते हैं, ये तीन किरणें (या इनमें से कोई दो) लेंस से अपवर्तन के पश्चात जिस स्थिति पर परस्पर काटती हैं या जिस बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं प्रतिबिम्ब वहीं बनता है, ये तीन किरणें हैं-
(A) मुख्य अक्ष के समान्तर किरण-लेंस से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से गुजरती है (उत्तल लेंस) या मुख्य फोकस से आती हुई प्रतीत होती है (अवतल लेंस)
(B) प्रथम फोकस में से होकर आने वाली (उत्तल लेंस) या प्रथम फोकस की ओर दिष्ट (अवतल लेंस) लेंस से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर गमन करती है।
(C) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण अविचलित रहती है।