भ्रूण का विकास , प्रसव व दुग्ध रक्तवर्ण , दुग्ध स्त्रवण , गर्भाविधि Development of fetus
Development of fetus & Childbirth in hindi दुग्ध स्त्रवण , गर्भाविधि , प्रसव व दुग्ध रक्तवर्ण , भ्रूण का विकास
भ्रूण का विकास:-
दिन :- युग्मनज
1 दिन :- दो कोशिका
2 दिन :- 16 कोशिका
3 दिन
4 दिन :- गर्भाशय में प्रवेश
7-8 दिन :- अंतर्रोपण
1 माह बाद :- हदय की धडकन
2 माह बाद :- पाद व अगुंलिया
5माह बाद :- जननाँग सलित सभी अंग
5 माह बाद:-गतिशीलता
6 माह बाद :- बराॅनियावपलकाँ का निर्माण व शरीर पर कोमल बाल
9 माह बाद :- पूर्ण विकसित शिशु
प्रसव व दुग्ध रक्तवर्ण:-
मनुष्य में सर्गाता की अवधि लगभग 9-5 माह होती है इसे गर्भा विधि कहते है। गर्भा विधि वर्ण होने पर गर्भाशय में सकुंचन होते है जिससे गर्भ शिशु के रूप में बालक आ जाता है इसे शिशु जन्म या प्रसव कहते है।
प्रसव की क्रियाविधि:-
ऊतक की क्रिया तंत्री-अंत स्त्रावी प्रकार की होती है।
प्रसव के लिए संकेत उपरा एवं गर्भाशय सारा उत्पन्न होते है जिससे गर्भाशय में हल्के संकुचन, उत्पन्न होते है इन्हे गर्भउत्क्षेपण प्रतिवर्त कहते है। हय माँ की पीयूष ग्रन्थिसे आक्सिटोसिन केनिकने की क्रिया को प्रेरित करते है। आक्सिट्रोसिन गर्भाशय की पेशियों पर कार्य करता है। जिससे गर्भाशय का संकुचन अधिक जोर से होता है जिससे आक्स्टिोसिन अधिकमा में निकलता है इस प्रकार गर्भााय संकुचन एवं अधिक टोसिन स्वणके कारण सकुंचन तीव्र से तीव्रतर हो जाते है एवं शिशु माँ के गर्भाशय को जोरदार संकुचन के कारण जन्म नाल हास बाहर आ जाता है तथा प्रसव क्रिया संपन्न हो जाती है।
दुग्ध स्त्रवण:-
गर्भावस्था के दौरान मादा कीस्तनग्रन्थियांे में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते है तथा सगर्भता के अन्त में स्तर ग्रन्थियों से दूध उत्पन्न होने लगता है इस क्रिया को दुग्ध स्त्रवण लेक्टेशन कहते है।
महत्व:-
1 नवजात शिशु की आहार पूर्ति में मदद।
2 एक स्वस्थ शिशु की वृद्धि एवं विकास में सहायक
3 दुग्धस्त्रवण के शुरूआत के कुछ दिनों में जो दूध निकलता है उसे प्रथम स्तन्य या क्वीस कोलोस्ट्रा कहते है। इसमें कईप्रकार के प्रतिरक्षी तत्व पाये जाते है जो नवजात शिशु में प्रतिरोधी क्षमता उत्पन्न करने हेतु अति आवश्यक होत है।
AIPMT :-. गर्भाविधि:-
सेलामेण्डर :- 100 दिन भैस :- 300 दिन
हाथी :- 624 दिन गाय :- 284 दिन
ऊंट :- 400 दिन मनुष्य :- 280 दिन
गधा :- 365 दिन किरण :- 240 दिन
घोडा :- 350 दिन बंदर, भेड बकरी :- 150 दिन
सुअर :- 114 दिन खरगोश :- 28-30 दिन
चूहा :- 21 दिन ओपोसम :- 12 दिन
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics