सॉफ्टवेयर की परिभाषा क्या है , प्रकार , एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर , computer software in hindi सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं
computer software in hindi सॉफ्टवेयर की परिभाषा क्या है , प्रकार , एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर , सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं ? नाम , उपयोगिता , हिंदी अर्थ किसे कहते है ?
SOFTWARE (सॉफ्टवेयर) : सॉफ्टवेर निर्देशो का समूह होता है जो कंप्यूटर और उसके भागो को कार्यशील बनता है |सॉफ्टवेर के बिना , कंप्यूटर एक निरथक उपकरण है|
सॉफ्टवेर को दो प्रकार में DIVIND किया गया है|
(i) SYSTEM SOFTWARE
सिस्टम सॉफ्टवेर ये सॉफ्टवेर होते है जो कंप्यूटर , उसके भागो और यूजर के बीच कम्युनिकेशन लके लोइए जिम्मेदार होता है|सिस्टम सॉफ्टवेर MIDDLEMAN की तरह कार्य करता है जो बाकि सॉफ्टवेर और हार्डवेयर के बीच कम्युनिकेशन करवाता है |
सिस्टम सॉफ्टवेर पांच प्रकार के होते है |
1.OPERATING SOFTWARE : ये हार्डवेयर ,सिस्टम प्रोग्राम और बाकी डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन करवाता है |
2.DEVICE DRIVER : ये कंप्यूटर हार्डवेयर और ऑपरेटिंग सॉफ्टवेर के बीच कम्युनिकेशन करवाता है |
3.FIRMWARE : ये किसी नये डिवाइस ऑफ़ जोड़ने और कण्ट्रोल करता है |
4.UTILITY : ये डिवाइस के कार्यशीलता को सुनिश्चित करता है |
5.TRANSLATOR : ये USER COMMANDS को MACHINE CODE में TRANSLATE करता है |
ओपरटिंग सॉफ्टवेर :
ओपरटिंग सॉफ्टवेर सिस्टम सॉफ्टवेर का यह प्रकार है जो यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर में बीच कड़ी है |किसी भी कंप्यूटर को शुरू करने से पहले ये सॉफ्टवेर सबसे पहले इनस्टॉल होता है |
ओपरटिंग सॉफ्टवेर सबसे पहले मेमोरी में लोड होता है जब यूजर कंप्यूटर को ON करता है |उदहारण के लिए ,जब यूजर किसी DOCUMENTS को प्रिंट करना चाहता है तब उसे के बोर्ड से डाटा टाइप करना पड़ेगा और मॉनिटर पर देखगे और प्रिंटर पर प्रिंट का कमांड देना होगा |इस कार्य के लिए प्रिंटर ,की- बोर्ड और मॉनिटर के कम्युनिकेशन होगा|यह कम्युनिकेशन ऑपरेटिंग सॉफ्टवेर से होता है |
ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रकार :
1 . REAL TIME OS : ये सॉफ्टवेर कुछ विशेष HARDWARE जैसे ROBOT,EMBEDDED सिस्टम मई इनस्टॉल होता है |
2.SINGLE USER AND SINGLE TASK OS : ये सॉफ्टवेर सिंगल यूजर स्य्स्तेम्म मई इनस्टॉल होते है जैसे एंड्राइड ,IOS आदि |
3.MULTI USER OS : ये सॉफ्टवेर MULTI यूजर स्य्तेम मई इनस्टॉल होता है जैसे सर्वर विंडोज आदि |
4.NETWORK OS : ये सॉफ्टवेर दो या दो से अधिक कंप्यूटर के बीच NETWORK बनता है | उन कंप्यूटर सिस्टम के RESOURCES को शेयर भी करता है |
OPERATING SYSTEM के उदहारण :
विंडोज 10 , MAC OS X,UBUNTU ,RED HAT ENTERPRISE , I-PHONE OS ,CLUB LINUX आदि |
2.डिवाइस ड्राईवर:
ड्राईवर सॉफ्टवेर सिस्टम सॉफ्टवेर का वे प्रकार है जो कंप्यूटर के बाहरी डिवाइस को OPERATING SOFTWARE के बीच कम्युनिकेशन के जिम्मेदार होता है|ऑपरेटिंग सॉफ्टवेर इन ड्राईवर की सहयता से इन डिवाइस से कम्युनिकेशन करता है | ड्राईवर सॉफ्टवेर के बिना ऑपरेटिंग सॉफ्टवेर इन DEVICE कों कोई कार्य नहीं दे सकता है|
MOUSE ,KEYBOARD,SOUND CARD , डिस्प्ले CARD आदि को DRIVER SOFTWARE की चहिये है |
3.FIRMWARE
FIRMWEARइ एक ऑपरेशनल सॉफ्टवेर है जो मेमोरी (RAM ,ROM ),FLASH का कम्युनिकेशन OPERATING सिस्टम से करता है |FIRMWARE ROM में स्टोर होता है \ इसको चंगे करने के लिए ROM को चेंज करना पड़ता है | लेकिन वर्तमान FIRMWARE FLASH में स्टोर होता है |इसे SWAPPING METHOD से आसानी से चंगे किया जा सकता है |
कंप्यूटर में BIOS सबसे महत्पूर्ण FIRMWARE है |
4.TRANSLATOR
TRANSLATOR ये सॉफ्टवेर है जो HIGH LEVEL LANGUAGE को MACHINE language को ट्रांसलेट करता है | HIGH LEVEL LANGUAGE SYNTAX का ग्रुप होता है जिसे PROGRAMMER आसनी से समझ कर कंप्यूटर में नए प्रोग्राम को बना सकते है | उदहारण के लिए C ,C++,JAVA आदि|
COMPILERS ,INTERPRETERS और ASSEMBLERS बहुत पोपुलर ट्रांसलेटर है |
5.यूटिलिटीज़
यूटिलिटीज ये सिस्टम सॉफ्टवेर होते है जो कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेर के बीच कम्युनिकेशन करवाता है |ये कंप्यूटर की PERFEROMANCE और REPAINNG का कार्य करता है |
ये सॉफ्टवेर सभी THIRD PARTY सॉफ्टवेर होते है लेकिन ये OS के साथ आसनी से मिल जाता है |उदहारण के लिए HIREN BOOT CD , ULTIMATE BOOT CD आदि|
ANTIVIRUS कंप्यूटर की सभी फाइल्स ऑफ़ डाटा की सिक्यूरिटी करता है | जैसे QUICK HEAL ,MALWARE ,AVG|
DISK PARTITION SOFTWARE मेमोरी के पार्ट करने में उपयोग होता है |
FILES COMPRESS SOFTWARE ,DATA BACKUP , FIREWALL सभी यूटिलिटी सॉफ्टवेर है |
2.APPLICATION सॉफ्टवेर :
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर किसी विशेष कार्य के लिए बनाया जाता है | ये कई प्रकार के होता है |
१ WORD PROCESSING SOFTWARE : MS WORD, WORD PAD ,NOTEPAD ETC.
2. DATABASE SOFTWARE : ORACLE , MS ACCESS ETC.
3.SPREADSHEET : APPLE NUMBERS ,MICROSOFT EXCEL.
4.MULTIMEDIA SOFTWARE ; VLC PLAYER ,KM PLAYER ,WINDOW PLAYER .
5.EDUCATIONAL SOFTWARE: DICTORIES,MATLAB,NASA WORLD ETC.
6.SIMULATION SOFTWARE : FLIGHT SIMULATION
7.SOFTWARE FOR ENGINEERING : IDE MANY MORE.
WORD PROCESSING सॉफ्टवेर :
वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेर का मुख्य काम है रिपोर्टस ,लैटर,FAXES , MEMOS बनाना |WORD प्रोसेसिंग सॉफ्टवेर कई सरे कार्य को आसन करता है जैसे डाटा टाइप करना ,EDIT करना और FORMATING करना |
FEATURE ऑफ़ THESE SOFTWARE
– WORD PROCESSING सॉफ्टवेर एक लाइन के बाद आटोमेटिक पॉइंट INSERT कर देते है |
-आटोमेटिक SPELL और GRAMMER CHECK करता है |
-AUTO CORRECT FEATURE आटोमेटिक SPEELING REPLACE कर देता हैं|
-टाइप की गया FILES को सेव कर देता है जिन्हें कोई भी यूजर एक्सेस कर सकता है |कभी कभी ये फाइल को PROTECT करने की FACILITY भी देता है |
WEB BASED APPLICATION :
वेब BASED एप्लीकेशन का मतलब है वेबसाइट | ये दो तरह के होता है |
वेबसाइट कई डाटा ( DRAWING , CONTENT, PHOTOES आदि ) का कलेक्शन होता है |
ASP किसी सॉफ्टवेर का पार्ट होते हो जिसे यूजर को भेजा जा सकता है और इसे HARD DISK मई INSTALL कर USE कर सकते है |
DATABASE सॉफ्टवेर :
DATABASE सॉफ्टवेर डाटा को RATIONAL COLLECTION बनाने में मदद करता है | जिसे कही भी ACCESS कर सकते है |
DATABASE सॉफ्टवेर को ऑफिस,एजुकेशन संस्था और कई जगह इस्तेमाल किय जाता है |COREL PARADEX , MICROSOFT ACCESS और LOTUS APPROCH सबसे ज्यादा USED डेटाबेस सॉफ्टवेर है |
DATABASE सॉफ्टवेर EDITING ,SORTING,INSERTING और DELETING को आसन कर देता है|
SPREAD SHEET :
स्प्रेडशीट का मुख्य कार्य CHARTS ,GRAPH ,NUMERICAL डाटा जैसे फाइनेंसियल REPORTS और BUDGETS को यस्थित करता है |स्प्रेडशीट ROW और COLUMN का ग्रुप होता है जिसमे डाटा को इन्सर्ट किया जा सकता और बाद में इसे CHART ,GRAPH बनाया जता है |
स्प्रेडशीट कई प्रकार की CHART जैसे PIE CHART ,BAR CHART ,LINE CHART आदि बनता है |
PIXEL PERFECT PICTURE ,MALWARE , ADWARE ,SPYWARE ,SHAREWARE ,MULTIMEDIA SOFTWARE आदि MOSTLY USED एप्लीकेशन SOFTWARE है |
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से सम्बन्धित प्रश्न और उत्तर :-
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर
कंप्यूटर विज्ञान की प्रमुख दो शाखाएँ हैं, जिन्हें हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर कहते हैं।
(1) हार्डवेयर
कंप्यूटर के सभी भौतिक भाग, जिन्हें आप देख सकते हैं और स्पर्श कर सकते हैं, हार्डवेयर कहलाते हैंय जैसेङ्तकी-बोर्ड, मॉनीटर, सिस्टम यूनिट, माउस, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, फ्लॉपी ड्राइव, माइक्रोप्रोसेसर एवं अन्य कंपोनेंट्सङ्तमेमोरी चिप और मदरबोर्ड हैं।
(2) सॉफ्टवेयर
कंप्यूटर के वे सभी भाग जो अदृश्य रहकर काम करते हैं, सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। सामान्यतः कंप्यूटर को दिए जानेवाले प्रोग्राम्स के समूह सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। वे सॉफ्टवेयर को ठीक उसी तरह संचालित करते हैं जैसे हमारे मस्तिष्क के विचार हमारे शरीर के भागों को। कंप्यूटर का विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग आज के आधुनिक समाज में कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है। शायद ही कोई क्षेत्र होगा, जहाँ कंप्यूटर महत्त्वपूर्ण भूमिका न निभाता हो। लगभग सभी सरकारी, अर्धसरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में कंप्यूटर का खूब प्रयोग हो रहा है।
(1) बैंक
बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों में कंप्यूटर का प्रयोग खाते रखने के लिए किया जाता है। हजारों व्यक्तियों के खातों का ब्यौरा मोटे-मोटे लैजर में ढूँढ़ना असुविधाजनक होता था एवं इसमें समय भी बहुत लगता था, परंतु कंप्यूटर में केवल किसी व्यक्ति का एकाउंट नंबर टाइप करके एक बटन दबाकर उसका संपूर्ण ब्यौरा पलक झपकते ही प्राप्त किया जा सकता है। आजकल बैंकों को नेटवर्क के माध्यम से जोड़कर ग्राहकों को किसी भी शाखा से धन जमा कराने और ।ज्ड से भुगतान प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है।
(2) शिक्षा
स्कूलों में गणित, विज्ञान और भूगोल जैसे विषय पढ़ाने हेतु कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रमुख लाभ यह है कि टीचर को बार-बार रेखाचित्रों व मानचित्रों को बोर्ड पर बनाने और मिटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि कंप्यूटर पर बनाए रेखाचित्रों और मानचित्रों को मात्र एक बटन दबाकर स्क्रीन पर दिखाया जाता है और उसको रंगों आदि के प्रयोग से स्पष्ट करते हुए आसानी से पढ़ाया व समझाया जाता है।
(3) हॉस्पिटल
हॉस्पिटल की सर्जिकल मशीनों को कंप्यूटर से जोड़कर ऑपरेशन जैसी गतिविधियाँ करना हॉस्पिटल का प्रमुख कार्य होता है। इसका एक उदाहरण आँख की जाँच करनेवाली मशीन है, जो कंप्यूटर द्वारा संचालित होती है। मरीजों का रिकॉर्ड रखना भी कंप्यूटर का एक आवश्यक कार्य है।
(4) इंजीनियरिंग
पुल, मकान, गाड़ियाँ आदि बनाने से पहले उनका तकनीकी डिजाइन बनाया जाता है। यह कार्य पहले इंजीनियर कागज पर करते थे और डिजाइन में किसी भी प्रकार का बदलाव करने के लिए पूरे डिजाइन को दोबारा बनाना पड़ता था। आजकल कंप्यूटर पर इंजीनियरिंग डिजाइन बनाने के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जो मात्र कुछ डेटा इनपुट करने पर स्वतः ही डिजाइन बना देते हैं। इनको अपनी आवश्यकता के अनुसार बदलाव करके अंतिम रूप दिया जा सकता है। डिजाइन में चाहे जितने बदलाव करें, पूरी डिजाइन को मिटाने और दोबारा बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
(5) ऑफिस
ऑफिस में लेटर टाइप करने और प्रिंट निकालकर भेजने के अतिरिक्त कर्मचारियों के वेतन का हिसाब करने जैसे कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं। इंटरनेट के माध्यम से ई-मेल द्वारा संदेश भेज सकते हैं, फैक्स का कार्य भी कंप्यूटर से किया जाता है।
(6) दूरसंचार
कंप्यूटर ने देश-विदेश में बैठे व्यक्तियों के साथ बातचीत करना और वस्तुओं का क्रय-विक्रय इतना आसान बना दिया है, जैसे एक ही छोटे शहर या गाँव के व्यक्तियों के लिए आपस में क्रय-विक्रय आसान होता है। इस सिस्टम को श्ग्लोबल विलेजश् नाम दिया गया है।
इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर के माध्यम से आप बिना ैज्क् या प्ैक् का खर्च किए और समय की परवाह किए बिना ही लंबी बातचीत कर सकते हैं। देश-विदेश के व्यक्तियों को अपना मित्र बना सकते हैं और अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
(7) उद्योग
उद्योग जगत् में विशेष प्रकार के कंप्यूटर प्रयोग किए जाते हैं, जो आउटपुट को शब्दों या अक्षरों में नहीं, बल्कि विद्युत् सिग्नलों के रूप में देते हैं, जिनके आधार पर मशीनों को नियंत्रित और संचालित किया जाता है। रासायनिक कार्यशालाओं और ऐसे ही अन्य खतरनाक क्षेत्रों में, जहाँ मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
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